ग्रामीण सेवा से माफ होगा ब्याज मुक्त लोन, स्कॉलरशिप फॉर्म में मिलेगी फीस प्रतिपूर्ति
भोपाल। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना (MMVY) से एमबीबीएस की पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों के लिए अब नई शर्त लागू होने जा रही है। मंगलवार को कैबिनेट में पारित तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के प्रस्ताव के अनुसार अब नीट परीक्षा में ऑल इंडिया रैंकिंग (AIR) में डेढ़ लाख के भीतर आने वाले छात्रों को ही योजना का लाभ मिलेगा।
अब स्कॉलरशिप के रूप में मिलेगी फीस प्रतिपूर्ति
नई व्यवस्था के तहत शासकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेने वाले योग्य छात्रों को फीस की प्रतिपूर्ति अब सीधे स्कॉलरशिप के रूप में दी जाएगी। यानी ट्यूशन फीस और अन्य शासकीय शुल्क को प्रतिपूर्ति के रूप में छात्रवृत्ति के माध्यम से दिया जाएगा।
यदि किसी कॉलेज में प्रवेश पर देय कुल राशि शासकीय प्रतिपूर्ति से अधिक होती है, तो बचा हुआ शुल्क बिना ब्याज के लोन के रूप में छात्र को उपलब्ध कराया जाएगा।

ग्रामीण सेवा देने पर माफ होगा लोन
नई नीति का सबसे बड़ा केंद्र बिंदु यह है कि यदि छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई के बाद लगातार पांच वर्ष तक ग्रामीण क्षेत्र में सेवा देता है, तो उसे दी गई ब्याज मुक्त ऋण राशि माफ कर दी जाएगी। यदि कोई छात्र केवल ढाई वर्ष सेवा करता है, तो उसे 50 फीसदी लोन माफ माना जाएगा।
यदि कोई छात्र तय समय सीमा में ग्रामीण सेवा नहीं करता, तो उसे यह लोन ब्याज सहित सरकार को लौटाना होगा। यह स्पष्ट कर दिया गया है कि इस बदलाव को आगामी सत्रों से लागू किए जाने की तैयारी है।
क्यों जरूरी मानी जा रही है यह नई व्यवस्था?
विशेषज्ञों का मानना है कि पिछली व्यवस्था में योजना का दायरा बहुत व्यापक था, जिससे नीट में मामूली अंक लाने वाले छात्रों को भी सरकारी सब्सिडी मिल रही थी, जबकि कई योग्य छात्र इससे वंचित हो रहे थे। अब ‘मेरिट आधारित चयन’ की दिशा में यह निर्णय एक मजबूत कदम है। इसके साथ ही ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने का लक्ष्य भी इस नीति के केंद्र में है।
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