नई दिल्ली। केंद्र सरकार नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में है। केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सहकारिता मंत्रालय ‘सहकार से समृद्धि’ के ध्येय वाक्य को पूरा करने के लिए नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का निर्माण कर रहा है। इस नीति का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को अनलॉक करना और उसे अधिक प्रभावी बनाना है।
राष्ट्रीय सहकारिता नीति के निर्माण की प्रक्रिया
अमित शाह ने बताया कि 2 सितंबर 2022 को सुरेश प्रभाकर प्रभु की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय स्तर की समिति का गठन किया गया था। इस समिति में शामिल थे—
✔ सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञ
✔ राष्ट्रीय, राज्य, जिला और प्राथमिक स्तर की सहकारी समितियों के प्रतिनिधि
✔ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारिता सचिव और रजिस्ट्रार सहकारी समितियां
✔ केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के अधिकारी
इस समिति का उद्देश्य सहकारी क्षेत्र की क्षमताओं का विश्लेषण करना और नई नीति के लिए सुझाव जुटाना था।
नीति निर्माण के लिए किए गए प्रयास
👉 17 बैठकों का आयोजन – समिति ने सहकारी संगठनों और विशेषज्ञों के साथ 17 बैठकें कीं।
👉 चार क्षेत्रीय कार्यशालाएं – हितधारकों से सुझाव प्राप्त करने के लिए देशभर में चार क्षेत्रीय कार्यशालाएं आयोजित की गईं।
👉 सुझावों का समावेश – समिति ने इन बैठकों और कार्यशालाओं में मिले सुझावों को मसौदा नीति में उचित रूप से शामिल किया।
सहकारी क्षेत्र में संभावित सुधार
नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति के तहत सहकारी समितियों को सशक्त करने, पारदर्शिता बढ़ाने और सहकारी बैंकों को और मजबूत करने के लिए नए नियमों को शामिल किया जा सकता है। सरकार का मानना है कि सहकारिता मॉडल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त कर सकता है और इससे किसानों, श्रमिकों और छोटे व्यापारियों को लाभ मिलेगा।
जल्द हो सकती है घोषणा
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि नई राष्ट्रीय सहकारिता नीति का मसौदा तैयार कर लिया गया है और इसे जल्द अंतिम रूप दिया जाएगा। इसके बाद सरकार इसकी औपचारिक घोषणा कर सकती है।
स्वदेश ज्योति के द्वारा।
और भी दिलचस्प खबरें आपके लिए… सिर्फ़ स्वदेश ज्योति पर!