ठंड, स्मॉग और प्रदूषण का ट्रिपल अटैक, ग्रैप-4 भी हालात सुधारने में नाकाम

नई दिल्ली। वेस्टर्न डिस्टर्बेंस का असर कमजोर पड़ते ही दिल्ली-एनसीआर में हवा लगभग थम गई और इसका सीधा असर राजधानी की हवा पर पड़ा। रविवार को दिल्ली ठंड, स्मॉग और प्रदूषण के ट्रिपल अटैक की चपेट में आ गई। हालात इतने बिगड़ गए कि ग्रैप-4 लागू होने के बावजूद कई इलाकों में एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। वजीरपुर और रोहिणी जैसे इलाकों में AQI 500 के स्तर तक दर्ज किया गया, जो स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद गंभीर माना जाता है। प्रदूषक कण वातावरण में फंस गए और पूरी राजधानी गैस चेंबर जैसी स्थिति में बदल गई।

इस साल का सबसे घना कोहरा, 50 मीटर तक सिमटी दृश्यता

रविवार को दिल्ली में इस साल का अब तक का सबसे घना कोहरा देखने को मिला। अक्षरधाम, पूर्वी दिल्ली, उत्तरी दिल्ली और बाहरी इलाकों में दृश्यता घटकर 50 मीटर तक सिमट गई। सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए और सुबह के समय सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ। धुंध और स्मॉग की मोटी चादर के कारण कई जगहों पर लोगों को सामने खड़ा व्यक्ति तक साफ नजर नहीं आया। 

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हवाई यातायात प्रभावित, 40 फ्लाइट रद्द और 300 से ज्यादा लेट

धुंध और कोहरे का सबसे बड़ा असर हवाई यातायात पर पड़ा। इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विजिबिलिटी बेहद कम होने के कारण 40 उड़ानें रद्द कर दी गईं, जबकि करीब 300 फ्लाइट्स देरी से संचालित की जा रही हैं। यात्रियों को घंटों एयरपोर्ट पर इंतजार करना पड़ा। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अव्यवस्था और सूचना की कमी को लेकर नाराजगी भी जाहिर की।

ग्रैप-4 लागू, फिर भी हालात जस के तस

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने शनिवार को पहले ग्रैप-3 और हालात और बिगड़ने पर ग्रैप-4 लागू किया, लेकिन इसके बावजूद हवा की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं दिखा। ग्रैप-4 के तहत राजधानी में सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं, जिनमें 50 प्रतिशत कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम, बीएस-4 श्रेणी के बड़े व्यावसायिक वाहनों की एंट्री पर रोक, सभी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध और स्कूलों में हाइब्रिड मोड शामिल है। इसके अलावा कचरा और ईंधन जलाने पर सख्त रोक, डीजल जनरेटर के उपयोग पर प्रतिबंध, आरएमसी प्लांट, स्टोन क्रशर, ईंट भट्ठे और खनन गतिविधियां बंद करने के निर्देश भी दिए गए हैं। कच्ची सड़कों पर निर्माण सामग्री के परिवहन पर भी रोक लगाई गई है।

अगले छह दिन तक गंभीर रहने का अनुमान

एयर क्वालिटी अर्ली वार्निंग सिस्टम के मुताबिक, दिल्ली की हवा अगले छह दिनों तक भी गंभीर और बहुत खराब श्रेणी में बनी रह सकती है। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि फिलहाल औसत हवा की रफ्तार 10 किलोमीटर प्रति घंटे से भी कम है, जो प्रदूषकों के फैलाव के लिए अनुकूल नहीं है। इसी कारण धुंध और प्रदूषण लंबे समय तक वातावरण में बना हुआ है। रविवार को वजीरपुर स्थित एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन ने दिन में अधिकतम संभव AQI 500 दर्ज किया, जबकि विशेषज्ञों का मानना है कि वास्तविक स्थिति इससे भी ज्यादा खराब हो सकती है।

डॉक्टरों की चेतावनी, संवेदनशील लोगों को खास सावधानी की सलाह

डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और सांस, दमा व हृदय रोग से पीड़ित मरीजों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे हालात में घर से बाहर निकलने से बचें, मास्क का इस्तेमाल करें और शारीरिक गतिविधियों को सीमित रखें। लंबे समय तक प्रदूषित हवा में रहने से फेफड़ों और दिल पर गंभीर असर पड़ सकता है।

सुप्रीम कोर्ट की सख्त नजर, 17 दिसंबर को सुनवाई

इस बीच सुप्रीम कोर्ट भी दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण को लेकर सक्रिय हो गया है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने वकीलों और पक्षकारों को सलाह दी है कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हाइब्रिड मोड में पेश हों। सुप्रीम कोर्ट 17 दिसंबर को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से जुड़ी याचिका पर सुनवाई करेगा। माना जा रहा है कि इस दौरान सरकार और संबंधित एजेंसियों से सख्त जवाब तलब किए जा सकते हैं।

हवा बढ़ी तो मिल सकती है मामूली राहत

मौसम विभाग के अनुसार सोमवार से हवा की रफ्तार में हल्की बढ़ोतरी होने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो प्रदूषकों के फैलाव में मदद मिलेगी और राजधानी को मामूली राहत मिल सकती है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक ठोस और दीर्घकालिक कदम नहीं उठाए जाते, तब तक दिल्ली की हवा से यह संकट खत्म होना मुश्किल है।

Delhi AQI Update: दिल्ली में वायु प्रदूषण की वजह से सांस लेना मुश्किल, कब  सुधरेंगे हालात? । delhi air quality improve but category still very poor -  India TV Hindi