: नारी सशक्तिकरण की गोरक्षपीठ परंपरा को योगी ने मिशन शक्ति से दिया विस्तार, नवरात्र से शुरू होगा पांचवां चरण
विशेष रिपोर्ट: चन्द्र किशोर शर्मा/ लखनऊ:
शारदीय नवरात्र के पहले दिन शुरू होगा मिशन शक्ति का पांचवां चरण
लखनऊ। गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ अपनी परंपराओं और संस्कारों के लिए जानी जाती है। इस पीठ की विशेषता रही है कि यहां सदैव से नारी को शक्ति स्वरूपा और पूजनीय माना गया है। शिक्षा और संस्कार के क्षेत्र में पीठ की सक्रियता इसका प्रमाण है। पीठ से जुड़े महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित महिला विद्यालय, कॉलेज, नर्सिंग कॉलेज और छात्रावास नारी सशक्तिकरण की निरंतर धारा को आगे बढ़ाते रहे हैं। इन संस्थानों में छात्राओं को न केवल शिक्षा दी जाती है, बल्कि उन्हें हुनर और आत्मनिर्भरता की राह पर भी अग्रसर किया जाता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जो स्वयं गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर भी हैं, ने इस परंपरा को शासन की नीतियों और योजनाओं से जोड़कर और व्यापक रूप दिया। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने नियोजित तरीके से महिलाओं की सुरक्षा, स्वावलंबन और सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी। इसी सोच से मिशन शक्ति की शुरुआत हुई।

देवीपाटन शक्तिपीठ से हुई थी मिशन शक्ति की शुरुआत
पांच वर्ष पूर्व शारदीय नवरात्र में बलरामपुर स्थित देवीपाटन शक्तिपीठ से मुख्यमंत्री योगी ने मिशन शक्ति का शुभारंभ किया था। तब से लेकर अब तक यह अभियान लगातार आगे बढ़ रहा है। इस बार भी नवरात्र के पहले दिन 22 सितंबर 2025 को मिशन शक्ति का पांचवां चरण शुरू होने जा रहा है।


महिलाओं की सुरक्षा से सशक्तिकरण तक
योगी सरकार के पहले कार्यकाल की शुरुआत में ही महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन किया गया। इसके बाद धीरे-धीरे विभिन्न योजनाओं को एक सूत्र में बांधकर मिशन शक्ति के रूप में विस्तृत रूप दिया गया।
- पहले चरण में फोकस सिर्फ सुरक्षा पर रहा।
- आगे के चरणों में इसमें सशक्तिकरण और स्वावलंबन को भी शामिल किया गया।
इसका असर जमीन पर दिखने लगा है। आज उत्तर प्रदेश में महिलाएं शिक्षा, स्वरोजगार और सामाजिक जीवन में अधिक आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रही हैं।
भारतीय परंपरा और डबल इंजन सरकार
भारतीय संस्कृति में नारी को सम्मान देने की परंपरा उतनी ही पुरानी है जितनी यह सभ्यता। योगी सरकार और केंद्र की मोदी सरकार दोनों ने इस परंपरा को आगे बढ़ाने का बीड़ा उठाया है।
- महिला स्वयं सहायता समूहों का सशक्तिकरण,
- निराश्रित महिला पेंशन की पात्रता की आयु सीमा हटाकर राशि में वृद्धि,
- कन्या सुमंगला योजना,
- किसान सखी और बैंक सखी योजनाएं
इस दिशा में उठाए गए ठोस कदम हैं।
गोरक्षपीठ और नारी सम्मान
गोरक्षपीठ में नवरात्र का विशेष महत्व है। यहां दोनों नवरात्रों में विशेष पूजा-पाठ होता है और अंतिम दिन कन्या पूजन कर उन्हें सम्मानित किया जाता है। स्वयं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कन्याओं का पांव पखारते हैं, उन्हें भोजन कराते हैं और दक्षिणा देकर विदा करते हैं। यह परंपरा नारी के प्रति सम्मान का गहरा संदेश देती है।

शिक्षा और स्वावलंबन की परंपरा
गोरक्षपीठ द्वारा संचालित महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद कई दशकों से आधी आबादी के शैक्षिक उत्थान और आर्थिक स्वावलंबन की धुरी रही है।
यहां आठ ऐसे शिक्षण संस्थान हैं जो विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा और स्वावलंबन को समर्पित हैं—
- महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज
- महाराणा प्रताप महिला पीजी कॉलेज
- महाराणा प्रताप टेलरिंग कॉलेज
- दिग्विजयनाथ बालिका पूर्व माध्यमिक विद्यालय
- महाराणा प्रताप मीराबाई महिला छात्रावास
- दिग्विजयनाथ महिला छात्रावास
- गुरु श्रीगोरक्षनाथ स्कूल ऑफ नर्सिंग
- योगिराज बाबा गम्भीरनाथ निःशुल्क सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र
इन संस्थानों से हर वर्ष हजारों बालिकाएं शिक्षा प्राप्त कर स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ रही हैं।
नारी शक्ति को समर्पित परंपरा और वर्तमान पहल
गोरक्षपीठ की परंपरा और योगी सरकार की पहल मिलकर आज उत्तर प्रदेश में नारी शक्ति को नई पहचान दे रही है। मिशन शक्ति का पांचवां चरण इसी विरासत और संकल्प को आगे बढ़ाएगा।
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