पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति पर गहरा असर पड़ने की चेतावनी
नई दिल्ली।
वैश्विक क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने स्पष्ट किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव का भारत की आर्थिक गतिविधियों पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा, लेकिन पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। मूडीज ने सोमवार को कहा कि भारत की पाकिस्तान से व्यापारिक निर्भरता बेहद सीमित है, इसलिए तनाव की स्थिति में भी भारत की आर्थिक प्रगति में बाधा की आशंका नगण्य है।
📊 भारत सुरक्षित, पाकिस्तान पर दबाव
मूडीज के अनुसार:
- भारत का पाकिस्तान के साथ कुल व्यापार 2024 में उसके कुल निर्यात का महज़ 0.5% से भी कम है।
- यही कारण है कि तनाव की स्थिति में भारत के विदेशी निवेश, व्यापार या मुद्रा भंडार पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा।
- पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर है, और ऐसे में तनाव बढ़ने से उसके विदेशी फंडिंग के स्रोत और वित्तीय सुधार कार्यक्रम प्रभावित हो सकते हैं।
- पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार और विकास दर पर दबाव बढ़ सकता है।
📉 पाकिस्तान की वित्तीय हालत पहले ही नाजुक
मूडीज ने आगाह किया कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था वर्तमान में कर्ज़, महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता जैसी कई चुनौतियों से जूझ रही है। ऐसे में भारत के साथ तनाव बढ़ना उसके लिए वित्तीय अस्थिरता को और गहरा कर सकता है, जिससे:
- अंतरराष्ट्रीय कर्जदाता सतर्क हो सकते हैं
- विदेशी निवेशकों का भरोसा कमजोर पड़ सकता है
- मुद्रा भंडार में तेज़ गिरावट आ सकती है
🇮🇳 भारत के लिए क्यों नहीं है चिंता का विषय?
- आर्थिक विविधता और घरेलू खपत पर आधारित ग्रोथ मॉडल के कारण भारत पर बाहरी व्यापार झटकों का असर सीमित रहता है।
- पाकिस्तान से व्यापार बहुत कम होने के कारण कोई आपूर्ति श्रृंखला बाधित नहीं होगी।
- भारत की आर्थिक स्थिरता, निवेश माहौल और बैंकिंग प्रणाली तुलनात्मक रूप से मजबूत है।
🌐 राजनीतिक तनाव बनाम आर्थिक स्थिरता
यह बयान ऐसे समय आया है जब भारत और पाकिस्तान के बीच सीमा पर हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। मूडीज के आकलन से यह साफ होता है कि राजनीतिक तनाव हमेशा आर्थिक अस्थिरता में नहीं बदलते, खासकर जब एक देश की अर्थव्यवस्था लचीली और आत्मनिर्भर हो।
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