October 15, 2025 8:39 AM

रेलवे के विस्तार को मिला बड़ा प्रोत्साहन: मोदी कैबिनेट ने 24,634 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को दी मंजूरी, मध्य प्रदेश और गुजरात होंगे प्रमुख लाभार्थी

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मोदी कैबिनेट की बैठक में 24,634 करोड़ की रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी, मध्य भारत और गुजरात को मिलेगा बड़ा लाभ

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे को और अधिक सुदृढ़ करने के लिए 24,634 करोड़ रुपए की चार नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन परियोजनाओं का उद्देश्य देश के प्रमुख रेलवे कॉरिडोरों की क्षमता बढ़ाना, यातायात को सुचारू बनाना और यात्रियों को तेज, सुरक्षित व भरोसेमंद सेवा प्रदान करना है।

चार नई परियोजनाओं से बदलेगा मध्य भारत और पश्चिम भारत का रेल नक्शा

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस बैठक में विशेष रूप से दो महत्वपूर्ण कॉरिडोरों पर नई रेल लाइनों को स्वीकृति दी गई है। इनमें मध्य प्रदेश के इटारसी–भोपाल–बीना मार्ग पर 237 किलोमीटर लंबी चौथी लाइन तथा गुजरात और मध्य प्रदेश को जोड़ने वाले वडोदरा–रतलाम मार्ग पर 259 किलोमीटर लंबी तीसरी और चौथी लाइन शामिल हैं।

इन परियोजनाओं के पूर्ण होने के बाद महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, गुजरात और छत्तीसगढ़ के कुल 18 जिलों को प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिलेगा। रेल मंत्री ने बताया कि देश के सात प्रमुख रेलवे कॉरिडोर कुल रेल यातायात का लगभग 41 प्रतिशत हिस्सा संभालते हैं। इसलिए इन कॉरिडोरों पर क्षमता बढ़ाने और नेटवर्क को आधुनिक बनाने का विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

भीड़ कम होगी, यात्रा समय घटेगा, विश्वसनीयता बढ़ेगी

रेल मंत्री वैष्णव ने कहा कि “इन नई परियोजनाओं से न केवल ट्रेनों की गति और संचालन क्षमता बढ़ेगी बल्कि नेटवर्क पर दबाव भी कम होगा। यात्रियों को समय की बचत होगी और रेल सेवाओं की विश्वसनीयता में उल्लेखनीय सुधार होगा।”

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने यह तय किया है कि आने वाले वर्षों में देश के प्रमुख कॉरिडोरों में कम से कम चार लाइनें अनिवार्य रूप से बनाई जाएंगी, जबकि कुछ जगहों पर छह लाइनों तक विस्तार किया जाएगा। यह योजना न केवल मालगाड़ियों के सुचारू संचालन के लिए उपयोगी होगी बल्कि यात्री सेवाओं को भी गति देगी।

रेल विकास के साथ रोजगार और उद्योग को भी मिलेगा बल

इन परियोजनाओं से निर्माण कार्य के दौरान हजारों लोगों को स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे। इसके साथ ही स्टील, सीमेंट, मशीनरी और इलेक्ट्रिकल उपकरणों की मांग बढ़ेगी, जिससे स्थानीय उद्योगों को भी अप्रत्यक्ष लाभ पहुंचेगा। रेलवे मंत्रालय का अनुमान है कि इन परियोजनाओं से भविष्य में लॉजिस्टिक कॉस्ट में भी कमी आएगी और औद्योगिक क्षेत्रों तक तेज़ रेल कनेक्टिविटी से निवेशकों का विश्वास और बढ़ेगा।

मोदी सरकार की हालिया कैबिनेट बैठकों में लगातार बड़े फैसले

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हाल के महीनों में हुई कैबिनेट बैठकों में विकास के कई अहम निर्णय लिए गए हैं, जिनमें सामाजिक सुरक्षा, उद्योग, कृषि और तकनीकी क्षेत्र को बढ़ावा देने पर विशेष ध्यान दिया गया है।

🔸 1 अक्टूबर – केंद्रीय कर्मचारियों के लिए राहत

1 अक्टूबर को हुई कैबिनेट बैठक में केंद्र सरकार ने कर्मचारियों और पेंशनर्स का महंगाई भत्ता (DA) 3 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय लिया। इससे लगभग 49 लाख कर्मचारियों और 68 लाख पेंशनर्स को लाभ मिलेगा। नया महंगाई भत्ता अब 55 प्रतिशत से बढ़कर 58 प्रतिशत हो गया है। यह बढ़ोतरी 1 जुलाई से प्रभावी मानी जाएगी और कर्मचारियों को तीन महीने का एरियर भी मिलेगा।

🔸 सेमीकंडक्टर क्षेत्र में बड़ा निवेश

उसी बैठक में सरकार ने चार नए सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट्स को भी मंजूरी दी थी। यह प्लांट्स ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पंजाब में लगाए जाएंगे। इसके लिए 4,594 करोड़ रुपए का निवेश स्वीकृत किया गया है। इन परियोजनाओं से भारत की चिप निर्माण क्षमता बढ़ेगी और ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को गति मिलेगी।

🔸 31 जुलाई – इटारसी-नागपुर चौथी लाइन और किसान संपदा योजना

31 जुलाई की बैठक में केंद्र ने इटारसी-नागपुर सेक्शन में चौथी रेल लाइन के निर्माण को 5,451 करोड़ रुपए की लागत से मंजूरी दी थी। साथ ही प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना का बजट 6,520 करोड़ रुपए तक बढ़ा दिया गया। इससे फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में निवेश और किसानों की आय बढ़ाने के लिए नए अवसर बनेंगे। इसी बैठक में नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC) के लिए 2,000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त राशि दी गई थी, ताकि सहकारी समितियों को वित्तीय मजबूती मिल सके।

🔸 11 जून – मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स को मिली स्वीकृति

11 जून को हुई कैबिनेट बैठक में झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश को कवर करने वाले दो बड़े मल्टीट्रैकिंग प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई थी। इनमें 133 किलोमीटर लंबा कोडरमा–बरकाकाना और 185 किलोमीटर लंबा बल्लारी–चिकजाजुर सेक्शन शामिल हैं, जिन पर कुल 6,405 करोड़ रुपए की लागत आएगी। ये परियोजनाएं मालगाड़ियों की आवाजाही को तेज़ और सुरक्षित बनाएंगी।

रेलवे विकास – ‘विकसित भारत’ की आधारशिला

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का दृष्टिकोण यह है कि रेलवे केवल परिवहन का साधन नहीं, बल्कि भारत के आर्थिक और सामाजिक विकास का इंजन है। पिछले वर्षों में रेलवे के विद्युतीकरण, स्टेशन पुनर्विकास, नई ट्रेनों, और आधुनिक तकनीक के प्रयोग में तेजी आई है।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि रेल नेटवर्क को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जाए। लक्ष्य है — हर नागरिक को सुरक्षित, सुलभ और समयबद्ध रेल सेवा मिले और हर राज्य को कनेक्टिविटी की नई ऊंचाई तक पहुंचाया जाए।”

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