August 2, 2025 3:47 AM

ऑपरेशन सिंदूर पर प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट संदेश: “भारत अब चुप नहीं बैठता, आतंक का जवाब देता है”

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ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में बोले पीएम मोदी: आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई


‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसद में बड़ा बयान: आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक कार्यवाही का खुलासा

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के दोनों सदनों में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बोलते हुए स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई भारत की सुरक्षा नीति में आया निर्णायक मोड़ है। उन्होंने कहा कि भारत अब आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ कड़ी निंदा नहीं करता, बल्कि जरूरत पड़ने पर ठोस जवाब भी देता है। यह बयान ऐसे समय पर आया है जब पूरे देश में पहलगाम आतंकी हमले के बाद गुस्सा और आक्रोश फैला हुआ है।

प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य की शुरुआत आतंकियों के हमले में शहीद हुए तीर्थयात्रियों और सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देते हुए की। उन्होंने कहा, “भारत शांति का पक्षधर है, लेकिन अगर हमारे नागरिकों पर हमला किया जाएगा, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ आतंक के खिलाफ हमारी निर्णायक रणनीति का प्रमाण है।”


आतंकवाद के खिलाफ ‘नया भारत’ का संदेश

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने बयान में यह स्पष्ट किया कि भारत अब अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए किसी प्रकार की ढिलाई नहीं बरतेगा। उन्होंने कहा, “बीते वर्षों में भारत ने आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों को कई बार चेताया, लेकिन जब सीमाएं लांघीं गईं और निर्दोष तीर्थयात्रियों को निशाना बनाया गया, तब हमने अपने जवानों को पूरी छूट दी।”

उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक सीमित लेकिन प्रभावी जवाबी कार्रवाई थी, जिसे भारतीय सेना और वायुसेना ने आपसी समन्वय से अंजाम दिया। इस मिशन में सेना को ‘पूरी संचालनिक स्वतंत्रता’ दी गई थी, जो कि पूर्व में किसी भी सैन्य अभियान में कम ही देखने को मिला है।


कार्रवाई की योजना और सफल निष्पादन

प्रधानमंत्री ने बताया कि यह ऑपरेशन 1.05 बजे रात को शुरू हुआ और मात्र 22 मिनट में अपने लक्ष्य को भेदने में सफल रहा। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन की हर योजना को अत्यंत गोपनीयता के साथ तैयार किया गया था और इसका उद्देश्य केवल आतंकी अड्डों को निशाना बनाना था, न कि किसी आम नागरिक को नुकसान पहुँचाना।

उन्होंने आगे कहा, “हमारा उद्देश्य केवल बदला नहीं था, बल्कि एक संदेश देना था कि भारत की धरती पर खून-खराबा करने वालों को अब सुरक्षित पनाह नहीं मिलेगी।”


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की स्थिति मजबूत

प्रधानमंत्री ने अपने बयान में यह भी बताया कि भारत ने ऑपरेशन के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सूचित किया कि यह कार्रवाई केवल आतंकवाद के खिलाफ थी, किसी देश के खिलाफ नहीं। उन्होंने कहा, “हमने पाकिस्तान को सूचित किया कि हमने केवल आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। यह हमारी परिपक्वता और सैन्य नैतिकता का प्रतीक है।”

उन्होंने बताया कि ऑपरेशन के बाद कई देशों ने भारत के रुख का समर्थन किया और कहा कि आतंकवाद के खिलाफ इस तरह की निर्णायक कार्रवाई आज की आवश्यकता है। अमेरिका, फ्रांस, रूस और जापान जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को जायज ठहराया।


विपक्ष को दिया कड़ा संदेश

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विपक्ष को भी निशाने पर लिया और कहा कि “देश की सुरक्षा राजनीति का विषय नहीं होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि संकट के समय देश को एकजुट रहने की ज़रूरत होती है, लेकिन कुछ विपक्षी नेता इसे भी राजनीति का मंच बना रहे हैं।

उन्होंने कहा, “जब हमारे जवान सीमा पर लड़ रहे हैं, तब संसद के अंदर बैठे लोगों का यह कर्तव्य बनता है कि वे उनके हौसले को बढ़ाएं, ना कि दुर्भावनापूर्ण टिप्पणियों से राष्ट्र की एकता को चोट पहुंचाएं।”


सशस्त्र बलों को दिया धन्यवाद

प्रधानमंत्री ने अंत में भारतीय सेना, वायुसेना और सभी सुरक्षा बलों का धन्यवाद किया और कहा कि देश को उन पर गर्व है। उन्होंने कहा कि सरकार उन्हें हर स्तर पर समर्थन दे रही है और भविष्य में भी ऐसे किसी हमले पर और भी कड़ा जवाब दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, “सेना के पराक्रम पर देश को गर्व है। हमने यह दिखा दिया है कि भारत अब पुराने ढर्रे पर नहीं चलता। नया भारत अपनी सुरक्षा को सर्वोपरि मानता है और हर चुनौती का सामना करने को तैयार है।”



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