सड़क यात्रा के दौरान मिलने वाली सुविधाओं के लिए भी बनेगा फास्टैग, छह महीने का ट्रायल रहा सफल

नई दिल्ली। देश में डिजिटल भुगतान व्यवस्था को और मजबूत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय अब फास्टैग को सिर्फ टोल टैक्स तक सीमित रखने के बजाय मल्टीपर्पस बनाने की तैयारी में है। मंत्रालय की योजना के तहत आने वाले समय में वाहन चालक पार्किंग शुल्क, पेट्रोल-डीजल भरवाने और सड़क यात्रा से जुड़ी अन्य सुविधाओं का भुगतान भी सीधे फास्टैग के माध्यम से कर सकेंगे।

छह महीने का ट्रायल सफल, जल्द लागू होने की उम्मीद

अधिकारियों के अनुसार इस नई व्यवस्था को लेकर पिछले करीब छह महीने से ट्रायल चल रहा था, जो सफल रहा है। ट्रायल के दौरान यह देखा गया कि फास्टैग के जरिए बिना किसी अतिरिक्त प्रक्रिया के भुगतान आसानी से किया जा सकता है। इसी सफलता के बाद अब इसे बड़े स्तर पर लागू करने की तैयारी की जा रही है। मंत्रालय का मानना है कि इससे यात्रियों को अलग-अलग भुगतान माध्यम रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी और सफर के दौरान भुगतान पूरी तरह सहज हो जाएगा।

टोल से आगे बढ़ेगा फास्टैग का दायरा

अब तक फास्टैग का उपयोग मुख्य रूप से राष्ट्रीय राजमार्गों और एक्सप्रेसवे पर टोल टैक्स के भुगतान तक सीमित था। नई योजना के तहत इसका दायरा बढ़ाकर सड़क से इतर मिलने वाली सुविधाओं तक ले जाया जा रहा है। इसमें पार्किंग शुल्क, पेट्रोल पंप पर ईंधन भुगतान, हाईवे पर मौजूद सुविधाओं और भविष्य में अन्य सेवाओं को भी शामिल किया जा सकता है। इससे फास्टैग एक तरह से डिजिटल वॉलेट की भूमिका निभाएगा।

डिजिटल फ्रॉड की आशंका होगी कम

मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि फास्टैग को वॉलेट की तरह इस्तेमाल करने से डिजिटल धोखाधड़ी का जोखिम भी कम होगा। पारंपरिक डिजिटल भुगतान में जहां सीधे बैंक खाते या बड़े अमाउंट से लेन-देन होता है, वहीं फास्टैग में सीमित राशि लोड रहती है। ऐसे में किसी भी तरह की धोखाधड़ी या तकनीकी गड़बड़ी की स्थिति में नुकसान सीमित रहेगा।

यूजर के लिए आसान और सुरक्षित भुगतान

फास्टैग आधारित भुगतान व्यवस्था से यूजर को अलग-अलग ऐप, कार्ड या नकद रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक ही फास्टैग से वाहन से जुड़ी अधिकांश जरूरतों का भुगतान किया जा सकेगा। इससे भुगतान प्रक्रिया तेज होगी, लाइन में लगने की समस्या घटेगी और कैशलेस ट्रांजैक्शन को बढ़ावा मिलेगा। खासतौर पर हाईवे पर लंबी दूरी तय करने वाले यात्रियों के लिए यह सुविधा काफी उपयोगी साबित हो सकती है।

भविष्य की स्मार्ट ट्रांसपोर्ट व्यवस्था की ओर कदम

विशेषज्ञों का मानना है कि फास्टैग को मल्टीपर्पस बनाना स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम की दिशा में एक अहम कदम है। इससे न केवल डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि सड़क यात्रा के अनुभव में भी बड़ा बदलाव आएगा। आने वाले समय में यह व्यवस्था देशभर में लागू होने के बाद लाखों वाहन चालकों के लिए सुविधा और सुरक्षा दोनों बढ़ा सकती है।