नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को सऊदी अरब के लिए दो दिवसीय यात्रा की शुरुआत की, जो उनके तीसरे कार्यकाल की इस खाड़ी देश की पहली आधिकारिक यात्रा है। वह सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के विशेष निमंत्रण पर 22-23 अप्रैल तक जेद्दा में रहेंगे।
इस दौरे को न सिर्फ दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और रणनीतिक रिश्तों की मजबूती के तौर पर देखा जा रहा है, बल्कि यह वैश्विक मंचों पर भारत-सऊदी सहयोग की दिशा में भी एक निर्णायक कदम माना जा रहा है।
🕌 सामरिक साझेदारी परिषद की दूसरी बैठक में होंगे शामिल
प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान भारत-सऊदी सामरिक साझेदारी परिषद (Strategic Partnership Council) की दूसरी उच्च स्तरीय बैठक में हिस्सा लेंगे। इस परिषद की पहली बैठक सितंबर 2023 में दिल्ली में जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान आयोजित हुई थी, जब क्राउन प्रिंस बिन सलमान भारत आए थे।
अब जेद्दा में हो रही यह बैठक दोनों देशों के बढ़ते सहयोग को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद जगा रही है। इसमें रक्षा, ऊर्जा, निवेश, व्यापार, तकनीकी सहयोग और अंतरिक्ष समेत कई क्षेत्रों में महत्वपूर्ण निर्णय लिए जा सकते हैं।
🤝 कई द्विपक्षीय समझौते हो सकते हैं साइन
दौरे के दौरान भारत और सऊदी अरब के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों (MoUs) पर हस्ताक्षर की संभावना है। यह समझौते ऊर्जा, स्टार्टअप, डिजिटल इनोवेशन, स्किल डेवलपमेंट, कृषि, खनिज संसाधन और हेल्थकेयर जैसे क्षेत्रों को कवर कर सकते हैं।
भारतीय अधिकारियों के अनुसार, “कई मसौदा समझौते अंतिम चरण में हैं और प्रधानमंत्री की मौजूदगी में इन्हें अंतिम रूप दिया जा सकता है।”
🌍 भारतीय समुदाय से भी करेंगे मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी जेद्दा प्रवास के दौरान सऊदी अरब में रहने वाले भारतीय समुदाय से भी संवाद करेंगे। करीब 27 लाख भारतीय नागरिक इस खाड़ी देश में रहकर काम कर रहे हैं, जो भारत की ओर से विदेश में कार्यरत दूसरा सबसे बड़ा प्रवासी समूह है।
उनकी मौजूदगी भारत-सऊदी संबंधों की सामाजिक और आर्थिक नींव मानी जाती है। यह मुलाकात न सिर्फ भावनात्मक जुड़ाव का प्रतीक होगी, बल्कि प्रवासियों की समस्याओं और योगदान पर भी केंद्रित होगी।
📈 पिछले दशक में रिश्तों ने पकड़ी रफ्तार
प्रधानमंत्री मोदी ने रवाना होने से पहले 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “भारत-सऊदी अरब संबंध ऐतिहासिक हैं और पिछले दशक में इन रिश्तों में असाधारण प्रगति हुई है।"
साल 1947 में दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे और 2010 में इसे रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर बढ़ाया गया। तब से अब तक द्विपक्षीय दौरे और सहयोग लगातार बढ़े हैं। 2024 की शुरुआत से अब तक भारत के 11 केंद्रीय मंत्री सऊदी अरब जा चुके हैं, वहीं सऊदी अरब के विदेश और खनिज मंत्री भी भारत आ चुके हैं।
🌐 वैश्विक मंच पर भी गूंजेगी साझेदारी
जैसे-जैसे भारत वैश्विक नेतृत्व की भूमिका निभा रहा है, वैसे-वैसे सऊदी अरब के साथ उसका सहयोग भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अहम होता जा रहा है। चाहे G20 हो या भविष्य की ऊर्जा रणनीतियां, दोनों देशों की साझेदारी वैश्विक निर्णयों को प्रभावित कर रही है।
इस दौरे के जरिए भारत न सिर्फ ऊर्जा और निवेश के मोर्चे पर सऊदी अरब के साथ नई संभावनाएं तलाशेगा, बल्कि इस्लामिक दुनिया में अपनी रणनीतिक स्थिति को भी और सशक्त बनाएगा।
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