- भारत में समय से पहले दस्तक देने वाले मानसून ने तबाही का मंजर पैदा कर दिया
आइजोल/गुवाहाटी। पूर्वोत्तर भारत में समय से पहले दस्तक देने वाले मानसून ने तबाही का मंजर पैदा कर दिया है। मिजोरम के लॉन्ग्टलाई शहर में भारी बारिश और भूस्खलन के कारण एक होटल और पांच घर ढह गए हैं। कई लोगों के मारे जाने की आशंका है, जबकि कुछ विदेशी नागरिक भी मलबे में दबे हो सकते हैं। वहीं, असम में भूस्खलन और शहरी बाढ़ से पांच लोगों की मौत हो चुकी है।
रात 10:30 बजे भूस्खलन से मचा हड़कंप
मिजोरम के दक्षिणी शहर लॉन्ग्टलाई में शुक्रवार देर रात बाजार वेंग और चांदमारी इलाके के बीच भूस्खलन हुआ, जिसने पांच घरों और एक होटल को अपनी चपेट में ले लिया। हादसे के वक्त होटल में म्यांमार के कुछ नागरिकों के ठहरे होने की संभावना जताई जा रही है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SRDF), यंग लाई एसोसिएशन (YLA) और भारतीय रिजर्व बटालियन के जवान मौके पर रेस्क्यू अभियान चला रहे हैं। स्थानीय लोगों ने भी राहत कार्य में बढ़-चढ़कर सहयोग किया है। लेकिन लगातार हो रही बारिश और मलबा हटाने में आ रही कठिनाइयों के कारण राहत कार्य में दिक्कतें आ रही हैं।
असम में शहरी बाढ़ और भूस्खलन ने ली पांच जानें
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 24 घंटों में असम के कामरूप (मेट्रो) जिले में भूस्खलन के कारण बच्चों सहित पांच लोगों की मौत हो गई। गुवाहाटी के कई इलाके जलमग्न हैं और 10 हजार से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। राज्य में कामरूप, कामरूप मेट्रो और कछार जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। तीन जिलों और पांच राजस्व मंडलों में पानी भरने और भू-स्खलन की घटनाओं के चलते जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
सिक्किम, त्रिपुरा, मेघालय में भी आफत की बारिश
- सिक्किम में तीस्ता नदी उफान पर है और निचले इलाकों में जलभराव की स्थिति है।
- त्रिपुरा में तेज़ बारिश और 60 किमी/घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की चेतावनी है।
- राज्य के तीन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया था, जिससे हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ।
अगले एक सप्ताह के लिए भारी बारिश का अलर्ट
- भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, 1 जून तक पूर्वोत्तर भारत में भारी से अति भारी वर्षा जारी रहने की संभावना है।
- 30 मई को मेघालय में असाधारण भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है।
- अरुणाचल, असम, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में भी स्थिति गंभीर बनी रह सकती है।
- दक्षिण भारत के केरल, माहे और कर्नाटक में भी हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान है।
मानसून से पहले ही संकट: पूर्वोत्तर के लिए बड़ी चुनौती
इस साल मानसून की समय से पहले और तीव्र शुरुआत ने पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए प्रशासनिक और आपदा प्रबंधन की परीक्षा खड़ी कर दी है। बुनियादी ढांचे की कमी, पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन की प्रवृत्ति और सीमित संसाधनों के चलते हालात संभालना चुनौतीपूर्ण हो रहा है। आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ने की आशंका जताई जा रही है।