- भारत-ब्रिटेन के रिश्तों में नई मजबूती, 6 अरब पाउंड के निवेश समझौते पर हस्ताक्षर, मालदीव से भी समुद्री सुरक्षा साझेदारी पर होगी चर्चा
लंदन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब दो दिवसीय दौरे पर लंदन पहुंचे, तो एयरपोर्ट से लेकर सड़कों तक ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम’ और ‘मोदी-मोदी’ के नारों से पूरा शहर गूंज उठा। भारतीय समुदाय और स्थानीय समर्थकों ने पूरे जोश और उत्साह से प्रधानमंत्री का भव्य स्वागत किया। यह दौरा केवल प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि भारत-ब्रिटेन संबंधों को एक नई दिशा देने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
आर्थिक साझेदारी को मिलेगा नया आयाम
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को और गहरा करने की दिशा में अहम साबित होगी। इस दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) पर ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जिसे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने “ऐतिहासिक जीत” बताया। इस समझौते के तहत 6 अरब पाउंड का निवेश प्रस्तावित है, जिससे वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार को नई गति मिलेगी। साथ ही, रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
बहुपक्षीय मुद्दों पर भी होगी चर्चा
ब्रिटेन यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के बीच द्विपक्षीय रणनीतिक साझेदारी की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा वैश्विक और क्षेत्रीय महत्व के मुद्दों—जैसे जलवायु परिवर्तन, रक्षा-सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा, तकनीक और नवाचार—पर भी गहन बातचीत होगी। यह संवाद दोनों देशों की साझा नीतियों को नया दृष्टिकोण देने में सहायक होगा।
Touched by the warm welcome from the Indian community in the UK. Their affection and passion towards India’s progress is truly heartening. pic.twitter.com/YRdLcNTWSS
— Narendra Modi (@narendramodi) July 23, 2025
भारत की वैश्विक भूमिका को मिली मान्यता
लंदन में भारतीय समुदाय द्वारा दिखाई गई एकता और ऊर्जा इस बात का प्रतीक है कि भारत की अंतरराष्ट्रीय पहचान अब केवल सांस्कृतिक शक्ति तक सीमित नहीं रही, बल्कि अब वह एक वैश्विक आर्थिक और रणनीतिक ताकत के रूप में उभर चुका है। प्रधानमंत्री की इस यात्रा से यह संदेश भी गया कि भारत की आवाज आज वैश्विक मंचों पर पहले से कहीं अधिक प्रभावी है।

मालदीव यात्रा: समुद्री सुरक्षा पर होगा फोकस
लंदन दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी 25-26 जुलाई को मालदीव की यात्रा पर रहेंगे। यह दौरा मालदीव के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद मुइज़्जू के आमंत्रण पर हो रहा है। उल्लेखनीय है कि यह प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव की तीसरी यात्रा होगी, जबकि मुइज़्जू के कार्यकाल में किसी राष्ट्राध्यक्ष की यह पहली यात्रा है। इस यात्रा के दौरान भारत और मालदीव के बीच समुद्री सुरक्षा, आर्थिक सहयोग और क्षेत्रीय स्थिरता जैसे मुद्दों पर बातचीत होगी। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों की समीक्षा की जाएगी और समुद्री क्षेत्रों में साझेदारी को मजबूत करने पर भी सहमति बन सकती है।

सामरिक कूटनीति में दिखा नया आत्मविश्वास
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की सक्रिय और आत्मविश्वासी विदेश नीति का प्रमाण है। चाहे वह ब्रिटेन के साथ आर्थिक साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाना हो या मालदीव जैसे पड़ोसी देशों के साथ सामरिक संबंधों को मज़बूत करना—हर पहलु में भारत ने अपनी कूटनीतिक दक्षता का परिचय दिया है।