मध्यप्रदेश में बदला मौसम: उज्जैन में दिन-रात का तापमान सिर्फ 2 डिग्री, 12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
भोपाल।
मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज एक बार फिर बदल गया है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में सक्रिय दो गहरे दबाव तंत्रों (डिप्रेशन) और उत्तर भारत में बने साइक्लोनिक सर्कुलेशन (चक्रवाती दबाव) के कारण राज्य के कई हिस्सों में बारिश और ठंडी हवाओं का असर दिखाई देने लगा है। बुधवार को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, जबलपुर और ग्वालियर सहित अधिकांश जिलों में रुक-रुककर वर्षा हुई। कई स्थानों पर दिनभर ठंडी हवाएं चलती रहीं, जिससे तापमान में उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई।
उज्जैन में मौसम में सबसे बड़ा बदलाव देखा गया, जहां दिन और रात के तापमान में सिर्फ 2 डिग्री का अंतर रहा। दिन का अधिकतम तापमान 23 डिग्री और रात का न्यूनतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं शिवपुरी 15 डिग्री तापमान के साथ प्रदेश का सबसे ठंडा जिला रहा।
खंडवा में तापमान में सबसे अधिक अंतर देखने को मिला — यहां दिन का तापमान 28.5 डिग्री और रात का तापमान 15 डिग्री दर्ज किया गया, यानी 13.5 डिग्री का बड़ा अंतर।
चार दिनों तक रहेगा मौसम का असर
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि मध्यप्रदेश में आने वाले चार दिनों तक लगातार बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है। ठंडी हवाओं और बढ़ी हुई नमी के चलते कई इलाकों में सुबह और रात के समय घना कोहरा छाने की संभावना भी जताई गई है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों ही ओर बने दबाव तंत्र आपस में मिलकर मध्यप्रदेश की दिशा में सक्रिय हो रहे हैं। इसके कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में आंशिक से लेकर मध्यम वर्षा की स्थिति बनी हुई है।
12 जिलों में भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने प्रदेश के 12 जिलों — सतना, रीवा, मऊगंज, सीधी, सिंगरौली, मैहर, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला और बालाघाट — में भारी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में अगले 24 घंटों में ढाई से साढ़े चार इंच तक वर्षा होने की संभावना है।
वहीं खंडवा, बुरहानपुर, हरदा, नर्मदापुरम, बैतूल, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पांढुर्णा, सिवनी, जबलपुर, कटनी और पन्ना जिलों में हल्की बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं की स्थिति बनी रहने की संभावना है।
भोपाल, इंदौर, उज्जैन में ठंडक बढ़ी
राजधानी भोपाल में बुधवार सुबह से ही कोहरा छाया रहा। बीच-बीच में हल्की बारिश भी होती रही। तेज हवाओं के कारण ठंडक में बढ़ोतरी महसूस की गई। दिन का अधिकतम तापमान 25.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ।
इंदौर में भी ठंडी हवाओं के साथ हल्की वर्षा हुई, जिससे तापमान 25.1 डिग्री तक गिर गया।
उज्जैन में बादल छाए रहे और तापमान 23 डिग्री दर्ज किया गया।
जबलपुर में तापमान 28.8 डिग्री और ग्वालियर में 24.6 डिग्री दर्ज हुआ।
इनके अलावा बैतूल, धार, दतिया, गुना, रतलाम और शिवपुरी जैसे जिलों में भी अधिकतम तापमान सामान्य से 3 से 5 डिग्री नीचे रहा।

चक्रवात ‘मोंथा’ का असर
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, अरब सागर में बना चक्रवात ‘मोंथा’ अब कमजोर पड़ने के बावजूद अपने प्रभाव को मध्यप्रदेश तक फैला चुका है। इसके कारण राज्य के कई हिस्सों में हवा की गति सामान्य से अधिक दर्ज की गई। 20 से 25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही हवाओं ने मौसम को ठंडा बना दिया है।
मौसम विभाग के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि चक्रवात मोंथा का असर अगले 72 घंटों तक रहेगा। बारिश के बाद तापमान में और गिरावट दर्ज होगी तथा नवंबर के पहले सप्ताह से सर्दी का प्रभाव स्पष्ट रूप से महसूस किया जाएगा।
किसान सतर्क रहें, मौसम विभाग की सलाह
कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सलाह दी है कि वे फिलहाल कटाई और भंडारण के कार्यों को कुछ दिनों के लिए टाल दें, क्योंकि लगातार नमी और वर्षा से फसलों को नुकसान हो सकता है। विशेषकर धान, सोयाबीन और सब्जी फसलों में सड़न और फफूंदी का खतरा बढ़ सकता है।
विभाग ने कहा है कि खुले में रखी फसलों को ढककर रखें और निचले क्षेत्रों में जलभराव से बचाव के उपाय करें।
राज्य में ठंड का आगाज़
मध्यप्रदेश में अब सर्दी का आरंभिक दौर शुरू हो गया है। तापमान में लगातार गिरावट और हवा में बढ़ती नमी से मौसम शीतल होता जा रहा है। मौसम विभाग का अनुमान है कि नवंबर के पहले सप्ताह तक अधिकांश जिलों में न्यूनतम तापमान 12 से 14 डिग्री के बीच पहुंच जाएगा।
राज्य के उत्तरी हिस्सों में ठंडी हवाओं के साथ बारिश के कारण ठंड तेजी से बढ़ रही है, जबकि दक्षिणी जिलों में तापमान में धीरे-धीरे गिरावट दर्ज की जा रही है।
मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के दबाव तंत्र सक्रिय बने रहे, तो नवंबर के पहले सप्ताह तक मध्यप्रदेश में ठंड औपचारिक रूप से दस्तक दे देगी।
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