मध्यप्रदेश में मानसून की विदाई से पहले झमाझम बारिश, कई जिलों में मौसम सुहाना

भोपाल, 27 सितम्बर। मध्यप्रदेश में मानसून विदाई की ओर है, लेकिन जाने से पहले वह कई जिलों को तरबतर कर रहा है। शनिवार को प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में हल्की से लेकर तेज बारिश हुई, जिससे मौसम सुहावना हो गया। पचमढ़ी, छिंदवाड़ा, दमोह, जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, रीवा, सतना, सिवनी, सीधी, उमरिया, बालाघाट और नर्मदापुरम समेत कई स्थानों पर बारिश दर्ज की गई।

मौसम विभाग का अनुमान

मौसम विभाग ने बताया कि प्रदेश के दक्षिणी हिस्से से एक ट्रफ गुजर रही है, जिसकी वजह से निचले जिलों में वर्षा का दौर बना हुआ है। अगले 24 घंटों में यह ट्रफ और सक्रिय

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हो जाएगी और निम्न दाब क्षेत्र का असर भी बढ़ेगा, जिससे आने वाले तीन दिनों तक बारिश का सिलसिला जारी रह सकता है।

पचमढ़ी में सबसे ज्यादा बारिश

शुक्रवार-शनिवार को सबसे अधिक बारिश पचमढ़ी में हुई, जहां 62 मिमी से ज्यादा पानी दर्ज किया गया। वहीं भोपाल, सीधी, सिवनी और नरसिंहपुर में भी अच्छी बारिश ने लोगों को उमस और गर्मी से राहत दिलाई।

किन जिलों से हो चुका है मानसून विदा

प्रदेश के 11 जिलों से मानसून पूरी तरह लौट चुका है। इनमें ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर और रतलाम शामिल हैं।
इसके अलावा उज्जैन, राजगढ़ और अशोकनगर के कुछ हिस्सों से भी मानसून की विदाई हो चुकी है।

राजधानी भोपाल का मिजाज

राजधानी भोपाल में शनिवार को सुबह तेज धूप और उमस ने परेशान किया, लेकिन शाम होते-होते मौसम बदला और घने बादलों के साथ रिमझिम व झमाझम बारिश का दौर शुरू हो गया। अलग-अलग इलाकों में कहीं हल्की तो कहीं तेज बौछारें पड़ीं। बारिश से तापमान में गिरावट आई और मौसम सुहाना हो गया।

तवा बांध का गेट खोला गया

बारिश के चलते तवा बांध का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। पचमढ़ी और अन्य ऊपरी इलाकों में भारी बारिश के कारण बांध में लगातार पानी की आवक बनी हुई है। हालात को नियंत्रित करने के लिए शनिवार सुबह 6 बजे तवा बांध का एक गेट 5 फीट की ऊंचाई तक खोला गया।
प्रदेश में इस सीजन में अब तक औसतन 1123 मिमी बारिश दर्ज की जा चुकी है।

राहत और चुनौतियाँ

जहां एक ओर मानसून की विदाई से पहले हुई बारिश ने किसानों और आमजन को राहत दी है, वहीं नदियों और बांधों में बढ़ते जलस्तर से सतर्कता भी जरूरी हो गई है। मौसम विभाग का कहना है कि आगामी दिनों में भी स्थानीय स्तर पर तेज बौछारें देखने को मिल सकती हैं।