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February 15, 2025 7:15 PM

मोदी ने देश को तीन नए युद्धपोत समर्पित किए

PM Modi Commissions New Warships to Boost India's Naval Power and Atmanirbhar Bharat

मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय नौसेना की ताकत को नई ऊंचाई देते हुए तीन उन्नत युद्धपोत – आईएनएस सूरत (डिस्ट्रॉयर), आईएनएस नीलगिरि (स्टेल्थ फ्रिगेट), और आईएनएस वाघशीर (सबमरीन) को राष्ट्र को समर्पित किया। इन युद्धपोतों की कमीशनिंग से भारत की समुद्री सुरक्षा और भी मजबूत होगी। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा, “आज का दिन भारतीय नौसेना के गौरवशाली इतिहास और आत्मनिर्भर भारत अभियान के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक मौके पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रशंसा करते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय नौसेना को नया सामर्थ्य और विजन दिया था। मोदी ने कहा, “आज, 21वीं सदी की नौसेना को सशक्त करने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। यह पहली बार है जब एक साथ एक डिस्ट्रॉयर, फ्रिगेट और सबमरीन को कमीशन किया जा रहा है। ये तीनों युद्धपोत ‘मेड इन इंडिया’ हैं।”

आईएनएस सूरत, नीलगिरि और वाघशीर का महत्व

प्रधानमंत्री ने इन तीन युद्धपोतों के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया:

  • आईएनएस नीलगिरि: यह चोल वंश के समुद्री सामर्थ्य को समर्पित है।
  • आईएनएस सूरत: यह युद्धपोत उस समय की याद दिलाता है जब गुजरात का बंदरगाह वेस्ट एशिया से व्यापारिक रूप से जुड़ा था।
  • आईएनएस वाघशीर: यह पी-75 श्रेणी की छठी सबमरीन है। इस क्लास की पहली सबमरीन की कमीशनिंग कुछ साल पहले हुई थी।

आत्मनिर्भर भारत और नौसेना का योगदान

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “भारतीय नौसेना और कोस्टगार्ड पर देश और दुनिया का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। पिछले 10 वर्षों में नौसेना ने 33 युद्धपोत और 7 सबमरीन को अपने बेड़े में शामिल किया है। इनमें से 39 पोत भारतीय शिपयार्ड में ही बने हैं।”

प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि सेनाओं ने 5,000 से अधिक ऐसे उपकरणों की सूची तैयार की है जिन्हें अब विदेशों से नहीं मंगाया जाएगा। उन्होंने कहा, “जब भारत का सैनिक भारतीय साजो-सामान के साथ आगे बढ़ता है तो आत्मविश्वास कुछ अलग ही होता है।”

विकासवाद बनाम विस्तारवाद

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर भारत के विकासवादी दृष्टिकोण को भी दोहराया। उन्होंने कहा, “भारत विस्तारवाद में विश्वास नहीं करता, बल्कि विकासवाद की भावना से काम करता है। हमने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में ‘सागर’ (‘Security and Growth for All in the Region’) का मंत्र दिया।” उन्होंने आगे कहा कि भारत ने हमेशा ओपन, सिक्योर, और इन्क्लूसिव इंडो-पैसिफिक क्षेत्र का समर्थन किया है।

हेलिकॉप्टर फैक्ट्री और डिफेंस कॉरिडोर

प्रधानमंत्री ने बताया कि कर्नाटक में देश की सबसे बड़ी हेलिकॉप्टर फैक्ट्री शुरू की गई है। साथ ही, यूपी और तमिलनाडु में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर को भी गति दी जा रही है। “मझगांव डॉकयार्ड में हमारे कर्मियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है,” उन्होंने कहा।

भारत का वैश्विक आर्थिक सहयोग

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत का आर्थिक सहयोग दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों, जैसे आसियान, ऑस्ट्रेलिया, गल्फ और अफ्रीका के देशों के साथ मजबूत हो रहा है। उन्होंने बताया कि हाल के महीनों में भारतीय नौसेना ने सैकड़ों जानें बचाई हैं और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्गो की सुरक्षा की है।

प्रधानमंत्री मोदी के इस कदम से भारतीय नौसेना की ताकत में वृद्धि होने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी नई दिशा मिली है। इन तीनों युद्धपोतों की कमीशनिंग न केवल भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगी, बल्कि देश की रक्षा उत्पादन क्षमता को भी विश्व स्तर पर प्रदर्शित करेगी।

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