June 13, 2025 3:36 AM

नमो ऐप सर्वे में पहले दिन ही 5 लाख से ज्यादा लोग शामिल: भारत की विकास यात्रा पर जनता ने दी राय

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नई दिल्ली। केंद्र सरकार के 11 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में शुरू किए गए नमो ऐप जन मन सर्वे को देशभर से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। सर्वे लॉन्च के पहले ही दिन, यानी शुरुआती 26 घंटे में 5 लाख से अधिक लोगों ने भाग लेकर अपनी राय साझा की। यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की योजनाओं और कार्यों पर सीधे आम जनता से फीडबैक लेने के उद्देश्य से की गई है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस जन संवाद अभियान को सोशल मीडिया पर साझा करते हुए देशवासियों से अपील की कि वे नमो ऐप के माध्यम से भारत की 11 वर्षों की विकास यात्रा पर अपने विचार रखें। पीएम मोदी ने लिखा, “आपकी राय सबसे महत्वपूर्ण है!”

उत्तर प्रदेश सबसे आगे, महाराष्ट्र और तमिलनाडु भी सक्रिय

सर्वे में उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक भागीदारी दर्ज की गई है। आंकड़ों के अनुसार, यूपी से 1,41,150 लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया भेजी। इसके बाद महाराष्ट्र (65,775), तमिलनाडु (62,580), गुजरात (43,590) और हरियाणा (29,985) का स्थान रहा। इन राज्यों से मिले फीडबैक यह दर्शाते हैं कि नागरिक बड़ी संख्या में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में भाग लेने को इच्छुक हैं।

जनता को मिल रहा लोकतांत्रिक भागीदारी का सीधा मंच

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जन मन सर्वे केवल फीडबैक जुटाने की कवायद नहीं, बल्कि आम नागरिकों को लोकतांत्रिक प्रक्रिया से सीधे जोड़ने का प्रयास है। इस सर्वे के जरिए जनता को राष्ट्रीय सुरक्षा, सुशासन, सांस्कृतिक विरासत, युवा सशक्तिकरण जैसे अहम मुद्दों पर केंद्र सरकार के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने और अपनी राय व्यक्त करने का अवसर मिल रहा है।

उन्होंने कहा, “इस तरह के संवाद से सरकार को यह संकेत भी मिलता है कि कौन-सी योजनाएं जनसमर्थन पा रही हैं और किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है। यह नया भारत बनाने की दिशा में जनभागीदारी की सशक्त अभिव्यक्ति है।”

77% लोगों ने पूरे सवालों के जवाब दिए

सर्वे को लेकर एक और महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इसमें शामिल हुए 77 फीसदी प्रतिभागियों ने सभी प्रश्नों के उत्तर दिए, जो नागरिकों की गंभीर भागीदारी को दर्शाता है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह का सर्वे भारत के नागरिकों को न केवल राष्ट्रीय मुद्दों पर राय रखने का मौका देता है, बल्कि उन्हें नीतिगत चर्चाओं का हिस्सा भी बनाता है।

सरकार की ओर से यह साफ किया गया है कि आने वाले दिनों में सर्वे के आंकड़ों का समग्र विश्लेषण किया जाएगा, जिससे नीतिगत निर्णयों को जनभावना के अनुरूप अधिक प्रासंगिक और उपयोगी बनाया जा सके।


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