कोविड काल में फर्जी ऐप और कंपनियों के जरिए बनाया गया था विशाल साइबर फ्रॉड नेटवर्क

नई दिल्ली । एचपीजेड टोकन निवेश धोखाधड़ी मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने दो चीनी नागरिकों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए आरोपपत्र दाखिल किया है। जांच एजेंसी के अनुसार, कोविड काल के दौरान फर्जी कंपनियों और फर्जी मोबाइल एप्लिकेशन के जरिए 1000 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी को अंजाम दिया गया। यह मामला भारतीय निवेशकों को झांसा देकर भारी-भरकम रकम हड़पने वाले एक अंतरराष्ट्रीय साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चीनी स्वामित्व वाली शिगू टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड ने ‘एचपीजेड टोकन’ नामक नकली ऐप लॉन्च किया था, जिसे क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग और भारी मुनाफे का दावा कर प्रचारित किया गया। ऐप पर निवेश करने वालों को शुरुआत में मामूली रिटर्न दिखाकर भरोसा दिलाया गया, लेकिन बाद में पूरा नेटवर्क अचानक बंद कर दिया गया और करोड़ों की राशि गायब हो गई।


मास्टरमाइंड थे दो चीनी नागरिक, 1000 करोड़ से अधिक का गबन

जांच में सामने आया कि जिन दो चीनी नागरिकों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है, वे इस विशाल धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड थे। फर्जी कंपनियों की एक श्रृंखला बनाकर ऑनलाइन निवेशकों से हजारों करोड़ का गबन किया गया। सीबीआई के मुताबिक यह कोई साधारण धोखाधड़ी नहीं थी, बल्कि एक सुनियोजित, बहुस्तरीय साइबर अपराध था, जिसके तार विदेशों तक फैले हुए थे।

जांच में यह भी पाया गया कि घोटाले का पूरा ढांचा विदेशी नागरिकों द्वारा रिमोट से संचालित किया जा रहा था।


कोविड के दौरान भारतीय नागरिकों को बनाया गया निशाना

फर्जी एचपीजेड ऐप समेत इस गिरोह ने कोविड के कठिन समय में भारतीय नागरिकों को मुख्य रूप से निशाना बनाया। यह नेटवर्क लोन ऐप, फर्जी निवेश ऐप और नकली ऑनलाइन नौकरी देने वाले प्लेटफॉर्म जैसी कई डिजिटल धोखाधड़ी गतिविधियों में शामिल था। अधिकारियों के अनुसार, आरोपी वान जून और ली आनमिंग भारत आकर कंपनी का ढांचा खड़ा किया, कर्मचारियों को नियुक्त किया और फर्जी व्यापार की नींव रखी। इसके बाद दोनों देश छोड़कर भाग गए और विदेश से ही पूरे ऑपरेशन को नियंत्रित करते रहे। न तो उन्होंने जांच में सहयोग किया और न ही किसी समन का जवाब दिया।


27 आरोपी उजागर, कई गिरफ्तार

जांच के दौरान सीबीआई ने भारत में ऑपरेशन संभालने वाले छह लोगों डोर्त्से, रजनी कोहली, सुशांत बेहरा, अभिषेक, मोहम्मद इमधाद हुसैन और रजत जैन—को गिरफ्तार किया। पूरी जांच में कुल 27 आरोपी बेनकाब हुए, जिनमें साइबर धोखाधड़ी नेटवर्क में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाने वाले कई भारतीय भी शामिल थे। सीबीआई ने अब दो चीनी नागरिकों, 27 अन्य व्यक्तियों और 30 संस्थाओं के साथ तीन कंपनियों के खिलाफ व्यापक आरोपपत्र दायर कर दिया है। यह पूरे रैकेट की गहराई और जटिलता को दर्शाता है। यह मामला देश में ऑनलाइन निवेश घोटालों की बढ़ती चुनौती और साइबर अपराध की अंतरराष्ट्रीय प्रकृति को एक बार फिर उजागर करता है। जांच एजेंसियों के अनुसार, यह चार्जशीट आगे की कानूनी कार्रवाई, प्रत्यर्पण प्रक्रिया और धन की ट्रैकिंग के लिए महत्वपूर्ण आधार बनेगी।