July 31, 2025 7:51 PM

पूर्वोत्तर में मानसून का प्रकोप: असम में लैंडस्लाइड से 5 की मौत, मिजोरम में होटल-घर ढहे, हजारों बाढ़ से प्रभावित

  • भूस्खलन और बाढ़ की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ

नई दिल्ली। देश के पूर्वोत्तर राज्यों में मानसून की शुरुआती बारिश ने तबाही मचा दी है। असम, मिजोरम, मेघालय और सिक्किम में भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ की वजह से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अकेले असम में जहां भूस्खलन से 5 लोगों की मौत हो गई, वहीं 10 हजार से ज्यादा लोग बाढ़ की चपेट में हैं। मिजोरम में घर और होटल ढहने की खबरें आई हैं और कई लोगों के मारे जाने की आशंका जताई जा रही है।

असम में भूस्खलन और बाढ़ से तबाही

असम के कामरूप जिले में पिछले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुआ, जिसमें 5 लोगों की जान चली गई। राज्य के अन्य हिस्सों में लगातार बारिश के चलते बाढ़ का पानी घरों और खेतों में घुस गया है। प्रशासन के मुताबिक, लगभग 10 हजार लोग प्रभावित हुए हैं और राहत कार्य जारी है।

मिजोरम: लॉन्ग्टलाई में घरों के साथ होटल भी ढहा

मिजोरम के लॉन्ग्टलाई शहर में लैंडस्लाइड ने बड़ी तबाही मचाई है। लगातार बारिश के चलते 5 घर और एक होटल ढह गए। मलबे के नीचे कई लोगों के फंसे होने की आशंका है। राहत-बचाव दल मौके पर तैनात हैं, लेकिन दुर्गम इलाका और भारी बारिश राहत कार्यों में बाधा बन रही है।

सिक्किम और मेघालय में भी लैंडस्लाइड, कई मौतें

सिक्किम के थेंग और चुंगथांग क्षेत्रों में भूस्खलन से कई घर जमींदोज हो गए। अभी तक किसी की मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मलबे में दबे लोगों की तलाश जारी है। मेघालय के पूर्वी खासी हिल्स में भी बारिश ने कहर बरपाया है। एक महिला की मौत लैंडस्लाइड से हुई, जबकि एक व्यक्ति पानी में डूब गया। मावकिनरू ब्लॉक में पेड़ गिरने से 15 साल के किशोर की जान चली गई।

पहाड़ी राज्यों में भी मौसम का असर

जम्मू-कश्मीर में शनिवार को बर्फबारी के कारण गुरेज-बांदीपुरा रोड और मुगल रोड पर यातायात बंद कर दिया गया है। हिमाचल प्रदेश में तेज आंधी और बारिश की चेतावनी जारी की गई है। प्रशासन ने स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है।

मई में बारिश का नया रिकॉर्ड, मानसून सामान्य से पहले

इस साल मानसून ने अपनी सामान्य समय सीमा से पहले दस्तक दी है। 30 मई तक देश में औसतन 116.6 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो मई माह की अब तक की सर्वाधिक वर्षा है। इससे पहले 1990 में 110.7 मिमी बारिश दर्ज हुई थी। सामान्यत: मई में 61.4 मिमी औसतन बारिश होती है।

मौसम वैज्ञानिकों की चेतावनी: पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में अगले कुछ दिनों तक हालात बिगड़ सकते हैं

IMD ने आगामी दिनों में असम, मिजोरम, मेघालय, सिक्किम, उत्तराखंड, हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में और अधिक बारिश और भूस्खलन की चेतावनी दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते मौसमी घटनाएं अधिक असामान्य और विनाशकारी हो रही हैं।

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