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June 1, 2025 11:11 AM

MP बोर्ड रिजल्ट 2025: बेटियों का जलवा, प्रियल-द्विवेदी और प्रज्ञा-जायसवाल ने किया टॉप; सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन निजी से बेहतर

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भोपाल। मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने मंगलवार को 10वीं और 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मुख्यमंत्री निवास के समत्व भवन से परिणाम जारी किए। इस बार भी बेटियों का दबदबा देखने को मिला—12वीं में सतना की प्रियल द्विवेदी और 10वीं में सिंगरौली की प्रज्ञा जायसवाल ने प्रदेश में टॉप किया।

बेटियों ने फिर मारी बाजी:

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा, “मैं गौरवान्वित हूं कि इस बार फिर बेटियों ने बाजी मारी है। वे हमारा मान, सम्मान और गौरव बढ़ा रही हैं।” उन्होंने कहा कि इस साल पिछले 15 वर्षों का रिकॉर्ड टूटा है और सरकारी स्कूलों का प्रदर्शन निजी स्कूलों से बेहतर रहा है।


12वीं का रिजल्ट:

  • परीक्षार्थी: 7 लाख 6 हजार
  • पास प्रतिशत: 74.48%
  • टॉपर: प्रियल द्विवेदी (सतना) – 500 में से 492 अंक
  • विद्यालय: कन्या शासकीय उमा विद्यालय, अमरपाटन
  • प्रियल का सपना: सिविल सर्विसेज
  • अन्य प्रमुख टॉपर:
  • हर्ष पांडेय (सतना) – 479 अंक
  • अक्षय खरे (निवाड़ी, एग्रीकल्चर) – 480 अंक
  • श्रीकृष्ण प्रताप सिंह (पीथमपुर) – साइंस स्ट्रीम में प्रदेश में 5वें स्थान पर
प्रियल द्विवेदी (सतना) – 500 में से 492 अंक

12वीं विषयवार टॉपर्स:

स्ट्रीमटॉपर का नाम
मानविकीअंकुर यादव
गणित-विज्ञानप्रियल द्विवेदी
वाणिज्यरिमझिम करोठिया
कृषिहरिओम साहू
जीवविज्ञानगार्गी अग्रवाल
गृहविज्ञानयोग्यता टंक

10वीं का रिजल्ट:

  • परीक्षार्थी: 9 लाख 53 हजार
  • पास प्रतिशत: 76.22%
  • टॉपर: प्रज्ञा जायसवाल (सिंगरौली) – 500 में से 500 अंक
  • दूसरे स्थान पर: आयुष द्विवेदी (मऊगंज) – 499 अंक
  • तीसरे स्थान पर: शैजाह फातिमा (जबलपुर) – 498 अंक

10वीं टॉप-10 में 13 विद्यार्थी, जिनमें 10 बेटियां

इस साल भी बेटियों का वर्चस्व रहा। बोर्ड के टॉप-10 में कुल 13 विद्यार्थियों ने स्थान बनाया, इनमें से 10 बेटियां हैं।


जिलेवार प्रदर्शन:

  • 12वीं में टॉप जिला: नरसिंहपुर (91.91% रेगुलर पास)
  • दूसरे स्थान पर: मंडला
  • सबसे कमजोर प्रदर्शन: दमोह (48.05% रेगुलर, 8.13% प्राइवेट पास)

सीएम की अपील: फेल हुए विद्यार्थी निराश न हों

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जो विद्यार्थी अनुत्तीर्ण हुए हैं, वे खुद को असफल न समझें। उन्हें 17 जून से दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।
माशिमं की अध्यक्ष स्मिता भारद्वाज ने बताया कि यह व्यवस्था नई शिक्षा नीति के तहत की गई है। ऐसा प्रयोग करने वाला मध्यप्रदेश देश का तीसरा राज्य बन गया है।


परीक्षा में स्वच्छता और पारदर्शिता का नया रिकॉर्ड

इस बार बोर्ड परीक्षा से जुड़ी कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई, जो बीते 15 सालों में पहली बार हुआ है।




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