PM मोदी का BRICS में संबोधन: बहुपक्षीयता और AI पर बोले, BRICS को बनाना होगा और प्रभावशाली

रियो डी जनेरियो/नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 17वें BRICS शिखर सम्मेलन के प्लेनरी सेशन को संबोधित किया। इस सत्र की थीम थी:
“मजबूत बहुपक्षीयता, आर्थिक-वित्तीय मामलों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में सहयोग।”

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने बताया कि किस तरह BRICS को एक अधिक प्रभावशाली और उद्देश्यपूर्ण वैश्विक मंच में बदला जा सकता है। उन्होंने तेज़ी से बदलते बहुध्रुवीय विश्व (Multipolar World) में BRICS की भूमिका को दोहराते हुए कई ठोस सुझाव भी पेश किए।


🟡 BRICS को और अधिक प्रभावशाली बनाने पर ज़ोर

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की दुनिया पहले की तुलना में कहीं ज़्यादा जटिल, बहुध्रुवीय और आपस में जुड़ी हुई है। ऐसे में सिर्फ एक या दो देशों की नेतृत्वकारी भूमिका पर्याप्त नहीं है। BRICS जैसे मंचों की भूमिका अब पहले से कहीं ज़्यादा महत्वपूर्ण हो गई है।

“BRICS को सिर्फ विचार मंच नहीं, बल्कि एक परिणाम देने वाला संगठन बनाना होगा।”


🧩 बहुपक्षीयता (Multilateralism) के लिए सुझाव

PM मोदी ने कहा कि मौजूदा वैश्विक संस्थान, जैसे कि संयुक्त राष्ट्र और विश्व व्यापार संगठन (WTO), 20वीं सदी की संरचनाएं हैं जो अब 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने में विफल हो रही हैं।

“AI, डेटा और साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर वैश्विक संवाद और समन्वय जरूरी है। लेकिन हमारी संस्थाएं अभी भी पुरानी सोच पर अटकी हुई हैं।”

मोदी ने कहा कि BRICS को नई वैश्विक व्यवस्था के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभानी चाहिए, जहां सभी देशों की आवाज़ समान रूप से सुनी जाए।


💹 आर्थिक और वित्तीय सहयोग पर फोकस

प्रधानमंत्री ने BRICS के अंतर्गत न्यू डेवलपमेंट बैंक (NDB) की भूमिका को रेखांकित किया और कहा कि इस बैंक को ऐसे निवेशों पर ध्यान देना चाहिए जो दीर्घकालिक लाभकारी हों और BRICS की छवि को मजबूत करें।

“NDB को ऐसे प्रोजेक्ट्स में निवेश करना चाहिए जो टिकाऊ हों, पारदर्शी हों और सदस्य देशों को वास्तविक लाभ दें।”

उन्होंने BRICS देशों के बीच फाइनेंशियल कनेक्टिविटी बढ़ाने और डिजिटल भुगतान प्रणाली को साझा करने का सुझाव भी दिया।


🤖 आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर विशेष चर्चा

प्रधानमंत्री ने BRICS देशों से AI में सहयोग को बढ़ाने की अपील करते हुए कहा कि इसका उपयोग सामाजिक कल्याण, शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में किया जा सकता है।

“AI सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि हमारे भविष्य का आधार है। हमें इसे मानवता के हित में इस्तेमाल करना होगा।”

उन्होंने बताया कि भारत जल्द ही एक अंतरराष्ट्रीय AI Impact Summit आयोजित करेगा, जिसमें इसके नीतिगत, नैतिक और तकनीकी पहलुओं पर चर्चा होगी।

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📡 BRICS रिसर्च प्लेटफॉर्म का प्रस्ताव

PM मोदी ने एक مشترका BRICS रिसर्च सेंटर की स्थापना का सुझाव भी दिया, जहां सभी सदस्य देश विज्ञान, तकनीक, नवाचार और डेटा साझा करने के लिए एक मंच पर आ सकें।


🌐 डिजिटल कंटेंट की विश्वसनीयता पर भी चिंता

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया फेक न्यूज और गलत डिजिटल कंटेंट की चुनौती से जूझ रही है। BRICS देशों को मिलकर एक ऐसा सिस्टम बनाना चाहिए, जिससे यह पता चल सके कि कोई जानकारी असली है या नहीं, उसका स्रोत क्या है, और वह कहां फैलाई गई।

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🔚 PM मोदी की सोच: BRICS को बनाना होगा भविष्य का नेतृत्वकर्ता मंच

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन का समापन इस संकल्प के साथ किया कि BRICS को केवल विकासशील देशों का एक समूह नहीं, बल्कि वैश्विक नेतृत्वकर्ता मंच बनना चाहिए, जो उभरती चुनौतियों का समाधान दे सके और एक न्यायसंगत, संतुलित और समावेशी वैश्विक व्यवस्था की नींव रख सके।



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