• विज्ञान, तकनीक और नवाचार में भारत का नया युग शुरू

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में इमर्जिंग साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कॉन्क्लेव (ESTIC 2025) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने 1 लाख करोड़ रुपये के अनुसंधान और नवाचार फंड की घोषणा की, जो देश में निजी क्षेत्र के रिसर्च और डेवलपमेंट (R&D) को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह फंड भारत के वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और नवाचारकर्ताओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोलेगा। इसका उद्देश्य है — “विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत को वैश्विक पावरहाउस बनाना।”


इसरो और महिला क्रिकेट टीम को दी बधाई

कार्यक्रम की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि, “आज का यह आयोजन विज्ञान से जुड़ा जरूर है, लेकिन मैं सबसे पहले क्रिकेट में भारत की शानदार जीत की बात करना चाहता हूं। यह भारत का पहला महिला विश्व कप है और हमारी बेटियों ने कमाल कर दिखाया है। पूरा देश गर्व महसूस कर रहा है।”

उन्होंने आगे इसरो की भी सराहना की और कहा कि, “कल भारत ने विज्ञान और तकनीक की दुनिया में एक और इतिहास रच दिया है। हमारे वैज्ञानिकों ने देश का सबसे भारी संचार उपग्रह सफलतापूर्वक लॉन्च किया है। यह भारत की तकनीकी क्षमता और संकल्प का प्रतीक है।”


प्रधानमंत्री बोले – यह फंड वैज्ञानिकों के लिए, भविष्य के भारत के लिए

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज विज्ञान और तकनीक की दुनिया के लिए एक बड़ा दिन है। हमने रिसर्च डेवलपमेंट एंड इनोवेशन स्कीम (RDI Scheme) शुरू की है, जिसके लिए एक लाख करोड़ रुपये का फंड तय किया गया है। ये पैसा सरकार के पास रखने के लिए नहीं, बल्कि देश के वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने के लिए है।”

उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, “आप लोग ताली इसलिए नहीं बजा रहे हैं क्योंकि आपको लगा कि ये एक लाख करोड़ रुपये मोदी के पास ही रहने वाले हैं। लेकिन नहीं, यह फंड आपके लिए है – आपके शोध, आपके विचारों और आपके नवाचारों के लिए।”


उच्च जोखिम, उच्च प्रभाव वाले प्रोजेक्ट्स को मिलेगा समर्थन

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब उच्च जोखिम और उच्च प्रभाव वाले रिसर्च प्रोजेक्ट्स को समर्थन दे रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने निजी क्षेत्र में भी निवेश को प्रोत्साहित किया है ताकि देश में विज्ञान और नवाचार का दायरा बढ़े। “भारत अब विज्ञान और तकनीक के पावरहाउस के रूप में उभर रहा है। सरकार ने रिसर्च और इनोवेशन के लिए एक आधुनिक माहौल तैयार किया है, जिससे वैज्ञानिक और उद्योग जगत मिलकर काम कर सकें।”


रिसर्च पर दोगुना खर्च, पेटेंट में 17 गुना वृद्धि

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि पिछले एक दशक में भारत का रिसर्च एंड डेवलपमेंट खर्च दोगुना हुआ है। उन्होंने कहा कि, “रजिस्टर्ड पेटेंट की संख्या में 17 गुना वृद्धि हुई है, जो यह दर्शाता है कि भारत अब नवाचार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।"

उन्होंने कहा कि भारत अब स्टार्टअप्स के क्षेत्र में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम बन चुका है, जो देश की वैज्ञानिक सोच और उद्यमिता का परिणाम है।


विश्वविद्यालयों में भी बढ़ेगा अनुसंधान का दायरा

प्रधानमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (National Research Foundation) की स्थापना की है। यह संस्थान शिक्षा, उद्योग और सरकार के बीच समन्वय बनाकर शोध परियोजनाओं को प्रोत्साहन देगा।


महिलाओं की भूमिका पर प्रधानमंत्री का विशेष उल्लेख

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज भारत में विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में महिलाएं बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
“एक दशक पहले महिलाओं द्वारा दायर किए जाने वाले पेटेंट की संख्या 100 से भी कम थी, जबकि अब यह बढ़कर हर साल 5,000 से अधिक हो गई है। आज भारत में STEM (विज्ञान, तकनीक, इंजीनियरिंग और गणित) शिक्षा लेने वालों में 43 प्रतिशत महिलाएं हैं — जो वैश्विक औसत से कहीं अधिक है।”


विज्ञान, नवाचार और प्रगति का नया युग

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के अंत में कहा कि भारत का लक्ष्य केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता नहीं, बल्कि ‘वैश्विक इनोवेशन लीडर’ बनने का है। उन्होंने वैज्ञानिकों, स्टार्टअप्स और उद्योगों से आह्वान किया कि वे मिलकर ऐसे प्रोजेक्ट तैयार करें, जो आने वाली पीढ़ियों के भारत का भविष्य गढ़ सकें।