नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय: जन्मदिन पर जानें संघर्षों से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर और रोचक किस्से


नरेंद्र मोदी का जीवन परिचय: जन्मदिन पर जानें संघर्षों से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर और रोचक किस्से

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी का जीवन संघर्ष, साहस और राष्ट्रसेवा का प्रतीक है। रेलवे स्टेशन पर चाय बेचने से लेकर विश्व राजनीति में भारत की आवाज़ बुलंद करने तक का उनका सफर असाधारण है। उनके जीवन में कई ऐसे किस्से हैं, जो यह बताते हैं कि कैसे वे कठिन परिस्थितियों में भी दृढ़ता और संवेदनशीलता बनाए रखते हैं।

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बचपन और प्रारंभिक जीवन

  • 17 सितंबर 1950: गुजरात के वडनगर में जन्म।
  • पिता दामोदरदास मोदी रेलवे स्टेशन पर चाय बेचते थे। नरेंद्र मोदी भी बचपन में पिता की मदद किया करते थे।
  • किशोरावस्था से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर राष्ट्र सेवा का संकल्प लिया।
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जीवन की प्रमुख घटनाएँ: टाइमलाइन

  • 1971: भारत-पाक युद्ध में स्वयंसेवक के रूप में कार्य।
  • 1987: भाजपा में शामिल हुए, संगठन मंत्री बने।
  • 2001: गुजरात के मुख्यमंत्री बने।
  • 2014: भारत के प्रधानमंत्री बने।
  • 2019: दूसरी बार भारी बहुमत से प्रधानमंत्री बने, धारा 370 हटाया।
  • 2023: भारत ने G20 की अध्यक्षता की।
  • 2024: लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने।

ऐतिहासिक निर्णय

  1. धारा 370 हटाना
  2. जीएसटी लागू करना
  3. स्वच्छ भारत अभियान
  4. डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप इंडिया
  5. आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया
  6. राम मंदिर निर्माण की पहल
  7. योग दिवस को वैश्विक मान्यता दिलाना

प्रमुख सम्मान

  • रूस, UAE और सऊदी अरब के सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित।
  • टाइम और फोर्ब्स की प्रभावशाली नेताओं की सूची में स्थान।

नरेंद्र मोदी से जुड़े कुछ रोचक किस्से

1. साधु जीवन का अनुभव

युवावस्था में मोदी जी ने हिमालय की यात्रा की और कुछ वर्षों तक साधु जीवन जिया। वहां उन्होंने आत्मचिंतन और आध्यात्मिक साधना की। यह अनुभव उनकी सोच और जीवन दृष्टि पर गहरा प्रभाव छोड़ गया।

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2. एकता यात्रा का किस्सा

1992-93 में जब डॉ. मुरली मनोहर जोशी की एकता यात्रा श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा फहराने निकली, तब मोदी जी इसके मुख्य संयोजक थे। कार्यकर्ताओं की मेहनत और समर्पण देखकर वे इतने भावुक हुए कि सभा में लगभग रो पड़े। इससे पता चलता है कि उनके कठोर व्यक्तित्व के पीछे एक संवेदनशील हृदय है।

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3. समय के पाबंद

मोदी जी का अनुशासन प्रसिद्ध है। मुख्यमंत्री रहते हुए वे सुबह 5 बजे काम शुरू कर देते थे। एक बार एक विदेशी प्रतिनिधिमंडल उनसे मिलने देर से पहुंचा, तो उन्होंने बिना क्रोध किए बस इतना कहा – “समय ही सबसे बड़ी पूंजी है, इसका आदर करें।” यह बात सुनकर पूरा दल प्रभावित हुआ।

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4. अमेरिका वीज़ा विवाद

2005 में अमेरिका ने नरेंद्र मोदी को वीज़ा देने से इनकार कर दिया था। लेकिन 2014 में जब वे भारत के प्रधानमंत्री बने, तो वही अमेरिका उन्हें भव्य स्वागत के लिए आमंत्रित कर रहा था। यह उनके राजनीतिक जीवन का बड़ा मोड़ था और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की शक्ति का प्रतीक भी।

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व्यक्तित्व और नेतृत्व शैली

मोदी जी को लोग “कठोर अनुशासन वाला, लेकिन भावनाओं से जुड़ा नेता” मानते हैं।

  • वे उत्कृष्ट वक्ता हैं और जनता से सीधे संवाद करते हैं।
  • उनकी सोच दूरदर्शी है और वे कठिन फैसले लेने से पीछे नहीं हटते।
  • खुद को “प्रधान सेवक” कहकर वे यह जताते हैं कि राजनीति उनके लिए सत्ता नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम है।

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नरेंद्र मोदी का जीवन हमें यह सिखाता है कि परिस्थितियाँ चाहे कैसी भी हों, अगर इरादे मजबूत हों तो असंभव को भी संभव किया जा सकता है। उनके जन्मदिन पर देशवासी उन्हें शुभकामनाएँ देते हैं और आशा करते हैं कि उनके नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनेगा।

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