October 30, 2025 11:32 PM

मुंबई में बड़ा बंधक कांड: पवई के रा स्टूडियो में 17 बच्चों समेत 19 लोगों को बंधक बनाने वाला रोहित आर्या एनकाउंटर में मारा गया

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मुंबई पवई के रा स्टूडियो में 17 बच्चों को बंधक बनाने वाला रोहित आर्या एनकाउंटर में ढेर, सभी बच्चे सुरक्षित

मुंबई।
मुंबई के पवई इलाके में गुरुवार को हुए एक दिल दहला देने वाले बंधक प्रकरण का आखिरकार दुःखद लेकिन निर्णायक अंत हुआ। यहां एक शख्स रोहित आर्या ने रा स्टूडियो में 17 बच्चों समेत कुल 19 लोगों को बंधक बना लिया था। पुलिस ने करीब एक घंटे तक चले ऑपरेशन में सभी बंधकों को सुरक्षित बचा लिया, लेकिन इस दौरान मुठभेड़ में रोहित आर्या को गोली लगी, जिससे बाद में उसकी मौत हो गई।


कैसे शुरू हुआ पूरा घटनाक्रम

गुरुवार दोपहर करीब 1:45 बजे, मुंबई के पवई स्थित रा स्टूडियो में अचानक अफरातफरी मच गई। स्टूडियो में शूटिंग के लिए मौजूद बच्चे और कुछ स्थानीय लोग अंदर फंस गए थे। उसी समय रोहित आर्या नामक व्यक्ति ने खुद को अंदर बंद कर लिया और दावा किया कि उसने 17 बच्चों, एक वरिष्ठ नागरिक और एक अन्य व्यक्ति को बंधक बना लिया है।

घटना की जानकारी मिलते ही इलाके में हड़कंप मच गया। आसपास के लोगों ने जब बच्चों को खिड़की से मदद मांगते देखा, तो तुरंत पुलिस को सूचना दी। देखते ही देखते मुंबई पुलिस, ATS, और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं और स्टूडियो के चारों ओर घेरा डाल दिया।

पुलिस का एक घंटे का बचाव अभियान

सूचना मिलते ही पवई पुलिस ने स्थिति को संभालने के लिए स्पेशल कमांडो यूनिट को बुलाया। शुरुआत में पुलिस ने रोहित से बातचीत (नेगोशिएशन) करने की कोशिश की, ताकि बच्चों की जान बचाई जा सके। लेकिन आरोपी ने बातचीत से इनकार करते हुए पुलिस को धमकाया कि अगर कोई कार्रवाई की गई तो वह “स्टूडियो को आग लगा देगा।”

करीब एक घंटे की कोशिश के बाद, जब आरोपी शांत नहीं हुआ, तो पुलिस ने गुप्त रास्ते से अंदर घुसने की योजना बनाई। टीम बाथरूम की दिशा से अंदर दाखिल हुई ताकि आरोपी को अचानक घेर सके।

जैसे ही पुलिस अंदर पहुंची, रोहित ने एयरगन से फायरिंग शुरू कर दी और बच्चों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल किया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसमें रोहित आर्या दाईं छाती में गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गया। उसे तुरंत जेजे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।


पुलिस ने सभी बंधकों को सुरक्षित निकाला

पुलिस की त्वरित कार्रवाई से सभी 17 बच्चे और दो अन्य बंधक सुरक्षित बाहर निकाल लिए गए। किसी भी बच्चे को गंभीर चोट नहीं आई। स्टूडियो में मौजूद सुरक्षा कैमरों और गवाहों के अनुसार, कई बच्चे डरे-सहमे हालत में रो रहे थे। पुलिस ने मौके पर एयरगन और कुछ रासायनिक पदार्थ बरामद किए, जिन्हें अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।


रोहित आर्या कौन था?

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, रोहित आर्या मूल रूप से पुणे का निवासी था और फिल्म निर्माता एवं सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में काम करता था। उसने दावा किया था कि महाराष्ट्र सरकार की ‘माझी शाळा, सुंदर शाळा’ परियोजना का कॉन्सेप्ट उसने तैयार किया था।

उसका आरोप था कि सरकार ने उसकी स्क्रिप्ट, आइडिया और फिल्म के अधिकार बिना अनुमति के इस्तेमाल किए और उसे न तो भुगतान किया गया, न ही श्रेय दिया गया।

बताया जा रहा है कि इस वजह से वह पिछले कई महीनों से आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव से गुजर रहा था। इसी निराशा में उसने यह चरम कदम उठाया।


सोशल मीडिया पर डाला वीडियो: “मैं आतंकवादी नहीं हूं”

बंधक बनाने के बाद रोहित ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उसने कहा:

“मैं रोहित आर्या हूं। सुसाइड करने के बजाय मैंने एक योजना बनाई है और कुछ बच्चों को यहां बंधक बनाकर रखा है। मेरी मांगें अनैतिक नहीं हैं, मैं बस कुछ सवाल पूछना चाहता हूं। मुझे कोई पैसे नहीं चाहिए, मैं आतंकवादी नहीं हूं। अगर मुझे उकसाया गया तो मैं स्टूडियो में आग लगा दूंगा।”

वीडियो में रोहित स्पष्ट रूप से भावनात्मक और असंतुलित स्थिति में दिखाई दे रहा था। उसने कहा कि सरकार ने उसके काम का श्रेय छीन लिया, जिससे वह खुद को अपमानित महसूस कर रहा था।


पूर्व मंत्री दीपक केसरकर का बयान

घटना के बाद महाराष्ट्र के पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने बयान जारी करते हुए कहा कि,

“रोहित को हमारे विभाग से जुड़ा काम दिया गया था और उसे उसके काम के पैसे मिल चुके हैं। लेकिन बच्चों को बंधक बनाना निंदनीय और गैरकानूनी कदम है।”

केसरकर ने कहा कि इस घटना को किसी तरह से “न्याय की मांग” से जोड़ना गलत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पुलिस कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट मांगेगी।


घटनास्थल से मिले रासायनिक पदार्थ

मुंबई पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से एयरगन और कुछ रासायनिक नमूने बरामद किए गए हैं। प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि आरोपी स्टूडियो में आग लगाने की तैयारी कर चुका था। इन नमूनों को फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (FSL) में जांच के लिए भेजा गया है।


जेजे अस्पताल में होगा पोस्टमार्टम

रोहित आर्या का पोस्टमार्टम जेजे अस्पताल में कराया जाएगा। पुलिस ने कहा है कि इस घटना में उपयोग की गई हथियार, वीडियो रिकॉर्डिंग, डिजिटल साक्ष्य और सोशल मीडिया पोस्ट की जांच की जाएगी।


मुंबई पुलिस का बयान

मुंबई पुलिस कमिश्नर ने घटना पर कहा —

“हमारी प्राथमिकता बच्चों की सुरक्षा थी। पुलिस ने संयम और सटीक योजना के साथ कार्रवाई की। सभी बंधक सुरक्षित हैं और आरोपी मुठभेड़ में मारा गया। मामला अब जांच के अधीन है।”


घटना ने खड़ा किया सवाल — मानसिक तनाव से जूझ रहे युवाओं पर ध्यान जरूरी

यह घटना न केवल पुलिस की त्वरित कार्रवाई का उदाहरण है, बल्कि यह समाज में मानसिक स्वास्थ्य और असंतोष की गहराई को भी उजागर करती है। रोहित आर्या का वीडियो दिखाता है कि वह निराशा और उपेक्षा के कारण हिंसा का रास्ता चुन बैठा। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे लोगों के लिए काउंसलिंग और संवाद की व्यवस्था जरूरी है ताकि वे ऐसे खतरनाक कदम न उठाएं।


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