October 16, 2025 5:16 AM

भारतीय वायुसेना ने मिग-21 को दी भावभीनी विदाई, 60 वर्षों की सेवा का अंत; तेजस लेगा जगह

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  • वायुसेना 26 सितंबर को अपने प्रतिष्ठित मिग-21 लड़ाकू विमान को सेवा से सेवानिवृत्त कर रही

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना (IAF) 26 सितंबर को अपने प्रतिष्ठित मिग-21 लड़ाकू विमान को सेवा से सेवानिवृत्त कर रही है। लगभग छह दशकों तक देश की वायु शक्ति का आधार रहे इस विमान को अब अपनी ऐतिहासिक सेवा और विरासत के लिए याद किया जाएगा। इसकी जगह तेजस लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) मार्क 1A को शामिल किया जाएगा।


मिग-21 का गौरवमयी इतिहास

मिग-21 को वायुसेना में 1963 में शामिल किया गया था और यह भारत का पहला सुपरसोनिक लड़ाकू विमान था। इसकी पहली स्क्वाड्रन, 28 स्क्वाड्रन, चंडीगढ़ में स्थापित की गई थी। इसे “फर्स्ट सुपरसॉनिक्स” के नाम से जाना जाता था।

वायुसेना ने इस विमान को राष्ट्र का योद्धा बताया, जिसने आकाश में देश के गौरव को बनाए रखा। इसके लिए वायुसेना ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें मिग-21 के उल्लेखनीय युद्ध और अभियानों का जिक्र किया गया।


युद्ध और अभियानों में योगदान

मिग-21 ने कई महत्वपूर्ण सैन्य अभियानों और युद्धों में भाग लिया। इसमें 1971 का भारत-पाकिस्तान युद्ध शामिल है, जहां इसने अपनी उच्च क्षमता दिखाई। इस विमान ने दुश्मन के एफ-104 और एफ-16 जैसे आधुनिक विमानों को भी मार गिराया।
इसके अलावा, मिग-21 को कारगिल युद्ध में भी तैनात किया गया था। इसे अक्सर कमांडरों की पहली पसंद माना जाता था, क्योंकि यह तेज़ गति और कम समय में उड़ान भरने की क्षमता रखता था।


पायलट, इंजीनियर और तकनीशियनों की प्रशंसा

मिग-21 के सभी वेरिएंट ने वायुसेना की संचालन रणनीति और युद्ध क्षमता को दशकों तक प्रभावित किया। इसे उड़ाने वाले पायलट, इंजीनियर और तकनीशियन इसके समर्थक रहे। इसके साथ ही मिग-21 ने देश की स्वदेशी एयरोस्पेस तकनीक और उत्पादन क्षमता को भी बढ़ावा दिया।


तेजस लेंगे मिग-21 की जगह

अब मिग-21 की सेवा समाप्त होने के बाद, इसकी जगह तेजस LCA मार्क 1A को शामिल किया जाएगा, जो नई पीढ़ी का लड़ाकू विमान है और भारतीय वायु सेना की ताकत को और बढ़ाएगा।

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