इंदौर, भोपाल, जबलपुर समेत कई जिलों में बादलों का डेरा; ओले गिरने से फसलें फिर संकट में
भोपाल।
मध्यप्रदेश में इस बार मई का महीना गर्मी से ज्यादा बादलों और बारिश का चेहरा लेकर आया है। नौतपा के चौथे दिन भी प्रदेश के कई जिलों में तेज आंधी, बारिश और कहीं-कहीं ओले गिरने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा। बुधवार को इंदौर, उज्जैन, धार, खरगोन, राजगढ़, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा समेत अनेक इलाकों में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई, जिससे दिन का तापमान गिरा, लेकिन फसलों और कमजोर ढांचों को नुकसान भी पहुंचा।
30 जिलों में अलर्ट, आंधी की रफ्तार 60 किमी/घंटा तक पहुंच सकती है
मौसम विभाग के ताज़ा अपडेट के मुताबिक, प्रदेश के 30 जिलों में अगले 24 घंटे में तेज आंधी और बारिश का अलर्ट जारी है। कुछ इलाकों में तेज गरज-चमक और बिजली गिरने की भी संभावना जताई गई है। इस दौरान आंधी की रफ्तार 50-60 किमी प्रतिघंटा तक हो सकती है।
जिन जिलों में मौसम बदल सकता है, वे हैं:
राजगढ़, विदिशा, गुना, अशोकनगर, रतलाम, मंदसौर, आगर-मालवा, शाजापुर, भोपाल, रायसेन, सीहोर, देवास, नरसिंहपुर, दमोह, सागर, पांढुर्णा, नीमच, इंदौर, धार, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, नर्मदापुरम, डिंडोरी, मंडला और जबलपुर।

बरसात से मिली राहत, लेकिन ओलों ने बढ़ाई चिंता
बारिश ने जहां गर्मी से राहत दी है, वहीं कुछ जिलों में ओले गिरने से खेतों में खड़ी फसलें प्रभावित हुई हैं। विशेष रूप से मालवा-निमाड़ और बुंदेलखंड के कुछ हिस्सों में सब्जी, मक्का और दलहनी फसलों को नुकसान पहुंचा है। किसानों ने प्रशासन से फसल नुकसान का सर्वे कराने की मांग की है।
इस बार ‘बरसाती मई’ बना इतिहास
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 2024 का मई महीना अब तक का सबसे ज्यादा बरसाती महीनों में शामिल हो रहा है।
- लगातार 27 दिन से प्रदेश में कहीं न कहीं बारिश हो रही है।
- बारिश की शुरुआत 26 अप्रैल से हो चुकी थी, जब पहला बड़ा मौसम परिवर्तन देखने को मिला।
- कुछ जगहों पर इस दौरान ओलावृष्टि भी हुई है।
- साल 2023 में मई में 20 दिन बारिश हुई थी, लेकिन लगातार नहीं — जबकि इस बार लगातार सिलसिला जारी है।

31 मई तक ऐसा ही मौसम रहने की संभावना
मौसम विभाग ने संकेत दिए हैं कि 31 मई तक इसी तरह का मौसम बना रह सकता है। इस दौरान
- बादल छाए रहेंगे,
- शाम या रात के वक्त गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है,
- कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश और आंधी संभव है।
राज्य के प्रमुख शहरों जैसे भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में भी दिन का तापमान औसतन 33–36 डिग्री के बीच बना हुआ है, जो सामान्य से 3–5 डिग्री कम है।
लू गायब, मानसून के पहले मानसून जैसा मौसम
जहां मई में अक्सर लू का प्रकोप देखा जाता था, इस बार लू लगभग गायब है। इसके पीछे
- अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बनी सिस्टम,
- हवा की दिशा में बदलाव
- और वातावरण में नमी की उपस्थिति को प्रमुख कारण माना जा रहा है।
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि मानसून से पहले ही प्रदेश में मानसून जैसा माहौल बन गया है, जो असामान्य जरूर है, लेकिन क्लाइमेट चेंज के असर का हिस्सा माना जा रहा है।
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