मोहन भागवत का 75वां जन्मदिन: संघ प्रमुख के नेतृत्व और योगदान की विशेष जानकारी
नई दिल्ली। आज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत का 75वां जन्मदिन है। यह अवसर केवल व्यक्तिगत रूप से उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे संघ परिवार और राष्ट्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मोहन भागवत का नेतृत्व संघ के इतिहास में एक युगांतरकारी मोड़ के रूप में देखा जाता है, जिसमें उन्होंने संगठन को आधुनिक समय की आवश्यकताओं और सामाजिक चुनौतियों के अनुरूप दिशा दी है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर भागवत को बधाई संदेश भेजते हुए उन्हें असाधारण व्यक्ति बताया। प्रधानमंत्री ने अपने संदेश में लिखा कि भागवत ने हमेशा राष्ट्र और समाज को सर्वोपरि रखा। मोदी ने कहा, “हम स्वयंसेवकों का सौभाग्य है कि हमारे पास मोहन भागवत जैसे दूरदर्शी और परिश्रमी सरसंघचालक हैं, जो संगठन का नेतृत्व ऐसे समय में कर रहे हैं जब समाज और राष्ट्र नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।”
“मोहन भागवत जी ने वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र से प्रेरित होकर समता-समरसता और बंधुत्व की भावना को सशक्त करने में अपना पूरा जीवन समर्पित किया है।”
— Narendra Modi (@narendramodi) September 11, 2025
मां भारती की सेवा में सदैव तत्पर मोहन जी के 75वें जन्मदिन के विशेष अवसर पर मैंने उनके प्रेरक व्यक्तित्व को लेकर अपनी भावनाएं रखी हैं। मैं…
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में इस दिन की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने याद दिलाया कि 11 सितंबर केवल भागवत जी का जन्मदिन नहीं है, बल्कि यह दिन दो अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं से भी जुड़ा है। 1893 में स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में विश्वबंधुत्व का संदेश दिया था, और 2001 में 9/11 के आतंकवादी हमले ने विश्व बंधुत्व को गहरी चोट पहुंचाई थी। मोदी ने इसे एक विशेष संयोग बताया कि आज ऐसे व्यक्ति का जन्मदिन है जिन्होंने वसुधैव कुटुंबकम के आदर्श पर चलते हुए समाज को संगठित करने और बंधुत्व, समता व समरसता की भावना को सशक्त करने में अपना जीवन समर्पित किया।
मोहन भागवत का जन्म 11 सितंबर 1950 को महाराष्ट्र के नागपुर जिले में हुआ था। उन्होंने अपने प्रारंभिक जीवन से ही संगठन और सेवा कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। संघ के प्रति उनकी प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय चेतना के प्रति उनका दृष्टिकोण उन्हें विशेष बनाता है। भागवत ने अपने नेतृत्व काल में सामाजिक एकता, शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और राष्ट्रीय चेतना के क्षेत्रों में अनेक पहलें की हैं। उनका दृष्टिकोण केवल संगठन तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे समाज और राष्ट्र के कल्याण को केंद्र में रखता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संदेश में संघ और भागवत जी के पारिवारिक संबंधों का उल्लेख करते हुए लिखा कि उन्हें भागवत जी के पिता स्व. मधुकरराव भागवत के साथ काम करने का अवसर मिला था। उन्होंने अपनी पुस्तक ज्योतिपुंज में मधुकरराव जी के योगदान और व्यक्तित्व का विस्तृत विवरण भी प्रस्तुत किया है। मोदी ने मोहन भागवत को दीर्घायु और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की।
आज संघ भी अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है। मोहन भागवत के नेतृत्व में संघ ने देशभर में शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, सेवा कार्य और सामाजिक समरसता के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। संघ परिवार में उन्हें परम पूजनीय सरसंघचालक के रूप में सम्मानित किया जाता है।
भागवत जी का नेतृत्व सिर्फ़ संगठन तक सीमित नहीं है। उन्होंने हमेशा समाज के विभिन्न वर्गों के बीच सामंजस्य स्थापित करने, धार्मिक और सांस्कृतिक विविधता के प्रति सम्मान बढ़ाने, और युवा पीढ़ी में नैतिक और सामाजिक चेतना पैदा करने पर जोर दिया है। उनके विचार और दृष्टिकोण राष्ट्र निर्माण और सामाजिक सौहार्द की दिशा में मार्गदर्शन करते हैं।
आज मोहन भागवत का 75वां जन्मदिन केवल उनकी उपलब्धियों का जश्न नहीं है, बल्कि यह अवसर है राष्ट्र और समाज के लिए भी उनके योगदान को याद करने का। उनकी दूरदर्शिता, समर्पण और सेवा भावना ने न केवल संघ को मजबूत किया है, बल्कि समाज को भी संगठित और जागरूक बनाया है।
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