मेरठ शिव मंदिर में मौलवी का बेटा पुजारी बन बैठा, एक साल तक निभाता रहा झूठी हिंदू पहचान
मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले के दौराला थाना क्षेत्र से धार्मिक आस्था और सामाजिक विश्वास को हिला देने वाला मामला सामने आया है। यहां दादरी गांव में एक युवक ने झूठी पहचान अपनाकर एक पुराने शिव मंदिर में पुजारी की भूमिका निभाई। एक वर्ष तक नियमित पूजा-पाठ और धार्मिक गतिविधियां करते हुए वह ग्रामीणों की आस्था का पात्र बन गया, लेकिन हाल ही में जब उसकी सच्चाई उजागर हुई तो सबके पैरों तले जमीन खिसक गई।
झूठी पहचान बनाकर पहुंचा मंदिर
करीब एक साल पहले उक्त युवक गांव में पहुंचा और खुद को “कृष्ण, पुत्र संतोष, निवासी दिल्ली” बताकर मंदिर में रहने की अनुमति मांगी। ग्रामीणों को लगा कि मंदिर की देखरेख करने वाला कोई नहीं है, ऐसे में यह युवक मंदिर की सेवा करेगा। इसी विश्वास के चलते उसे मंदिर में रहने की इजाज़त दे दी गई।
युवक ने पूजा-पाठ, हवन, प्रसाद वितरण जैसे धार्मिक कार्य पूरी निष्ठा से शुरू कर दिए। उसने ग्रामीणों को ज्योतिष और हस्तरेखा के ज्ञान का भी भ्रम दिया, जिससे उसका धार्मिक प्रभाव और भी बढ़ गया। लोग उसे गहरा धार्मिक व्यक्ति मानने लगे और श्रद्धा से दान-दक्षिणा देने लगे।

शक हुआ तो खुली सच्चाई
कुछ महीनों बाद ग्रामीणों को युवक की बोली और व्यवहार में कुछ असामान्यता महसूस हुई। संदेह गहराने पर उससे पहचान पत्र मांगा गया, लेकिन वह लगातार बहाने बनाता रहा। अंततः ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। जब पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ की, तब उसकी असलियत सामने आई।
असली नाम मोहम्मद कासिम, पिता मौलवी
पुलिस जांच में पता चला कि युवक का असली नाम मोहम्मद कासिम है और वह बिहार का निवासी है। सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि उसके पिता एक मौलवी हैं। उसने खुद स्वीकार किया कि उसने झूठी पहचान बनाकर मंदिर में रहने की अनुमति प्राप्त की और मंदिर में चढ़ाई गई राशि का निजी उपयोग भी किया।

गंभीर धाराओं में केस दर्ज
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने जानकारी दी कि आरोपी युवक पर धार्मिक पहचान छिपाने, धोखाधड़ी, धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ और मंदिर निधि के दुरुपयोग के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बिहार पुलिस से संपर्क कर कासिम की पृष्ठभूमि की विस्तृत जांच की मांग की है।
साजिश या सिर्फ व्यक्तिगत लालच?
पुलिस इस बिंदु पर भी जांच कर रही है कि यह महज एक व्यक्ति की धोखाधड़ी थी या इसके पीछे कोई संगठित साजिश है। यदि जांच में और लोग शामिल पाए जाते हैं तो उन पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
धार्मिक भावनाओं को ठेस, गांव में रोष
घटना सामने आने के बाद गांव में गहरा आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि उनकी श्रद्धा और आस्था के साथ छल किया गया है। लोगों ने मांग की है कि ऐसे मामलों में कठोरतम दंड दिया जाए ताकि भविष्य में कोई धार्मिक स्थल को छल का माध्यम न बना सके।
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