विशेष अदालत ने यंग इंडिया व अन्य पर भी कार्रवाई की दिशा में कदम बढ़ाए
दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में शुक्रवार को नेशनल हेराल्ड मामले की सुनवाई के दौरान बड़ी कार्रवाई हुई। कोर्ट ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी समेत कुल छह पक्षों को नोटिस जारी किया है। इन सभी को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा दायर मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जवाब देने को कहा गया है।
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने सुनवाई के दौरान कहा—
“किसी भी स्तर पर बात सुने जाने का अधिकार निष्पक्ष सुनवाई में जान फूंकता है।”
किन्हें भेजे गए नोटिस
कोर्ट ने जिन अन्य लोगों और संस्थाओं को नोटिस जारी किए हैं, उनमें सैम पित्रोदा, सुमन दुबे, सुनील भंडारी, मेसर्स यंग इंडिया और मेसर्स डोटेक्स मर्केंडाइज प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
25 अप्रैल को कोर्ट ने जताई थी नाराज़गी
इससे पहले 25 अप्रैल को ED की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा था कि चार्जशीट में कई अहम दस्तावेज शामिल नहीं हैं। उस दिन कोर्ट ने नोटिस जारी करने से इनकार करते हुए कहा था—
“आरोपियों का पक्ष सुने बिना नोटिस जारी नहीं किया जा सकता।”
न्यायाधीश ने प्रवर्तन निदेशालय को निर्देश दिया था कि वह अपनी चार्जशीट में जो डॉक्यूमेंट्स गायब हैं, उन्हें जल्द से जल्द कोर्ट में पेश करे ताकि आगे की प्रक्रिया चलाई जा सके।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड केस कांग्रेस के स्वामित्व वाले अखबार और उससे जुड़ी संस्था एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) से जुड़ा है। आरोप है कि कांग्रेस नेताओं ने यंग इंडिया कंपनी के जरिए AJL की संपत्ति को अवैध तरीके से अपने नियंत्रण में ले लिया और इस प्रक्रिया में मनी लॉन्ड्रिंग की गई।
प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में 9 अप्रैल को पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा और सुमन दुबे को सीधे आरोपी बनाया गया है।
अब अगली सुनवाई 8 मई को होगी, जिसमें कोर्ट द्वारा भेजे गए नोटिस का जवाब दिया जाना है।
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