October 16, 2025 3:27 AM

राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर मध्यप्रदेश को 12 नए आयुष अस्पताल, सीएम मोहन यादव ने दी बड़ी सौगात

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राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस: मध्यप्रदेश में 12 नए आयुष अस्पताल, सीएम मोहन यादव की बड़ी घोषणाएं

भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मंगलवार को राज्य स्तरीय 10वें राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए प्रदेशवासियों के लिए कई नई पहलें और घोषणाएं कीं। इनमें कैंसर मरीजों के लिए आयुर्वेदिक इलाज की विशेष योजना और प्रदेशभर में 12 नए आयुष अस्पतालों की स्थापना प्रमुख रही।

सीएम बोले- आयुर्वेद जीवनशैली की ताकत

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कार्यक्रम में कहा, “शायद मुझे यह नहीं कहना चाहिए, लेकिन सच यही है कि आज मैं जितना स्वस्थ हूं, उसका श्रेय आयुर्वेद को जाता है। न मुझे बीपी की समस्या है, न शुगर, न चश्मे की जरूरत और न ही कोई गंभीर बीमारी, जबकि मेरी उम्र 60 साल से अधिक है।” उन्होंने कहा कि एलोपैथी बीमारी के बाद काम आती है, लेकिन आयुर्वेद ऐसी जीवनशैली है जो व्यक्ति को बीमार ही नहीं होने देती।

12 नए आयुष अस्पताल और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को 12 नए आयुष अस्पतालों की सौगात दी। इसमें उज्जैन और खजुराहो में 50-50 बिस्तरों के अस्पताल और 10 जिलों—जैसे पचमढ़ी, मंदसौर और अगर-मालवा—में 10-10 बिस्तरों के अस्पताल खोले जाएंगे।

इस मौके पर आयुष और पर्यटन विभाग के बीच एमओयू भी हुआ। सीएम ने कहा कि मध्यप्रदेश अब आयुष वेलनेस टूरिज्म का केंद्र बनेगा और यहां न केवल देशभर से बल्कि विदेशों से भी लोग उपचार के लिए आएंगे।

चिकित्सा अधिकारियों को मिलेगा वरिष्ठ पदनाम और प्रथम श्रेणी का दर्जा

कार्यक्रम में सीएम ने घोषणा की कि आयुष विभाग के सभी चिकित्सा अधिकारियों को वरिष्ठ पदनाम देकर प्रथम श्रेणी का दर्जा मिलेगा। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की तरह आयुष विभाग में भी डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन (DACP) स्कीम लागू होगी। इससे 2698 अधिकारियों को लाभ पहुंचेगा, जिनमें 1453 आयुष चिकित्सा अधिकारी, 228 होम्योपैथी और 85 यूनानी चिकित्सक शामिल हैं।

पीजी कर चुके मेडिकल ऑफिसरों के स्टाइपेंड में भी वृद्धि की जाएगी और सभी आयुष कॉलेजों में पीजी शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। जबलपुर से आए आयुष अधिकारी डॉ. सर्वेश पटेल ने कहा कि “आज सीएम ने हमें एलोपैथ चिकित्सकों के समान दर्जा देकर लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा किया है।”

नए कार्यक्रमों की शुरुआत

आयुष जनस्वास्थ्य कार्यक्रम का विस्तार प्रदेश के 55 जिलों तक कर दिया गया है। कैंसर मरीजों के लिए “कारुण्य” कार्यक्रम शुरू किया गया, जो आयुर्वेदिक इलाज के जरिए जीवन गुणवत्ता सुधारने की पहल है। साथ ही औषधीय पौधों के संरक्षण और जानकारी के लिए विशेष हेल्पलाइन भी शुरू की गई।

इस मौके पर “मध्य हर्बल दर्पण” पत्रिका और जन आरोग्य समिति की नियमावली का विमोचन किया गया। कार्यक्रम स्थल पर आयुष विभाग की प्रदर्शनी भी लगाई गई, जिसमें आयुर्वेदिक औषधियों और जड़ी-बूटियों की जानकारी दी गई।

मंत्री और जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी

आयुर्वेद दिवस कार्यक्रम की अध्यक्षता उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा एवं आयुष मंत्री इंदर सिंह परमार ने की। इस अवसर पर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री चैतन्य काश्यप, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री कृष्णा गौर और संस्कृति व पर्यटन राज्यमंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी सहित कई जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे।

आयुर्वेद को वैश्विक पहचान दिलाने की तैयारी

विशेषज्ञों का मानना है कि आयुष अस्पतालों के विस्तार और आयुष-पर्यटन के संयुक्त प्रयासों से मध्यप्रदेश न केवल देश बल्कि दुनिया में स्वास्थ्य और वेलनेस टूरिज्म का नया केंद्र बन सकता है। यह पहल प्रदेश को रोजगार, स्वास्थ्य और पर्यटन के क्षेत्र में नई ऊंचाइयां दिलाएगी।


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