बीएस-6 वाहनों को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण पर काबू पाने के लिए लागू किए गए नए नियमों का असर अब साफ नजर आने लगा है। बुधवार से दिल्ली में केवल बीएस-6 मानक वाले वाहनों को ही प्रवेश की अनुमति दी गई है। इसके साथ ही पेट्रोल पंपों पर बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र यानी पीयूसी के ईंधन देने पर रोक की घोषणा के बाद शहरभर में हलचल बढ़ गई है। नए नियमों के अमल से पहले ही पेट्रोल पंपों पर पीयूसी जांच कराने के लिए वाहन चालकों की लंबी कतारें लगनी शुरू हो गईं।

प्रमुख इलाकों के पेट्रोल पंपों पर सुबह से लगी लाइनें

कनॉट प्लेस, बाबा खड़क सिंह मार्ग, जनपथ, बाराखंबा रोड, धौला कुआं सहित दिल्ली के कई प्रमुख पेट्रोल पंपों पर बुधवार सुबह से ही भीड़ देखने को मिली। लोग अपनी गाड़ियों की प्रदूषण जांच कराने के लिए जल्दी-जल्दी पेट्रोल पंपों और पीयूसी केंद्रों पर पहुंचे, ताकि बृहस्पतिवार से लागू होने वाले नियमों का उल्लंघन न हो। कई जगह स्थिति ऐसी रही कि वाहनों की कतारें सड़क तक पहुंच गईं, जिससे यातायात भी प्रभावित हुआ।

सर्वर डाउन से बढ़ी परेशानी, लोग लौटे निराश

हालांकि नियमों का पालन करने की कोशिश कर रहे लोगों को व्यवस्थागत खामियों का सामना भी करना पड़ा। कई पेट्रोल पंपों और पीयूसी केंद्रों पर मशीनों का सर्वर डाउन होने के कारण जांच प्रक्रिया बार-बार बाधित हुई। घंटों इंतजार करने के बावजूद कई वाहन चालकों का पीयूसी नहीं बन सका और उन्हें निराश होकर लौटना पड़ा। लोगों का कहना है कि नियम सख्त किए गए हैं, लेकिन उन्हें लागू करने के लिए जरूरी सुविधाएं पूरी तरह तैयार नहीं हैं।

स्वास्थ्य के लिए जरूरी है पीयूसी: वाहन चालक

बाइक सवार दिनेश कुमार ने बताया कि उनकी पीयूसी 20 दिसंबर को खत्म होने वाली थी, लेकिन उन्होंने दो दिन पहले ही इसे नवीनीकरण करा लिया। उन्होंने कहा कि अगर लोग समय रहते पीयूसी करवा लें, तभी प्रदूषण कम किया जा सकता है। दिनेश के अनुसार प्रदूषण की वजह से कई लोग बीमार हो रहे हैं और उन्हें खुद खांसी की समस्या हो रही है, इसलिए वाहनों की पीयूसी बेहद जरूरी है।

पेट्रोल पंप कर्मचारियों को सख्त निर्देश

दिल्ली परिवहन निगम के कर्मचारी वीर जैन ने बताया कि दिल्ली सरकार की ओर से स्पष्ट आदेश मिले हैं कि बिना वैध पीयूसी वाले वाहनों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेट्रोल पंप कर्मचारियों को सभी वाहनों के दस्तावेज जांचने के निर्देश दिए गए हैं और नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों को ईंधन देने से मना करना होगा। यह आदेश अगले निर्देश तक प्रभावी रहेगा।

कुछ वाहन चालकों में नाराजगी भी

नए नियमों को लेकर जहां कई लोग समर्थन में नजर आए, वहीं कुछ वाहन चालकों में नाराजगी भी दिखी। बाइक चालक दिव्यांश ने बताया कि वे पिछले कई दिनों से पीयूसी बनवाने के लिए अलग-अलग पेट्रोल पंपों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन सर्वर की समस्या के कारण उनका काम नहीं हो पा रहा है। उन्होंने कहा कि सर्वर कभी चलता है, कभी बंद हो जाता है और नए बीएस-6 मॉडल की गाड़ियों का पीयूसी कराने में भी दिक्कत आ रही है। दिव्यांश के अनुसार, अगर सरकार नियम बना रही है तो व्यवस्था को भी उतना ही मजबूत बनाना चाहिए।

प्रदूषण कम करने की मंशा, लेकिन व्यवस्था पर सवाल

दिल्ली सरकार का कहना है कि ये सख्त कदम लोगों के स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा के लिए उठाए गए हैं। हालांकि, जमीनी स्तर पर नियमों के क्रियान्वयन में आ रही दिक्कतें सरकार और प्रशासन के सामने एक बड़ी चुनौती बनकर उभरी हैं। आने वाले दिनों में यह देखना अहम होगा कि सरकार इन तकनीकी और व्यवस्थागत समस्याओं को कितनी जल्दी दूर कर पाती है, ताकि प्रदूषण नियंत्रण के प्रयास प्रभावी साबित हो सकें।