मतदाता सूची की समीक्षा और बंगाली भाषियों पर हिंसा के मुद्दे उठे

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद अधीर रंजन चौधरी ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की। यह बैठक ऐसे समय में हुई है, जब पश्चिम बंगाल में अगले साल मार्च–अप्रैल के दौरान विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में इस मुलाकात को केवल शिष्टाचार भेंट नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में अधीर रंजन चौधरी ने पश्चिम बंगाल से जुड़े कई संवेदनशील और अहम मुद्दों को प्रधानमंत्री के समक्ष रखा। खास तौर पर मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा यानी एसआईआर को लेकर उठ रही चिंताओं पर विस्तार से चर्चा हुई। कांग्रेस सांसद ने आशंका जताई कि इस प्रक्रिया के दौरान बड़ी संख्या में वास्तविक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर असर पड़ सकता है।

बंगाल में एसआईआर को लेकर जताई चिंता

अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री को बताया कि बंगाल में मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा को लेकर आम लोगों में भ्रम और चिंता का माहौल है। उन्होंने कहा कि पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखना बेहद जरूरी है, ताकि किसी भी वर्ग या समुदाय के मताधिकार पर आंच न आए। कांग्रेस नेता का मानना है कि चुनाव से ठीक पहले इस तरह की प्रक्रियाएं राजनीतिक तनाव को बढ़ा सकती हैं। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि चुनाव आयोग और संबंधित एजेंसियों को स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएं, ताकि मतदाता सूची से नाम हटाने या जोड़ने की प्रक्रिया पूरी तरह निष्पक्ष और भरोसेमंद हो।

बंगाली भाषी लोगों के खिलाफ हिंसा का मुद्दा

बैठक के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने कई राज्यों में बंगाली भाषी लोगों के खिलाफ सामने आई हिंसा और उत्पीड़न की घटनाओं का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने प्रधानमंत्री को अवगत कराया कि अलग-अलग राज्यों से इस तरह की शिकायतें सामने आ रही हैं, जिससे बंगाली समुदाय में असुरक्षा की भावना बढ़ रही है।

कांग्रेस सांसद ने कहा कि भाषा और पहचान के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव या हिंसा स्वीकार्य नहीं हो सकती। उन्होंने केंद्र सरकार से इस मामले में सख्त रुख अपनाने और संबंधित राज्यों को स्पष्ट निर्देश देने की मांग की।

बंगाल चुनाव से पहले राजनीतिक संकेत

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले कई संकेत देती है। एक ओर कांग्रेस बंगाल में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की कोशिश में है, वहीं केंद्र सरकार के साथ सीधे संवाद के जरिए अधीर रंजन चौधरी राज्य से जुड़े मुद्दों को राष्ट्रीय स्तर पर उठाना चाहते हैं।

अधीर रंजन चौधरी लंबे समय से पश्चिम बंगाल की राजनीति में सक्रिय रहे हैं और वे राज्य में कांग्रेस का एक प्रमुख चेहरा माने जाते हैं। ऐसे में उनकी प्रधानमंत्री से मुलाकात को बंगाल की सियासत में संभावित समीकरणों से जोड़कर देखा जा रहा है।

औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं, लेकिन चर्चा जारी

फिलहाल इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। वहीं कांग्रेस की ओर से भी इसे मुद्दों पर आधारित संवाद बताया गया है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा बनी हुई है कि आने वाले दिनों में बंगाल से जुड़े इन मुद्दों पर केंद्र सरकार क्या रुख अपनाती है।

यह मुलाकात ऐसे समय पर हुई है, जब चुनावी सरगर्मी धीरे-धीरे तेज हो रही है और हर राजनीतिक दल अपनी रणनीति को धार देने में जुटा है। ऐसे में अधीर रंजन चौधरी और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हुई यह बातचीत आने वाले राजनीतिक घटनाक्रमों की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभा सकती है।