August 1, 2025 12:28 PM

‘भारत का दिल से धन्यवाद…’: विमान हादसे के बाद भावुक हुए मोहम्मद यूनुस, अंतरराष्ट्रीय डॉक्टरों की सराहना

  • भारत सहित चीन और सिंगापुर के डॉक्टरों और नर्सों को “दिल से धन्यवाद” कहते हुए विशेष रूप से सराहा

नई दिल्ली/ढाका। बांग्लादेश में हाल ही में हुए भीषण विमान हादसे के बाद राहत और उपचार कार्य में जुटे अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा दलों की भूमिका पर देश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने भावुक प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारत सहित चीन और सिंगापुर के डॉक्टरों और नर्सों को “दिल से धन्यवाद” कहते हुए विशेष रूप से सराहा। यूनुस ने कहा कि इन चिकित्सा दलों ने सिर्फ अपने कौशल से नहीं, बल्कि पूरे दिल से घायलों की सेवा की है।

विमान हादसे के बाद जुटी अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा टीमें

गत सप्ताह ढाका में हुए एक गंभीर विमान हादसे में कई लोगों की मौत हो गई थी और दर्जनों यात्री घायल हुए थे। हादसे के बाद, भारत, चीन और सिंगापुर से कुल 21 चिकित्सा विशेषज्ञों और नर्सों की टीमें ढाका पहुंचीं। ये टीमें स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मिलकर लगातार मरीजों की देखभाल में जुटी हैं।

मोहम्मद यूनुस की डॉक्टरों से मुलाकात

रविवार को बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रो. मोहम्मद यूनुस ने इन अंतरराष्ट्रीय चिकित्सा प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने चिकित्सकों के समर्पण, तत्परता और भावनात्मक जुड़ाव की सराहना की। यूनुस ने कहा, “आप सब अपने दिल के साथ यहां आए हैं। आपने सिर्फ घायलों का इलाज नहीं किया, बल्कि एक मानवीय उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।”

भारत के प्रति विशेष आभार

मोहम्मद यूनुस ने अपने वक्तव्य में खासतौर पर भारतीय डॉक्टरों और नर्सों का उल्लेख करते हुए कहा कि “भारत ने एक बार फिर यह साबित किया है कि मानवता की सेवा में वह हमेशा आगे रहता है। हम भारत के चिकित्सकों का दिल से आभार प्रकट करते हैं।”

सीमाओं से परे डॉक्टरों की सेवा

बैठक के दौरान बांग्लादेश के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ बर्न एंड प्लास्टिक सर्जरी के निदेशक प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद नासिर उद्दीन ने कहा कि यह साबित हो गया है कि डॉक्टरों की कोई सीमा नहीं होती। “आपातकालीन परिस्थितियों में डॉक्टर सिर्फ किसी देश का प्रतिनिधित्व नहीं करते, वे मानवता के प्रतिनिधि बन जाते हैं,” उन्होंने कहा।

दीर्घकालिक सहयोग का आग्रह

मोहम्मद यूनुस ने इस अवसर पर भारत, चीन और सिंगापुर के चिकित्सा संस्थानों से दीर्घकालिक साझेदारी की अपील भी की। उन्होंने चिकित्सा शिक्षा, नवाचार, आपातकालीन प्रबंधन और सार्वजनिक स्वास्थ्य क्षमता निर्माण के क्षेत्र में निरंतर सहयोग की आवश्यकता जताई। उन्होंने यह भी कहा कि “इस तरह की साझेदारियां न केवल वर्तमान संकट में मदद करती हैं, बल्कि भविष्य की आपदाओं से निपटने के लिए मजबूत आधार भी बनाती हैं।”

एकजुटता का प्रतीक बनी अंतरराष्ट्रीय मदद

इस हादसे में अंतरराष्ट्रीय मदद ने केवल इलाज ही नहीं किया, बल्कि बांग्लादेश के नागरिकों में भरोसे और सुरक्षा की भावना भी पैदा की। ढाका के नागरिकों और मरीजों के परिजनों ने भी इन चिकित्सकों के समर्पण को सराहा और कहा कि इस कठिन घड़ी में उन्हें अकेला नहीं छोड़ा गया।

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