कुलगाम, शोपियां और सोपोर में एक साथ बड़ी कार्रवाई; आतंकी तंत्र और फंडिंग नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में एजेंसियों की सख्त मुहिम
जम्मू। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (जेईआई) के खिलाफ एक व्यापक और समन्वित अभियान चलाते हुए आतंकी नेटवर्क पर बड़ा प्रहार किया है। कुलगाम, शोपियां और सोपोर जिलों में पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की संयुक्त टीमों ने सैकड़ों ठिकानों पर छापेमारी की। इस कार्रवाई का उद्देश्य संगठन के आर्थिक और वैचारिक नेटवर्क को पूरी तरह ध्वस्त करना बताया जा रहा है।
कुलगाम में 200 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी
कुलगाम पुलिस ने जिलेभर में एक साथ 200 से अधिक स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। पुलिस के अनुसार, ये छापे जमात-ए-इस्लामी के सदस्यों और उनके सहयोगियों के घरों, कार्यालयों और अन्य परिसरों में मारे गए। छापेमारी के दौरान डिजिटल उपकरण, दस्तावेज़ और वित्तीय रिकॉर्ड जब्त किए गए हैं, जो संगठन की गतिविधियों से जुड़े बताए जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई संगठन के “जमीनी नेटवर्क और आतंकी गतिविधियों को समर्थन देने वाले ढांचे” को खत्म करने के उद्देश्य से की गई है। सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक, कई स्थानीय नेताओं और सहयोगियों से पूछताछ की जा रही है ताकि संगठन के फंडिंग चैनल और विदेशी संपर्कों की जानकारी हासिल की जा सके।
शोपियां और सोपोर में भी छापों की श्रृंखला
कुलगाम के अलावा शोपियां और सोपोर जिलों में भी पुलिस ने एक साथ व्यापक तलाशी अभियान चलाया। शोपियां पुलिस ने कई संवेदनशील इलाकों में जमात कार्यकर्ताओं के घरों पर छापे मारे और संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए। वहीं, सोपोर पुलिस ने 30 से अधिक स्थानों पर कार्रवाई की। पुलिस सूत्रों ने बताया कि इन छापों के दौरान आपत्तिजनक साहित्य, मोबाइल डिवाइस, पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क और फंडिंग से जुड़ी रसीदें मिली हैं। सुरक्षा एजेंसियां अब इन डिजिटल साक्ष्यों का फॉरेंसिक विश्लेषण कर रही हैं ताकि आतंक नेटवर्क से जुड़े ठोस सबूत जुटाए जा सकें।
आतंकी नेटवर्क और फंडिंग चैनल पर निशाना
अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों को लॉजिस्टिक, वैचारिक और वित्तीय समर्थन देने वाले तत्वों के खिलाफ चल रही बड़ी मुहिम का हिस्सा है। जमात-ए-इस्लामी पर आरोप है कि वह सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों के नाम पर आतंकियों को संगठनात्मक और वित्तीय सहायता उपलब्ध कराता रहा है। एजेंसियों का लक्ष्य अब इस संगठन के ग्राउंड नेटवर्क और बैंकिंग ट्रांजेक्शन चैनल्स को पूरी तरह समाप्त करना है, ताकि घाटी में आतंकवाद को किसी भी तरह की आर्थिक मदद न मिल सके।
कुलगाम के डॉक्टर को सीआईके ने हिरासत में लिया
इस अभियान के दौरान कुलगाम निवासी एक डॉक्टर को भी काउंटर इंटेलिजेंस कश्मीर (सीआईके) ने पिछली रात हिरासत में लिया। सूत्रों के अनुसार, डॉक्टर ने करीब तीन वर्ष पहले सरकारी नौकरी छोड़ी थी, लेकिन हाल ही में उसने तीन निजी वाहन खरीदे, जिससे उसके वित्तीय स्रोतों पर संदेह हुआ। सीआईके की टीम ने उसकी गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उसके पास आई धनराशि आतंकी फंडिंग से तो नहीं जुड़ी।
सुरक्षा एजेंसियों की सख्त निगरानी
सूत्रों के मुताबिक, यह छापेमारी राज्य पुलिस, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) के सहयोग से की गई। सुरक्षा एजेंसियों ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान आगे भी जारी रहेगा जब तक कि आतंकी नेटवर्क से जुड़े सभी तत्वों को पकड़ नहीं लिया जाता। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को “विचार और वित्त” दोनों स्तरों पर समाप्त करना ही सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है।
जनता से अपील – सहयोग करें, अफवाहों से बचें
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इस अभियान में प्रशासन का सहयोग करें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत दें। साथ ही अफवाहें फैलाने से बचने की भी चेतावनी दी गई है। प्रशासन ने कहा है कि यह कार्रवाई राज्य में शांति और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए की जा रही है, और किसी निर्दोष व्यक्ति को नुकसान नहीं पहुंचेगा।
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