October 15, 2025 3:03 PM

भारतीय वायुसेना ने मिग-21 को दी विदाई, 62 वर्षों की गौरवशाली सेवा का हुआ समापन

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62 साल बाद भारतीय वायुसेना से रिटायर हुआ मिग-21, एयरफोर्स चीफ ने भरी आखिरी उड़ान

चंडीगढ़। भारतीय वायुसेना का ऐतिहासिक मिग-21 फाइटर जेट आखिरकार 62 वर्षों की सेवा पूरी करने के बाद शुक्रवार को आधिकारिक रूप से रिटायर हो गया। चंडीगढ़ एयरबेस पर आयोजित भव्य समारोह में इस विमान को सम्मानपूर्वक विदाई दी गई। एयरफोर्स चीफ एयर चीफ मार्शल वी.आर. चौधरी के बाद अब वर्तमान एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने 23 स्क्वाड्रन के 6 मिग-21 के साथ आखिरी उड़ान भरकर इस युग का समापन किया। समारोह में स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा ने भी फ्लाई पास्ट में हिस्सा लिया और भारतीय वायुसेना की नई पीढ़ी की क्षमता को दर्शाया।

मिग-21 भारतीय वायुसेना में 1963 में चंडीगढ़ एयरबेस से ही शामिल हुआ था और तब से लेकर आज तक यह कई ऐतिहासिक अभियानों और युद्धों का हिस्सा बना। 1965 के भारत-पाक युद्ध, 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम, 1999 के कारगिल युद्ध और 2019 के बालाकोट एयर स्ट्राइक में मिग-21 ने अपनी ताकत और विश्वसनीयता साबित की। यह भारत का पहला सुपरसोनिक जेट था, जो आवाज की गति से भी तेज उड़ सकता था। वायुसेना ने इसकी जगह अब स्वदेशी तेजस एलसीए मार्क-1ए को शामिल करने का फैसला किया है।

ऐतिहासिक योगदान और गौरव का प्रतीक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समारोह में मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि मिग-21 का योगदान केवल किसी एक युद्ध या ऑपरेशन तक सीमित नहीं रहा। चाहे 1971 का युद्ध हो, कारगिल संघर्ष हो, या फिर बालाकोट एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर, हर मौके पर इस जेट ने भारतीय वायुसेना को मजबूती प्रदान की। उन्होंने कहा, “आज जब हम इसे विदा कर रहे हैं, तो मेरे मन में गर्व और कृतज्ञता की भावना है। मिग-21 केवल एक मशीन नहीं है, बल्कि यह भारत-रूस की मित्रता और विश्वास का प्रतीक भी है।”

गौरवशाली सफर और यादें

भारत में कुल 850 मिग-21 विमान रहे हैं। दशकों तक यह ‘वायुसेना की रीढ़’ माना जाता रहा। कई पायलटों के लिए यह विमान उनकी पहली सुपरसोनिक उड़ान का अनुभव बना। राजनाथ सिंह ने कहा कि इस विमान से जुड़ी असंख्य यादें भारतीय सेना और देश के नागरिकों के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगी।

विदाई समारोह के दौरान जगुआर और तेजस फाइटर जेट ने भी फ्लाई पास्ट कर मिग-21 को सलामी दी। एयर चीफ एपी सिंह ने आखिरी उड़ान को स्वयं लीड कर इस विमान के प्रति वायुसेना की श्रद्धा और सम्मान को प्रकट किया।

नए युग की शुरुआत

अब मिग-21 की जगह वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए स्वदेशी तेजस एलसीए मार्क-1ए को शामिल किया जा रहा है। यह आधुनिक विमान न केवल तकनीकी रूप से उन्नत है बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता का भी प्रतीक है। वायुसेना का मानना है कि तेजस जैसे विमान आने वाले दशकों में देश की रक्षा को नई ऊंचाई देंगे।

मिग-21 भले ही अब इतिहास बन गया हो, लेकिन इसकी वीरता, गौरव और त्याग की कहानियां हमेशा भारतीय आकाश में गूंजती रहेंगी।


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