प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और टेस्ला व स्पेसएक्स जैसी कंपनियों के मालिक, अरबपति उद्यमी एलन मस्क के बीच हाल ही में एक अहम बातचीत हुई, जिसकी जानकारी प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच 'X' (पहले ट्विटर) पर साझा की। उन्होंने बताया कि दोनों के बीच तकनीक और नवाचार से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा हुई। यह बातचीत कब और किस माध्यम से हुई, इस बारे में प्रधानमंत्री ने स्पष्ट नहीं किया, लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि वाशिंगटन डीसी में हुई पिछली मुलाकात में जिन विषयों पर चर्चा हुई थी, उन्हीं को आगे बढ़ाते हुए संवाद किया गया।

बातचीत के अहम बिंदु

प्रधानमंत्री मोदी ने मस्क के साथ भारत और उनकी कंपनियों के बीच भविष्य में संभावित सहयोग पर बातचीत की। विशेष रूप से तकनीकी क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदमों और एलन मस्क की वैश्विक तकनीकी पहल — जैसे टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियाँ, स्पेसएक्स की स्टारलिंक इंटरनेट सेवा, और न्यूरालिंक जैसे प्रोजेक्ट्स — के बीच साझेदारी की व्यापक संभावनाएं देखी जा रही हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तकनीक और नवाचार के क्षेत्र में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और सरकार स्टार्टअप्स, इनोवेशन और उभरती हुई तकनीकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार कर रही है। ऐसे में मस्क जैसी वैश्विक कंपनियों के लिए भारत एक बड़ा और रणनीतिक अवसर हो सकता है।

पहले भी हो चुकी है मुलाकात

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क की मुलाकात जून 2023 में वाशिंगटन डीसी में हुई थी, जहां उन्होंने तकनीक, ऊर्जा, स्पेस टेक्नोलॉजी और भारत में टेस्ला की संभावित मौजूदगी जैसे मुद्दों पर खुलकर बात की थी। उस समय मस्क ने प्रधानमंत्री की नेतृत्वशैली की तारीफ करते हुए खुद को उनका "फैन" बताया था।

भारत में निवेश की संभावनाएं

एलन मस्क की कंपनियाँ भारत में अपने कारोबार को विस्तार देने के इच्छुक हैं। टेस्ला भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों का प्लांट लगाने को लेकर विचार कर रही है, वहीं स्टारलिंक की मदद से देश के ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट पहुंचाने की योजना है। हालांकि, इन योजनाओं पर अमल के लिए भारत सरकार से आवश्यक अनुमति और नीतिगत स्पष्टता की जरूरत है।

निष्कर्ष

प्रधानमंत्री मोदी और एलन मस्क की यह बातचीत भारत की तकनीकी क्षमताओं और वैश्विक साझेदारियों की दिशा में एक अहम संकेत है। यदि ये साझेदारियाँ आगे बढ़ती हैं, तो भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था, ग्रीन एनर्जी मिशन और ग्रामीण कनेक्टिविटी को एक नया बल मिल सकता है।

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