- घुसपैठिया भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था
नई दिल्ली/श्रीनगर। देश की पश्चिमी सीमा पर एक बार फिर पाकिस्तान की घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया गया है। गुजरात के बनासकांठा जिले में 23 मई की रात सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों ने एक संदिग्ध पाकिस्तानी व्यक्ति को इंटरनेशनल बॉर्डर पार करते हुए देखा और चेतावनी देने के बावजूद न रुकने पर गोली मार दी। शनिवार सुबह सुरक्षा एजेंसियों ने इसकी आधिकारिक जानकारी दी। BSF के अनुसार, घुसपैठिया भारत की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था। जवानों ने उसे रुकने के लिए कई बार कहा, लेकिन वह नहीं रुका। स्थिति को गंभीर देखते हुए जवानों को फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें वह मारा गया।
पाकिस्तानी जासूस भी गिरफ्तार
इसी दौरान गुजरात ATS ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कच्छ जिले से एक पाकिस्तानी जासूस को गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान सहदेव सिंह गोहिल के रूप में हुई है, जो भारतीय नागरिक होते हुए भी पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में था। जांच में सामने आया है कि उसने कच्छ की संवेदनशील सीमा चौकियों और इलाकों की तस्वीरें पाकिस्तान भेजी थीं।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़ी सतर्कता
हाल ही में भारत द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर के बाद सीमा पर सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता और बढ़ा दी गई है। ऑपरेशन के जरिए पाकिस्तान की आतंकी साजिशों और POK में चल रहे आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने सख्त संदेश दिया है।
भारत ने भेजे 5 अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल
पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को पनाह देने और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को विश्व समुदाय तक पहुंचाने के लिए भारत सरकार ने पांच उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल विदेश भेजे हैं। शनिवार को कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, पनामा, गुयाना, ब्राजील और कोलंबिया रवाना हुआ। दूसरी ओर, भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अगुआई में दूसरा प्रतिनिधिमंडल बहरीन पहुंच चुका है। इसमें सांसद निशिकांत दुबे, फांगनोन कोन्याक, रेखा शर्मा, असदुद्दीन ओवैसी, सतनाम सिंह संधू, गुलाम नबी आजाद और भारत के पूर्व विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला शामिल हैं। एक अन्य प्रतिनिधिमंडल सांसद सुप्रिया सुले के नेतृत्व में जल्द ही अन्य देशों के लिए रवाना होगा। भारत का यह कूटनीतिक प्रयास अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के दोहरे रवैये को उजागर करने के साथ ही आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक समर्थन जुटाने की दिशा में एक ठोस कदम है।