मिथुन मन्हास बने BCCI अध्यक्ष: घरेलू क्रिकेटर से भारतीय क्रिकेट बोर्ड तक का सफर
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के नए अध्यक्ष के रूप में पूर्व घरेलू क्रिकेटर मिथुन मन्हास का नाम आधिकारिक रूप से घोषित कर दिया गया है। मुंबई स्थित BCCI कार्यालय में रविवार को आयोजित वार्षिक आमसभा (AGM) में उन्हें सर्वसम्मति से निर्विरोध चुना गया। वे देश के 37वें BCCI अध्यक्ष बने हैं।
केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर पोस्ट कर उन्हें बधाई दी और कहा कि यह न सिर्फ क्रिकेट जगत बल्कि जम्मू-कश्मीर के लिए भी गर्व का क्षण है।

जम्मू-कश्मीर से क्रिकेट सफर की शुरुआत
मिथुन मन्हास का क्रिकेट सफर जम्मू-कश्मीर से शुरू हुआ। उन्होंने अंडर-15, अंडर-16 और अंडर-19 स्तर पर अपने राज्य का प्रतिनिधित्व किया। तीन साल तक अंडर-19 टीम के लिए खेलते हुए उन्होंने 1995 में लगभग 750 रन बनाए और देश के सर्वश्रेष्ठ अंडर-19 बल्लेबाज बने। उसी दौरान उन्हें जम्मू-कश्मीर टीम की कप्तानी का मौका मिला। उनके प्रदर्शन ने उन्हें नॉर्थ जोन टीम में जगह दिलाई।
दिल्ली आकर बदली किस्मत
12वीं की परीक्षा पूरी करने के बाद 17 वर्षीय मन्हास पहली बार दिल्ली पहुंचे। यहां उन्होंने राजधानी के प्रतिष्ठित क्रिकेट टूर्नामेंट में हिस्सा लिया। उस समय दिल्ली की टीम में वीरेंद्र सहवाग और आशीष नेहरा जैसे बड़े खिलाड़ी खेल रहे थे। मन्हास ने अपने प्रदर्शन से चयनकर्ताओं का ध्यान खींचा और जल्द ही अंडर-19 राष्ट्रीय टीम में जगह बना ली।
रणजी ट्रॉफी में सफलता और दिल्ली की कप्तानी
साल 1996 में मन्हास दिल्ली रणजी टीम में शामिल हुए, हालांकि पहले सीजन में उन्हें कोई मैच खेलने का मौका नहीं मिला। अगले साल 1997 में उन्होंने रणजी डेब्यू किया। लगातार प्रदर्शन ने उन्हें टीम का अहम हिस्सा बना दिया। 2001-02 सीजन में उन्होंने रणजी में 1000 से अधिक रन बनाए और देश के चुनिंदा बल्लेबाजों की सूची में जगह बनाई।
2006 से 2008 तक मन्हास दिल्ली रणजी टीम के कप्तान रहे। उनकी कप्तानी में दिल्ली ने 2007–08 सीजन का रणजी खिताब जीता, जो दिल्ली का 16वां रणजी ट्रॉफी खिताब था।
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का सफर
रणजी में चमकदार प्रदर्शन के चलते मन्हास का चयन IPL के पहले सीजन में हुआ। 2008 में उन्होंने दिल्ली डेयरडेविल्स से डेब्यू किया। बाद में वे 2011 में पुणे वॉरियर्स इंडिया और 2015 में चेन्नई सुपर किंग्स से जुड़े। IPL के शुरुआती वर्षों में उन्होंने टीमों को स्थिरता देने वाले खिलाड़ी के रूप में पहचान बनाई।
क्रिकेट से कोचिंग तक का सफर
साल 2017 में संन्यास लेने के बाद मन्हास ने कोचिंग करियर की शुरुआत की। वे किंग्स इलेवन पंजाब (अब पंजाब किंग्स) और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के सपोर्ट स्टाफ का हिस्सा रहे। बाद में IPL टीम गुजरात टाइटंस के साथ भी कोचिंग स्टाफ में जुड़े और युवा खिलाड़ियों को निखारने में योगदान दिया।
जम्मू-कश्मीर क्रिकेट में अहम भूमिका
साल 2023 में मन्हास को जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन (JKCA) का क्रिकेट ऑपरेशंस डायरेक्टर नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए उन्होंने राज्य के क्रिकेट ढांचे को मजबूत किया और स्थानीय प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का काम किया।
BCCI में नई जिम्मेदारियां
BCCI की नई टीम में मिथुन मन्हास अध्यक्ष बने हैं, जबकि राजीव शुक्ला उपाध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। देवजीत सैकिया सचिव पद पर कार्यरत रहेंगे। कर्नाटक और भारत के पूर्व स्पिनर रघुराम भट कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं। इसके अलावा, प्रभतेज सिंह भाटिया को संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी गई है।
The 94th Annual General Meeting of the Board of Control for Cricket in India BCCI has just concluded in Mumbai.
— BCCI (@BCCI) September 28, 2025
Take a look at all the key decisions made 🔽https://t.co/sHt2sCbcaI
घरेलू क्रिकेटरों के लिए उम्मीदें
मिथुन मन्हास के अध्यक्ष बनने से यह उम्मीद की जा रही है कि घरेलू क्रिकेटरों की आवाज और अधिक मज़बूती से BCCI में सुनी जाएगी। चूंकि उन्होंने स्वयं लंबा घरेलू क्रिकेट खेला है, इसलिए उनकी प्राथमिकता ग्राउंड लेवल पर ढांचे को मजबूत करना और खिलाड़ियों के हितों की रक्षा करना माना जा रहा है।
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