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April 27, 2025 6:39 AM

2025 में सांसदों की सैलरी में इजाफा, जानें सरकार ने क्या-क्या बदलाव किए

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सरकार ने सांसदों के वेतन में 24% की वृद्धि कर दी है। संसदीय कार्य मंत्रालय ने सोमवार को इसकी अधिसूचना जारी की, जिसके अनुसार सांसदों को अब हर महीने 1.24 लाख रुपये का वेतन मिलेगा। पहले यह राशि 1 लाख रुपये थी।

कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के आधार पर हुआ वेतन संशोधन

इस वेतन वृद्धि को कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स (लागत मुद्रास्फीति सूचकांक) के अनुसार तय किया गया है। संशोधित वेतन 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगा। इससे पहले, 2018 में केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन और भत्तों की हर पांच साल में समीक्षा करने का नियम लागू किया था, जो महंगाई दर पर आधारित होता है।

डेली अलाउंस और पेंशन में भी बढ़ोतरी

सरकार ने सांसदों के डेली अलाउंस और पेंशन में भी इजाफा किया है।

  • डेली अलाउंस – 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये किया गया।
  • पूर्व सांसदों की पेंशन – 25,000 रुपये प्रति माह से बढ़ाकर 31,000 रुपये प्रति माह कर दी गई।
  • 5 साल से अधिक सांसद रहने वालों की अतिरिक्त पेंशन – हर साल के लिए मिलने वाली एक्स्ट्रा पेंशन 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह कर दी गई।

सांसदों के अन्य भत्तों में भी संशोधन

सांसदों को मिलने वाले अन्य भत्तों में भी बदलाव किया गया है:

  • निर्वाचन क्षेत्र भत्ता – पहले 70,000 रुपये था, अब 87,000 रुपये प्रति माह मिलेगा।
  • कार्यालय खर्च – पहले 60,000 रुपये था, अब 75,000 रुपये प्रति माह कर दिया गया। इसमें 50,000 रुपये कम्प्यूटर ऑपरेटर के लिए और 25,000 रुपये स्टेशनरी के लिए शामिल हैं।
  • फर्नीचर खरीदने की सुविधा – सांसदों को कार्यकाल के दौरान एक बार 1 लाख रुपये का टिकाऊ फर्नीचर और 25,000 रुपये का गैर-टिकाऊ फर्नीचर खरीदने की अनुमति मिलेगी।

2018 में भी हुआ था वेतन संशोधन

2018 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सांसदों का वेतन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये किया था। उसी समय, हर पांच साल में वेतन और भत्तों की ऑटोमैटिक समीक्षा करने का नियम भी बनाया गया था। इस नियम के तहत सांसदों के वेतन को मुद्रास्फीति के आधार पर संशोधित किया जाता है, जिससे वेतन वृद्धि के लिए सिफारिशें करने की परंपरा समाप्त हो गई।

2020 में COVID-19 महामारी के दौरान, सरकार ने सांसदों और मंत्रियों के वेतन में एक साल के लिए 30% की कटौती की थी।

सांसदों को मिलने वाली अन्य सुविधाएं

  • हवाई यात्रा – प्रत्येक सांसद को साल में 34 मुफ्त हवाई यात्रा करने की सुविधा मिलती है। इनमें से 8 यात्राएं वे अपने सहयोगियों या स्टाफ को ट्रांसफर कर सकते हैं।
  • रेल यात्रा – सांसदों को भारतीय रेलवे की सभी श्रेणियों में मुफ्त यात्रा की सुविधा मिलती है, जो संसद सत्र के दौरान और उसके बाद भी लागू रहती है।
  • सड़क यात्रा भत्ता – आधिकारिक यात्रा के दौरान सड़क मार्ग से जाने पर ₹16 प्रति किमी तक का भत्ता मिलता है।
  • दिल्ली में परिवहन सुविधा – संसद सत्र के दौरान सांसदों को दिल्ली में परिवहन की सुविधा दी जाती है।
  • रिटायर्ड सांसदों को रियायत – पूर्व सांसदों को भी कुछ हद तक रेल और हवाई यात्रा पर रियायत मिलती है।

2025 की वेतन वृद्धि का आधार

इस बार किया गया संशोधन आयकर अधिनियम, 1961 में निर्धारित कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के अनुसार किया गया है। यह संसदीय वेतन, भत्ता और पेंशन अधिनियम के तहत सरकार की शक्तियों का उपयोग करके लागू किया गया है।

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