खून-पानी, आतंक-व्यापार और परमाणु ब्लैकमेल: मोदी के भाषण के 10 अहम संकेत और उनका मतलब
नई दिल्ली।
“अब कोई भी परमाणु ब्लैकमेल के नाम पर पनप रहा ठिकाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा” — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद राष्ट्र के नाम पहले संबोधन में यह स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत ने आतंक के खिलाफ जो कार्रवाई की है, वह सिर्फ़ जवाब नहीं, एक निर्णायक सोच का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि “आतंक और व्यापार साथ-साथ नहीं चल सकते, पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत ने केवल सैन्य कार्रवाई स्थगित की है, अभियान बंद नहीं हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें:
- ऑपरेशन सिंदूर आतंक के खिलाफ न्याय की प्रतिज्ञा
पीएम ने कहा, “यह सिर्फ़ सैन्य ऑपरेशन नहीं, करोड़ों भारतीयों की भावनाओं का प्रतिबिंब है।” - पाकिस्तान को चेतावनी: ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा
“परमाणु ब्लैकमेल के नाम पर पनप रहे ठिकाने अब बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।” - सीजफायर पाकिस्तान की मांग पर, लेकिन निगरानी जारी
“हमने सैन्य कार्रवाई रोकी है, लेकिन पाकिस्तान की हर गतिविधि पर नजर है।” - सेना को मिली पूरी आज़ादी
“भारतीय सेना को आतंक के खिलाफ पूरी छूट दी गई है।” - बहावलपुर और मुरीदके को बताया ‘आतंक का विश्वविद्यालय’
पीएम ने कहा कि ये ठिकाने 9/11 जैसे वैश्विक हमलों से भी जुड़े रहे हैं। - आतंकियों की हिम्मत तोड़ दी गई
“हमारे मिसाइल और ड्रोन हमलों से न केवल इमारतें गिरीं, बल्कि उनके हौसले भी चूर हो गए।” - पाकिस्तान युद्ध चाहता था, हमने युद्ध के नियम तय किए
“पाकिस्तान सीमा पर युद्ध की तैयारी में था, लेकिन भारत ने उसके सीने पर वार किया।” - धैर्य और सामर्थ्य की मिसाल बनी भारत की प्रतिक्रिया
“देश की क्षमता और संयम दोनों दुनिया ने देखा।” - सेना, खुफिया और वैज्ञानिकों को राष्ट्र का सलाम
“मैं इस पराक्रम को देश की हर मां, बहन और बेटी को समर्पित करता हूं।” - आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक चेतावनी
“ये युग आतंकवाद का नहीं हो सकता। जीरो टॉलरेंस ही बेहतर दुनिया की गारंटी है।”
पाकिस्तान को दी दो टूक चेतावनी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि पाकिस्तान को अगर खुद को बचाना है, तो आतंकवाद के ढांचे को खत्म करना ही होगा। उन्होंने कहा कि “टेरर और टॉक, टेरर और ट्रेड एक साथ नहीं चल सकते।”

‘सिंदूर’ का प्रतीक और बहनों का सम्मान
प्रधानमंत्री ने खासतौर पर कहा कि भारत की यह कार्रवाई देश की “हर बहन और बेटी के माथे के सिंदूर की रक्षा के लिए है।” उनका यह बयान पहलगाम हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों की नृशंस हत्या पर तीव्र प्रतिक्रिया के रूप में देखा जा रहा है।
रणनीतिक संदेश: सिर्फ़ जवाब नहीं, दिशा परिवर्तन
इस संबोधन के जरिए प्रधानमंत्री मोदी ने न केवल पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश दिया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी यह बताने की कोशिश की है कि भारत अब ‘धैर्य की नीति’ के साथ ‘निर्णायक कार्रवाई’ की रणनीति अपना चुका है।
यह सिर्फ़ सीमित सैन्य कार्रवाई नहीं, आतंकवाद के खिलाफ भारत की दीर्घकालिक नीति परिवर्तन का संकेत है।
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