June 8, 2025 1:06 AM

मानसून सत्र 21 जुलाई से: मोदी सरकार 3.0 का पहला सत्र, जस्टिस वर्मा पर महाभियोग, पहलगाम और ऑपरेशन सिंदूर पर भी होगी चर्चा

मानसून सत्र 21 जुलाई से, जस्टिस वर्मा पर महाभियोग और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा संभव

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और यह 12 अगस्त तक चलेगा। इसकी आधिकारिक घोषणा बुधवार को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने की। यह नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल (मोदी सरकार 3.0) का पहला संसदीय सत्र होगा, जिसे लेकर सत्ता और विपक्ष दोनों ही तरफ से कई अहम मुद्दों पर चर्चा की तैयारी है।

रिजिजू ने स्पष्ट किया कि सरकार संसद में किसी भी मुद्दे पर नियमों के तहत चर्चा के लिए तैयार है, चाहे वह पहलगाम आतंकी हमला हो, ऑपरेशन सिंदूर हो या फिर भारत-पाक रिश्तों पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता की पेशकश


विपक्ष की मांग पर केंद्र का जवाब

बता दें कि INDIA गठबंधन के 17 विपक्षी दलों ने हाल ही में 3 जून को नई दिल्ली में बैठक की थी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर विशेष सत्र (स्पेशल सेशन) बुलाने की मांग की गई थी। इन दलों की मांग थी कि संसद में पहलगाम हमला, ऑपरेशन सिंदूर और भारत की विदेश नीति पर खुलकर बहस होनी चाहिए।

सरकार ने इस मांग के बीच अब मानसून सत्र की घोषणा कर दी है, जिससे यह साफ हो गया है कि मोदी सरकार संसद में सीधी बहस के लिए तैयार है।


जस्टिस यशवंत वर्मा पर महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी

सत्र का सबसे बड़ा मुद्दा इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव हो सकता है। रिजिजू ने कहा कि सरकार इस प्रस्ताव को मानसून सत्र में पेश करने की योजना पर काम कर रही है।

उन्होंने कहा, “यह प्रस्ताव न्यायपालिका की गरिमा और जवाबदेही से जुड़ा है। ऐसे विषयों पर सभी दलों को राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता दिखानी चाहिए।”


सरकार और विपक्ष आमने-सामने

मानसून सत्र का यह पहला पड़ाव मोदी सरकार 3.0 के दृष्टिकोण और विपक्ष की रणनीति को परखेगा। एक ओर सरकार का रुख सख्त और स्पष्ट दिख रहा है, वहीं दूसरी ओर विपक्ष पहलगाम जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है। खास बात यह है कि इस बार कई विपक्षी सांसद हाल ही में विदेश से ऑपरेशन सिंदूर के प्रचार मिशन से लौटे हैं, और वे वहां की रिपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया संसद में सामने रखना चाहेंगे।


क्यों अहम होगा यह सत्र?

  1. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत – पहली बार नई सरकार संसद के पटल पर अपना एजेंडा रखेगी।
  2. जस्टिस वर्मा महाभियोग प्रस्ताव – न्यायपालिका और कार्यपालिका के संबंधों पर गहरी बहस की संभावना।
  3. विदेश नीति पर विपक्ष का वार – ट्रम्प की मध्यस्थता टिप्पणी और पाकिस्तान नीति पर सरकार को जवाब देना होगा।
  4. पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर – इन दोनों मामलों पर चर्चा से सुरक्षा नीति और सैन्य कार्रवाई का मूल्यांकन होगा।

रिजिजू का दो टूक संदेश

रिजिजू ने कहा—

“सरकार हर मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है, बशर्ते विपक्ष संसद के नियमों के तहत सामने आए। हम पहलगाम, ऑपरेशन सिंदूर और विदेशी बयानों पर भी चर्चा कराने को तैयार हैं। लेकिन विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह चर्चा के लिए संसदीय मर्यादाएं निभाए।”

उन्होंने महाभियोग प्रस्ताव को लेकर यह भी कहा कि—

“इस मामले में राजनीति से ऊपर उठकर देशहित और न्यायिक व्यवस्था की रक्षा के नजरिए से निर्णय लिया जाना चाहिए।”



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