एम रामलिंग राजू ने मंदिर के तीन प्रमुख भवनों के नवीनीकरण के लिए की भारी मदद, 2012 में भी दे चुके हैं 16 करोड़ का दान
नई दिल्ली । आंध्र प्रदेश के तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) को एक बार फिर श्रद्धा और सेवाभाव का अद्भुत उदाहरण देखने को मिला, जब अमेरिका में रहने वाले भारतीय मूल के श्रद्धालु एम रामलिंग राजू ने मंदिर को 9 करोड़ रुपये का विशाल दान दिया। यह दान मंदिर परिसर में स्थित पीएसी-1, पीएसी-2 और पीएसी-3 भवनों के नवीनीकरण के लिए समर्पित किया गया है। राजू का यह कदम सिर्फ आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि लाखों भक्तों की सुविधाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में एक बड़ा योगदान माना जा रहा है।
2012 में दिया था 16 करोड़ का ऐतिहासिक दान
एम रामलिंग राजू कोई नए दानदाता नहीं हैं। इससे पहले वर्ष 2012 में उन्होंने तिरुपति मंदिर को 16 करोड़ रुपये दान किए थे, जिसके चलते वे मंदिर के बड़े और सम्मानित दानदाताओं की सूची में शामिल हैं। उनके द्वारा दिया गया यह नया 9 करोड़ रुपये का दान इस बात को दर्शाता है कि विदेशों में बसे भारतीयों के मन में आज भी भारतीय आध्यात्मिक धरोहरों के प्रति अटूट आस्था है।
टीटीडी प्रशासन ने जताया आभार, कहा—‘यह योगदान लाखों श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण’
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के अध्यक्ष बी.आर. नायडू ने एम रामलिंग राजू के इस उदार दान की सराहना करते हुए कहा कि मंदिर में आने वाले लाखों भक्तों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए ऐसे योगदान अमूल्य हैं। नायडू ने कहा “हम एम रामलिंग राजू के आभारी हैं। उनके इस दान से जिन भवनों का नवीनीकरण होगा, वे प्रति वर्ष लाखों श्रद्धालुओं की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हमें उम्मीद है कि भविष्य में भी उनसे इसी प्रकार का सहयोग प्राप्त होगा।”
दुनिया का सबसे समृद्ध हिंदू मंदिर—जहां भक्ति और दान दोनों की परंपरा अनूठी
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम, जिसे टीटीडी के नाम से जाना जाता है, दुनिया के सबसे समृद्ध हिंदू मंदिरों में शुमार है। हर वर्ष यहां आने वाले लाखों श्रद्धालुओं द्वारा दान की जाने वाली राशि मंदिर प्रशासन को भक्तों के लिए लगातार नई सुविधाएं विकसित करने में सक्षम बनाती है। चाहे ढाई किलो सोने का दान हो, करोड़ों रुपये की राशि हो या सेवाभाव का कोई अन्य कार्य—तिरुपति बालाजी के प्रति भक्तों की श्रद्धा हमेशा असाधारण रही है।
दान का उपयोग: भक्तों की सुविधा में बड़ा परिवर्तन
एम रामलिंग राजू द्वारा दान की गई राशि का उपयोग पीएसी-1, पीएसी-2 और पीएसी-3 भवनों के नवीकरण में किया जाएगा। यह क्षेत्र उन लाखों श्रद्धालुओं के लिए महत्वपूर्ण है जो दर्शन के लिए लंबी कतारों में इंतजार करते हैं। भवनों में: आधुनिक सुविधाएं, बेहतर बैठने की व्यवस्था, स्वच्छता में सुधार, और सुरक्षा मानकों को मजबूत करने के लिए विशेष कार्य किए जाएंगे। इन अपग्रेड्स से तिरुपति आने वाले भक्तों को अधिक आराम और सुगमता मिलेगी।
भारतीय प्रवासियों में बढ़ रहा है धार्मिक दान
एम रामलिंग राजू जैसे दाताओं की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि धार्मिक संस्थानों में सहयोग देने की भारतीय परंपरा प्रवासी लोगों में भी मजबूती से जीवित है। अमेरिका, यूएई, कनाडा और यूरोपीय देशों में बसे बहुत से भारतीय लगातार भारतीय धार्मिक संस्थानों को आर्थिक रूप से योगदान दे रहे हैं।
राजू का संदेश—‘सेवा ही सर्वोच्च धर्म’
राजू के परिवार और उनके सहयोगियों का कहना है कि वे तिरुपति बालाजी को अपनी आस्था और जीवन की सफलता का स्रोत मानते हैं, और उसी कृतज्ञता में यह दान देते रहे हैं। उनका कहना है कि— “दुनिया में जहां भी हम रहें, हमारी आध्यात्मिक जड़ें भारत में ही हैं। भक्तों की सुविधा और मंदिर की सेवा के लिए दान देना हमारे लिए सौभाग्य है।” तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने इस योगदान को मंदिर के विकास और सेवाओं में एक नई उपलब्धि बताया है। राजू के इस दान ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि श्रद्धा की कोई सीमा नहीं होती—वह देश की सीमाओं को भी पार कर जाती है।
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