• पति राजा रघुवंशी की हत्या के आरोप में जेल में बंद सोनम रघुवंशी ने अदालत में जमानत याचिका दायर की

शिलॉन्ग। देशभर में सुर्खियों में रहे मेघालय हनीमून हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। अपने पति राजा रघुवंशी की हत्या के आरोप में जेल में बंद सोनम रघुवंशी ने अदालत में जमानत याचिका दायर की है। सोहरा उप-मंडल के प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तारीख तय की है। मामले को लेकर अभियोजन और बचाव पक्ष आमने-सामने आ गए हैं।

अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें

अतिरिक्त लोक अभियोजक तुषार चंद्रा ने बताया कि शुक्रवार को सोनम की ओर से जमानत याचिका दाखिल की गई थी। लेकिन अभियोजन पक्ष ने इस मामले के रिकॉर्ड और दस्तावेजों की विस्तृत जांच के लिए समय मांगा है। वहीं, सोनम की ओर से पेश वकील ने कहा कि पुलिस द्वारा अदालत में दाखिल किए गए आरोप-पत्र (चार्जशीट) में गंभीर खामियां हैं। उनका दावा है कि आरोप-पत्र में कई विरोधाभास और अधूरे तथ्य दर्ज किए गए हैं, जिनके आधार पर सोनम को जेल में रखना उचित नहीं है।

हत्या का पूरा घटनाक्रम

इंदौर के व्यवसायी राजा रघुवंशी अपनी पत्नी सोनम के साथ मई महीने में हनीमून मनाने मेघालय पहुंचे थे। लेकिन अचानक दोनों लापता हो गए, जिसके बाद देशभर में तलाशी अभियान शुरू हुआ।
कुछ दिनों बाद राजा रघुवंशी का शव सोहरा के वेइसाडोंग इलाके की एक सुनसान पार्किंग में मिला। जांच में खुलासा हुआ कि राजा की हत्या तीन पेशेवर सुपारी किलर्स – विशाल सिंह चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी – ने की थी। इस हत्या की साजिश में सोनम और उसके प्रेमी राज कुशवाहा का नाम सामने आया।
पुलिस जांच में पता चला कि सोनम और राज ने मिलकर राजा को रास्ते से हटाने की योजना बनाई थी। इसके लिए तीन हत्यारों को शामिल किया गया। घटना के बाद सोनम ने उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया, जबकि मेघालय पुलिस ने बाकी आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस की चार्जशीट और सबूत

मेघालय पुलिस ने पिछले सप्ताह इस हत्याकांड में 790 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल की थी। इसमें सोनम, उसके प्रेमी राज कुशवाहा और तीनों हत्यारों के खिलाफ हत्या की साजिश, हत्या और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। चार्जशीट में कॉल डिटेल्स, गवाहों के बयान, घटनास्थल की जांच रिपोर्ट और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों का जिक्र है।
हालांकि, सोनम की ओर से कहा गया है कि इन सबूतों को गलत तरीके से पेश किया गया है और पुलिस ने मामले को राजनीतिक दबाव और जनभावनाओं के आधार पर आगे बढ़ाया है।

अदालत में अगला कदम

अब 17 सितंबर को अदालत यह तय करेगी कि सोनम की जमानत याचिका पर क्या निर्णय लिया जाए। यदि अदालत को आरोप-पत्र में खामियां नजर आती हैं या अभियोजन पक्ष उचित सबूत प्रस्तुत करने में विफल रहता है, तो सोनम को राहत मिल सकती है। वहीं, अभियोजन पक्ष का कहना है कि इस हत्याकांड में सोनम की संलिप्तता स्पष्ट है और उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए।

जनता और परिजनों की प्रतिक्रिया

राजा रघुवंशी की हत्या के बाद से उनके परिजनों और इंदौर के व्यापारिक वर्ग में गहरा आक्रोश है। वे लगातार कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। राजा के परिवार का कहना है कि यह हत्या न सिर्फ साजिशन की गई बल्कि इसे हनीमून की आड़ में योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिया गया। वहीं, स्थानीय लोगों का मानना है कि यह केस मेघालय की छवि को भी प्रभावित कर रहा है, क्योंकि पर्यटन स्थल पर इस तरह की वारदात से आम जनता में भय का माहौल बन गया है।