September 17, 2025 12:38 PM

मध्यप्रदेश के शिक्षकों को मिलेगा चौथा क्रमोन्नति वेतनमान

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मप्र के शिक्षकों को मिलेगा चौथा क्रमोन्नति वेतनमान, सरकार पर 117 करोड़ का अतिरिक्त भार


कैबिनेट में जल्द आएगा प्रस्ताव, सरकार पर 117 करोड़ का अतिरिक्त भार

भोपाल। मध्यप्रदेश के शिक्षकों को अब चौथा क्रमोन्नति वेतनमान मिलने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को राजधानी भोपाल स्थित प्रशासन अकादमी में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में इसकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से सरकार पर 117 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आर्थिक बोझ आएगा, लेकिन शिक्षकों के परिश्रम और समर्पण को देखते हुए यह कदम उठाना गर्व और आनंद की बात है।

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समारोह का आयोजन

शुक्रवार को राजधानी भोपाल की प्रशासन अकादमी में आयोजित राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह में प्रदेश के शिक्षकों को विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस मौके पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह और महापौर मालती राय मौजूद रहे और शिक्षकों को सम्मानित किया।


राज्यपाल मंगुभाई पटेल का संबोधन

राज्यपाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक समाज के वास्तविक पथप्रदर्शक होते हैं, जो नई पीढ़ी को संस्कार, ज्ञान और चरित्र निर्माण की दिशा में आगे बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि आज जब डिजिटल युग शिक्षा के स्वरूप को तेजी से बदल रहा है, तब भी शिक्षक की भूमिका अपरिहार्य है।
राज्यपाल ने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को केवल पुस्तकीय ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों, सामाजिक जिम्मेदारी और देशभक्ति से भी जोड़ें। उन्होंने कहा— “शिक्षक अगर समर्पण और ईमानदारी से कार्य करें तो समाज और राष्ट्र का भविष्य निश्चित रूप से उज्ज्वल होगा।”


मुख्यमंत्री का संबोधन

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सरकारी शिक्षक आज उस मुकाम पर खड़े हैं, जहां वे देश के किसी भी शिक्षा बोर्ड—सीबीएसई और आईसीएसई—को सीधी टक्कर दे रहे हैं। यही कारण है कि सरकारी स्कूलों के बच्चे राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित कठिन परीक्षाओं में लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शिक्षक हितों से जुड़े और भी फैसले सरकार लेगी।


किसे मिलेगा लाभ?

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह लाभ केवल उन शिक्षकों को मिलेगा जिन्होंने 1 जुलाई 2023 तक 35 साल की सेवा पूरी कर ली है।

  • अभी तक चौथा क्रमोन्नति वेतनमान केवल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को मिल रहा था।
  • लंबे समय से शिक्षक इसकी मांग कर रहे थे, जिसे अब पूरा कर दिया गया है।

उत्कृष्ट शिक्षकों का सम्मान

समारोह में प्रदेशभर से 14 उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इन्हें 25 हजार रुपये की सम्मान निधि, शॉल, श्रीफल और प्रशस्ति पत्र भेंट किए गए।

प्राथमिक और माध्यमिक श्रेणी से सम्मानित शिक्षक:

  • जितेन्द्र शर्मा (प्राथमिक शाला, बिसोनिया, गुना)
  • दिलीप जायसवाल (उ.मा.वि. क्रमांक-2, शाजापुर)
  • दिलीप कटरे (ईपीईएस स्कूल, भाटीवाड़ा, सिवनी)
  • श्रीकांत कुर्मी (प्राथमिक स्कूल, बसिया, दमोह)
  • श्रद्धा गुप्ता (उ.मा.वि. रुस्तमपुर, खंडवा)
  • मोहन सिंह गौंड (माध्यमिक स्कूल, दमोह)
  • अपूर्व शर्मा (माध्यमिक शाला, चंदेसरा, उज्जैन)
  • धनराज वाणी (माध्यमिक शाला, अलीराजपुर

उच्चतर माध्यमिक श्रेणी से सम्मानित शिक्षक:

  • राधा शर्मा (उत्कृष्ट उ.मा.वि. बाग, धार)
  • डॉ. नरेन्द्र कुमार उरमलिया (उ.मा.वि., मेडिकल कॉलेज, जबलपुर)
  • महेन्द्र कुमार लोधी (ज्ञानोदय स्कूल, सागर)
  • विनीता ओझा (उ.मा.वि. जावरा, रतलाम)
  • डॉ. सरिता शर्मा (हाई स्कूल, राजगढ़)
  • सौरभ कुमार शर्मा (बालाघाट)

राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार प्राप्त शिक्षकों का भी सम्मान

इस अवसर पर उन शिक्षकों को भी विशेष सम्मान दिया गया जिन्हें राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार 2024 मिला है।

  • माधव प्रसाद पटेल (माध्यमिक शाला लिधौरा, दमोह)
  • सुनीता गोधा (हाई स्कूल, मंदसौर)

इसके साथ ही भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा चयनित दो शिक्षकों—

  • शीला पटेल (प्राथमिक शाला, पथरिया, दमोह)
  • भैरूलाल ओसारा (ईपीईएस माध्यमिक शाला, आगर-मालवा)
    —को भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा सम्मानित किए जाने पर राज्यस्तर पर अभिनंदन किया गया।

शिक्षा मंत्री का वक्तव्य

स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि ये सभी शिक्षक अपनी मेहनत, लगन और समर्पण से प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को नए स्तर पर ले गए हैं। उनका सम्मान अन्य शिक्षकों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा।


✍️ विश्लेषण

राज्यपाल और मुख्यमंत्री दोनों के संबोधन से यह साफ झलकता है कि मध्यप्रदेश सरकार शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और शिक्षकों का मनोबल ऊँचा करने को लेकर गंभीर है। चौथा क्रमोन्नति वेतनमान केवल आर्थिक लाभ नहीं है, बल्कि यह शिक्षकों के योगदान को औपचारिक मान्यता देने का प्रतीक है।



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