लोकसभा में गृह राज्य मंत्री बोले—2026 तक देश से खत्म हो जाएगा वामपंथी उग्रवाद; हिंसा में 81% की कमी दर्ज

नई दिल्ली । केंद्र सरकार द्वारा नक्सल उग्रवाद के खिलाफ चलाए जा रहे कठोर अभियान का असर अब जमीन पर दिखने लगा है। लोकसभा में मंगलवार को प्रश्नकाल के दौरान गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि 2019 से अब तक सुरक्षा बलों ने 29 शीर्ष माओवादी कमांडरों को ढेर किया है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इनमें से 14 केंद्रीय समिति और पोलित ब्यूरो स्तर के बड़े माओवादी नेता इसी वर्ष मारे गए हैं—जो माओवादियों की कमर तोड़ने वाला बड़ा झटका है।

अब देश में सिर्फ तीन जिले ही ‘सर्वाधिक प्रभावित’ श्रेणी में

गृह राज्य मंत्री ने बताया कि वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित जिलों की संख्या में अभूतपूर्व गिरावट आई है।

  • वर्ष 2014 में प्रभावित जिलों की संख्या 126 थी।

  • यह संख्या 2018 में घटकर 90 हुई।

  • 2024 में मात्र 70 रह गई।

  • अप्रैल 2025 तक 38 जिलों में सिमट गई।

  • और अक्टूबर 2025 तक यह सिर्फ 11 जिले रह गई।

इनमें से भी अब सिर्फ तीन जिले ऐसे हैं, जिन्हें “सबसे अधिक प्रभावित” (Highly Affected) श्रेणी में रखा गया है। यह सफलता माओवादी गतिविधियों के विरुद्ध केंद्र सरकार की जीरो-टॉलरेंस नीति का परिणाम है।

वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों की संख्या भी आधी हुई

नित्यानंद राय के अनुसार—

  • 2014 में 10 राज्य नक्सल समस्या से प्रभावित थे।

  • 2025 (अक्टूबर तक) यह संख्या घटकर 5 राज्य रह गई, यानी 50% की गिरावट।

सरकार का मानना है कि यह सुधार सुरक्षा बलों के संयुक्त अभियान, विकास योजनाओं के विस्तार और स्थानीय स्तर पर प्रभावी समन्वय से संभव हुआ है।

नक्सली हिंसा में भारी गिरावट, 81% तक कम हुई घटनाएँ

गृह राज्य मंत्री ने बताया कि 2010 में नक्सली हिंसा अपने चरम पर थी। इसके बाद से

  • 2024 तक माओवादी हिंसा में 81% की कमी दर्ज की गई है।

उन्होंने पिछले दो दशकों के आंकड़े भी संसद में प्रस्तुत किए—

▪ 2004–2014 (मई तक)

  • कुल मौतें: 6,508

    • नागरिक: 4,684

    • सुरक्षाकर्मी: 1,824

▪ 2015–2025 (मई तक)

  • कुल मौतें: 1,868 (71% कमी)

    • नागरिक: 1,404

    • सुरक्षाकर्मी: 464

मई से नवंबर 2025 के बीच नक्सली घटनाओं में 44 लोगों की मौत दर्ज की गई है, जो पिछले वर्षों के मुकाबले कम है।

‘2026 तक देश नक्सलवाद मुक्त हो जाएगा’

नित्यानंद राय ने संसद में घोषणा की कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व और गृह मंत्री के मार्गदर्शन में चल रहे अभियान के परिणामस्वरूप मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा

उन्होंने कहा कि नक्सलवादियों की गतिविधियों को रोकने के अलावा केंद्र सरकार ने ‘विरासत और महत्वपूर्ण जिलों’ की पहचान भी की है। ऐसे 27 जिलों को सुरक्षा व्यय योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है, ताकि इन क्षेत्रों में माओवादी नेटवर्क फिर से खड़ा न हो सके।

सरकार का दावा है कि मजबूत सुरक्षा कार्रवाई, खुफिया तंत्र के विस्तार और विकास योजनाओं के चलते माओवादियों की संख्या, प्रभाव और ताकत लगभग समाप्ति की ओर है।