भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। बैठक में ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत देने, राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और नव वर्ष विक्रम संवत को विशेष रूप से मनाने को लेकर अहम घोषणाएं की गईं। इसके साथ ही प्रदेश में सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, निवेश परियोजनाओं का भूमि पूजन और वन्यजीव संरक्षण से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए।
ओलावृष्टि से प्रभावित किसानों को राहत
हाल ही में हुई ओलावृष्टि से 400 से अधिक गांवों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है। बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने तत्काल सर्वेक्षण करने और प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता जारी करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के साथ खड़ी है और उन्हें उचित मुआवजा देने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रशासन को आदेश दिया गया है कि किसानों को जल्द से जल्द आर्थिक सहायता प्रदान की जाए।
गुड़ी पड़वा का भव्य आयोजन
कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया कि 30 मार्च को प्रदेशभर में गुड़ी पड़वा (विक्रम संवत 2081 के आगमन) को धूमधाम से मनाया जाएगा। मंत्रीगण अपने-अपने जिलों में होने वाले कार्यक्रमों में सहभागिता करेंगे।
इसके अलावा, नई दिल्ली में 12-14 अप्रैल के बीच विक्रम महोत्सव आयोजित किया जाएगा, जिसमें सम्राट विक्रमादित्य के जीवन पर आधारित महानाट्य प्रस्तुत किया जाएगा। यह कार्यक्रम प्रदेश के प्रमुख शहरों और विभिन्न इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भी प्रदर्शित किया जाएगा।
नल-जल योजना के लिए सोलर प्लांट
राज्य सरकार ने चार बड़े सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना को मंजूरी दी है, जिससे नगर निकायों और जल आपूर्ति परियोजनाओं को सस्ती बिजली मिलेगी। इसके अलावा, पीएचई (लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग) द्वारा गांवों में नल-जल योजना के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
सरकार ने यह भी निर्देश दिया कि गर्मियों में पानी की कमी से निपटने के लिए जिला प्रशासन पहले से तैयार रहे।
उज्जैन संभाग में 25 औद्योगिक इकाइयों का भूमि पूजन
प्रदेश में निवेश परियोजनाओं को अमलीजामा पहनाने की प्रक्रिया तेज हो गई है। 21 मार्च को ग्वालियर क्षेत्र में 18 औद्योगिक इकाइयों का भूमि पूजन हुआ, जिसमें 11 मुरैना, 7 ग्वालियर और 1 भिंड में स्थापित की जाएंगी।
अब मंगलवार को उज्जैन संभाग की 25 औद्योगिक इकाइयों का भूमि पूजन होगा, जिसमें 13 इकाइयां उज्जैन में और 12 अन्य स्थानों पर स्थापित की जाएंगी।
मध्यप्रदेश में देश के सबसे अधिक वन अभयारण्य
बैठक में यह भी जानकारी दी गई कि ओंकारेश्वर को 26वें वन्यजीव अभयारण्य के रूप में मंजूरी दी गई है। इस अभयारण्य का क्षेत्रफल 614 वर्ग किलोमीटर होगा।
इसके साथ ही मध्यप्रदेश देश में सबसे अधिक वन्यजीव अभयारण्य वाला राज्य बन गया है। कैबिनेट बैठक में खजुराहो में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ओबेरॉय ग्रुप को वेलनेस सेंटर के लिए 19 एकड़ भूमि आवंटित करने की भी मंजूरी दी गई।
कैबिनेट बैठक में लिए गए ये फैसले राज्य के आर्थिक विकास, किसानों की भलाई और सांस्कृतिक धरोहर को सशक्त करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। ओलावृष्टि प्रभावित किसानों को जल्द राहत मिलेगी, वहीं गुड़ी पड़वा और विक्रम महोत्सव के आयोजन से प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान को नई ऊंचाई मिलेगी।
स्वदेश ज्योति के द्वारा
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