मप्र की बेटी क्रांति गौड़ को एक करोड़ रुपये देगी राज्य सरकार, महिला विश्व कप में शानदार प्रदर्शन
भारतीय महिला क्रिकेट टीम की विश्व कप जीत में छतरपुर की बेटी का शानदार योगदान
भोपाल, 03 नवम्बर। भारतीय महिला क्रिकेट टीम द्वारा पहली बार आईसीसी महिला एकदिवसीय विश्व कप जीतने के ऐतिहासिक क्षण में मध्यप्रदेश की बेटी क्रांति गौड़ ने अहम भूमिका निभाई। इस उपलब्धि पर प्रदेश सरकार ने उनके सम्मान में बड़ा निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने घोषणा की है कि राज्य सरकार क्रांति गौड़ को एक करोड़ रुपये का पुरस्कार देगी।
मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि भारतीय महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका को फाइनल मुकाबले में 52 रनों से हराकर इतिहास रचा है। इस जीत में छतरपुर की बेटी क्रांति गौड़ का प्रदर्शन बेहद सराहनीय रहा है। उन्होंने पूरे प्रदेश का गौरव बढ़ाया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “मैं प्रदेश की बेटियों और देश की सभी महिला खिलाड़ियों को हार्दिक बधाई देता हूं। जिस तरह से उन्होंने विश्व कप में अपने दमखम से भारत का परचम लहराया, वह प्रेरणादायक है। राज्य सरकार भविष्य में भी खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करती रहेगी।”
रविवार की रात मुंबई में खेले गए इस फाइनल मुकाबले में क्रांति गौड़ ने शानदार गेंदबाजी की। उन्होंने अपने तीन ओवर के स्पेल में केवल 16 रन दिए और दक्षिण अफ्रीका की बल्लेबाजों पर नियंत्रण रखा। उनकी गेंदबाजी ने टीम इंडिया को मजबूत स्थिति में पहुंचाया और अंततः भारत ने यह ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
क्रांति गौड़ छतरपुर जिले के घुवारा गांव की रहने वाली हैं। उनके पिता मुन्ना सिंह पुलिस विभाग में प्रधान आरक्षक के पद पर कार्यरत थे, लेकिन 2011 से निलंबित चल रहे हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर रही है। क्रांति की मां नीलम गृहिणी हैं और परिवार में कुल छह सदस्य हैं। क्रिकेट के प्रति अपने जुनून को बनाए रखने के लिए क्रांति ने तमाम कठिन परिस्थितियों का सामना किया। उन्होंने अपने पुराने साक्षात्कार में बताया था कि कई बार घर में खाने तक की समस्या हो जाती थी। बड़े भाई मयंक ने दिल्ली में नौकरी करके बहन के क्रिकेट करियर को आगे बढ़ाने में मदद की।
क्रांति की मां ने भी बेटी के खेल करियर के लिए अपने गहने तक बेच दिए। गांव के सामने बने एक छोटे से मैदान में बिजली के खंभे का टूटा हिस्सा स्टम्प बनाकर क्रांति ने आठ वर्ष की उम्र में टेनिस बॉल से क्रिकेट खेलना शुरू किया था। उसी मैदान से उनकी प्रतिभा निखरती चली गई।
रविवार को जैसे ही भारतीय टीम ने फाइनल जीता, घुवारा गांव में उत्सव का माहौल बन गया। क्रांति के घर के सामने गांववालों ने एलईडी टीवी लगाकर मैच देखा। हर चौके-छक्के पर आतिशबाजी हुई, नाच-गाना चला और “भारत माता की जय” तथा “चक दे इंडिया” के नारे गूंजते रहे। गांववालों ने मैच खत्म होने से पहले ही जीत का जश्न मनाना शुरू कर दिया था। रात 12:40 बजे जब भारत ने विश्व कप जीता, तो पूरा गांव झूम उठा।
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सुबह क्रांति ने वीडियो कॉल के जरिए अपने परिवार से बात की और कहा, “हमने जो सपना देखा था, वह आखिरकार पूरा हो गया।” उनकी मां और परिजनों ने गर्व से उन्हें जीत की बधाई दी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को बिजली विभाग की “समाधान योजना” के शुभारंभ कार्यक्रम में इस पुरस्कार की घोषणा करते हुए कहा— “कल क्रिकेट में बेटियों ने धमाल मचा दिया। मध्य प्रदेश की बेटी और प्रतिभावान खिलाड़ी क्रांति गौड़ को राज्य सरकार की ओर से एक करोड़ रुपये देने की घोषणा करता हूं।”
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