नई दिल्ली। टेरर फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद सांसद इंजीनियर रशीद को पटियाला हाउस कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज चंदर जीत सिंह ने उनकी नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। यह फैसला 10 मार्च को सुरक्षित रख लिया गया था, जिस पर अब कोर्ट ने अपना निर्णय सुना दिया है।
अंतरिम जमानत की याचिका पहले ही हो चुकी है खारिज
इससे पहले, 10 मार्च को पटियाला हाउस कोर्ट ने संसद सत्र में भाग लेने के लिए इंजीनियर रशीद की अंतरिम जमानत की मांग को भी खारिज कर दिया था। इसके बाद, उन्होंने उच्च न्यायालय का रुख किया और वहां याचिका दायर की, जो फिलहाल लंबित है।
उच्च न्यायालय से दो दिन की कस्टडी पैरोल मिली थी
कोर्ट के पिछले निर्णयों के तहत, उच्च न्यायालय ने इंजीनियर रशीद को संसद सत्र में भाग लेने के लिए दो दिन की कस्टडी पैरोल पर रिहा करने की अनुमति दी थी। हालांकि, 24 फरवरी को उन्होंने उच्च न्यायालय में दाखिल अपनी जमानत याचिका को वापस ले लिया था। इसके बाद, उच्च न्यायालय ने पटियाला हाउस कोर्ट के स्पेशल एनआईए कोर्ट को निर्देश दिया कि वे उनकी जमानत याचिका पर जल्द से जल्द सुनवाई कर निर्णय लें।
सर्वोच्च न्यायालय के स्पष्टीकरण के बाद सुनवाई आगे बढ़ी
इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय की ओर से मिले स्पष्टीकरण के बाद, उच्च न्यायालय की रजिस्ट्री ने स्पष्ट किया कि पटियाला हाउस कोर्ट का स्पेशल एनआईए कोर्ट इंजीनियर रशीद के खिलाफ दर्ज मामले की सुनवाई कर सकता है। इस स्पष्टीकरण के बाद ही जमानत याचिका पर सुनवाई तेज हुई और अंततः इसे खारिज कर दिया गया।
लोकसभा चुनाव में दर्ज की थी ऐतिहासिक जीत
इंजीनियर रशीद ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को करारी शिकस्त दी थी। उन्होंने उमर अब्दुल्ला को करीब एक लाख मतों से हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की थी। यह चुनाव परिणाम जम्मू-कश्मीर की राजनीति में एक बड़ी हलचल के रूप में देखा गया था।
एनआईए ने 2016 में किया था गिरफ्तार
इंजीनियर रशीद को 2016 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने टेरर फंडिंग मामले में गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ देश विरोधी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी संगठनों को आर्थिक सहायता पहुंचाने के आरोप लगाए गए थे। इस मामले में अभी भी कानूनी कार्यवाही जारी है, और हालिया जमानत याचिका का खारिज होना उनके लिए एक और बड़ा झटका साबित हुआ है।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
अब यह देखना होगा कि इंजीनियर रशीद इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में अपील दायर करते हैं या नहीं। फिलहाल, उनकी याचिका उच्च न्यायालय में लंबित है, जहां इस मामले में आगे की सुनवाई होगी।