मोदी ने ट्रंप के गाजा शांति प्रस्ताव का किया समर्थन, कहा- भारत टिकाऊ और न्यायपूर्ण शांति के प्रयासों का समर्थन करेगा
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर।
गाजा में जारी संघर्ष को समाप्त करने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पेश की गई शांति योजना को लेकर अब वैश्विक स्तर पर समर्थन की आवाजें तेज हो गई हैं। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रंप की पहल का समर्थन करते हुए कहा कि भारत हर उस प्रयास के साथ है जो स्थायी और न्यायपूर्ण शांति की दिशा में उठाया गया हो।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा – “बंधकों की रिहाई के संकेत बेहद सकारात्मक हैं। राष्ट्रपति ट्रंप की नेतृत्व क्षमता सराहनीय है। गाजा में शांति की दिशा में निर्णायक प्रगति हो रही है और भारत इन प्रयासों का मजबूती से समर्थन करता रहेगा।”
We welcome President Trump’s leadership as peace efforts in Gaza make decisive progress. Indications of the release of hostages mark a significant step forward.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 4, 2025
India will continue to strongly support all efforts towards a durable and just peace.@realDonaldTrump @POTUS
ट्रंप की पहल से बनी नई उम्मीद
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ दिन पहले गाजा को लेकर एक व्यापक शांति प्रस्ताव पेश किया था। इसके तहत हमास को सभी बंधकों की रिहाई, इजराइल को गाजा में हमले रोकने और दोनों पक्षों को स्थायी युद्धविराम लागू करने की शर्तें रखी गई हैं। ट्रंप ने इस पहल को मध्य पूर्व में दशकों पुराने संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में “ऐतिहासिक अवसर” बताया था।
हमास ने ट्रंप के प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि वह अधिकांश बिंदुओं पर सहमत है और शेष बंधकों की रिहाई के लिए तैयार है। संगठन ने कहा है कि 72 घंटे के भीतर 48 बंधकों की रिहाई संभव है, बदले में 2,000 से अधिक फिलिस्तीनी कैदियों और मारे गए गाजावासियों के शवों की वापसी की मांग रखी गई है।
मोदी का रुख – भारत शांति का पक्षधर
प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान भारत के पारंपरिक रुख को दर्शाता है, जिसमें भारत हमेशा से संवाद, कूटनीति और सहयोग के जरिए समाधान की वकालत करता रहा है। मोदी ने कहा कि “भारत ऐसे हर प्रयास का समर्थन करता है जो निर्दोष नागरिकों की सुरक्षा और दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करे।”
भारत पहले भी कई बार मध्य पूर्व में मानवीय सहायता और पुनर्निर्माण कार्यों में भाग ले चुका है। अब यह उम्मीद की जा रही है कि भारत इस प्रक्रिया में मानवीय सहयोग और कूटनीतिक मध्यस्थता दोनों मोर्चों पर अपनी भूमिका निभा सकता है।

ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों का भी समर्थन
भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने भी ट्रंप की इस पहल का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, “ऑस्ट्रेलिया राष्ट्रपति ट्रंप की योजना में हुई प्रगति का स्वागत करता है। हमास को तुरंत हथियार छोड़कर सभी बंधकों को रिहा करना चाहिए। हम न्यायपूर्ण और टिकाऊ समाधान के लिए अपने साझेदारों के साथ काम जारी रखेंगे।”
इसी तरह मिस्र, जॉर्डन, सऊदी अरब और कतर जैसे कई अरब देशों ने भी ट्रंप की इस शांति पहल का स्वागत किया है। कूटनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि यह योजना लागू होती है, तो यह मध्य पूर्व में स्थायी शांति की दिशा में सबसे बड़ा कदम साबित हो सकता है।
इजराइल का भी सकारात्मक रुख
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी बयान जारी करते हुए कहा है कि “इजराइल ट्रंप की योजना के पहले चरण के कार्यान्वयन के लिए तैयार है, जिसमें सभी बंधकों की रिहाई शामिल है।” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इजराइल अपनी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।
भविष्य की दिशा
गाजा क्षेत्र में पिछले एक साल से अधिक समय से जारी युद्ध ने लाखों लोगों को विस्थापित किया है और मानवीय संकट को जन्म दिया है। ट्रंप की शांति योजना और भारत जैसे देशों का समर्थन इस दिशा में नई उम्मीदें जगा रहा है। हालांकि, विश्लेषकों का कहना है कि शांति की राह अभी आसान नहीं है। योजना को सफल बनाने के लिए सभी पक्षों का भरोसा और पारदर्शिता जरूरी होगी।
भारत के कूटनीतिक समर्थन से यह संदेश स्पष्ट है कि नई दिल्ली वैश्विक मंच पर शांति और स्थिरता के मुद्दों पर अपनी सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार है।
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