नई दिल्ली, 12 नवंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने अफ्रीका के अपने दो देशों के राजकीय दौरे के तहत सोमवार को अंगोला की स्वतंत्रता की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित भव्य समारोह में हिस्सा लिया।

यह समारोह अंगोला की राजधानी लुआंडा स्थित “प्राका दा रेपुब्लिका” में आयोजित किया गया, जहां राष्ट्रपति मुर्मु को अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ मैनुएल गोंसाल्वेस लोरेन्सो के विशेष आमंत्रण पर सम्मानपूर्वक आमंत्रित किया गया था।

राष्ट्रपति सचिवालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, समारोह में राष्ट्रपति मुर्मु (President Draupadi Murmu)ने अंगोला की समृद्ध सैन्य, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक परंपराओं की झलक देखी। इस अवसर पर आयोजित विशेष परेड और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में अंगोला की स्वतंत्रता संग्राम की वीर गाथाओं और उसके राष्ट्रनिर्माण के इतिहास को कलात्मक ढंग से प्रस्तुत किया गया। राष्ट्रपति मुर्मु ने अंगोला के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत और अंगोला के संबंध ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ रहे हैं और दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे के विकास और प्रगति में सहयोग की भावना रखी है।

उन्होंने कहा कि अंगोला की स्वतंत्रता का यह स्वर्णिम पर्व न केवल अफ्रीका महाद्वीप के लिए गर्व का क्षण है बल्कि यह उपनिवेशवाद से मुक्ति और आत्मनिर्भरता के संघर्ष का प्रतीक भी है। राष्ट्रपति मुर्मु ने भारत की ओर से अंगोला की जनता और सरकार को हार्दिक बधाई दी तथा भविष्य में आपसी सहयोग को और सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता जताई।

समारोह में उपस्थित अंगोला के राष्ट्रपति जोआओ लोरेन्सो ने भी भारत की राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि भारत और अंगोला दोनों ही देशों ने स्वतंत्रता के बाद आर्थिक, सामाजिक और तकनीकी विकास की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने कहा कि भारत की “ग्लोबल साउथ” के नेतृत्व में भूमिका आज पूरी दुनिया में सराही जा रही है, और अफ्रीकी देशों के साथ भारत के सहयोग से महाद्वीप के विकास में नई दिशा मिलेगी।

राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने भाषण में भारत और अंगोला के बीच व्यापार, ऊर्जा, शिक्षा, रक्षा और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत अफ्रीका की विकास यात्रा में विश्वसनीय साझेदार बना रहेगा।

इस अवसर पर दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान, तकनीकी सहयोग और शिक्षा के क्षेत्र में आपसी समझौते को आगे बढ़ाने पर भी चर्चा हुई। राष्ट्रपति मुर्मु ने समारोह के बाद अंगोला के राष्ट्रपति लोरेन्सो के साथ एक औपचारिक द्विपक्षीय बैठक की, जिसमें ऊर्जा, खनन, सूचना प्रौद्योगिकी और कृषि क्षेत्र में सहयोग के विषयों पर विस्तार से वार्ता हुई।

अफ्रीका के अपने दौरे के अंतिम चरण में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु मंगलवार को बोत्सवाना की राजधानी गबोरोन पहुंचीं। यह किसी भी भारतीय राष्ट्रपति की बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा है, जो भारत-अफ्रीका संबंधों में एक नया अध्याय जोड़ती है। उनके आगमन पर बोत्सवाना के राष्ट्रपति एडवोकेट डूमा गिडियॉन बोकॉ ने हवाई अड्डे पर स्वयं पहुंचकर उनका स्वागत किया। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मु को औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया।

राष्ट्रपति मुर्मु की इस यात्रा से भारत और अफ्रीका के बीच ऐतिहासिक संबंधों में नई ऊर्जा और विश्वास का संचार हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा भारत की “अफ्रीका फोकस पॉलिसी” को नई दिशा देगा और महाद्वीप के साथ भारत के राजनीतिक व आर्थिक रिश्तों को और मजबूती प्रदान करेगा।

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