विश्नोई बोले – वैश्विक संकटों के समाधान में अग्रणी भूमिका निभा रहा मीडियाप्रो. द्विवेदी का आह्वान – संवाद परंपरा से खोजें हल, भारतीय मूल्यों के साथ खड़ी हो पत्रकारिता
माउंट आबू (राजस्थान), 3 मई।
विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के मीडिया प्रभाग द्वारा “वैश्विक शांति व सद्भाव के अग्रदूत के रूप में मीडिया की भूमिका” विषय पर चार दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य आगाज हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए राजस्थान के उद्योग एवं खेल राज्य मंत्री के.के. विश्नोई ने कहा कि जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण संकट, युद्ध, आतंकवाद जैसी वैश्विक चुनौतियों के बीच मीडिया ने हमेशा समाज को नई दिशा दी है।
विश्नोई ने मीडियाकर्मियों की सराहना करते हुए कहा, “मीडिया के प्रतिनिधि कठिन परिस्थितियों में भी सच्चाई और जनहित के लिए कार्य करते हैं। वे न केवल सूचनाएं देते हैं बल्कि समाधान की ओर भी समाज को प्रेरित करते हैं।”
आतंकवाद के विरुद्ध पूरा भारत एकजुट – डॉ. गोपाल शर्मा
कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार एवं जयपुर के विधायक डॉ. गोपाल शर्मा ने कहा कि आज जब दुनिया भर में अशांति और भय का माहौल है, तब केवल सत्यनिष्ठ और स्वाभिमानी पत्रकारिता ही समाज में शांति व सौहार्द को स्थापित कर सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “भारत आतंकवाद के खिलाफ एक है, मीडिया को भी इस एकजुटता का स्वर बनना चाहिए।”
भारतीय संवाद परंपरा को पुनर्स्थापित करे मीडिया – प्रो. संजय द्विवेदी
भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के पूर्व महानिदेशक प्रो. संजय द्विवेदी ने कहा कि भारतीय मीडिया को बाजार और विवाद की संस्कृति से ऊपर उठकर संवाद और समाधान आधारित पत्रकारिता को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी परंपरा में प्रश्न पूछे जाते थे और उत्तर संवाद से मिलते थे। आज का टीआरपी-आधारित वितंडावाद देश को बांट रहा है, यह हमारी परंपरा नहीं है।”
शांति के बिना विकास संभव नहीं – प्रो. मानसिंह परमार
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. मानसिंह परमार ने कहा कि “भारत हमेशा से शांति का संदेश देता आया है। यदि शांति नहीं होगी तो विकास भी अधूरा रहेगा। मीडिया को इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभानी होगी।”
सम्मेलन में देशभर से जुटे पत्रकार और विचारक
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संगठन की मुख्य प्रशासिका राजयोगिनी बीके मोहिनी बहन, संयुक्त प्रशासिका बीके सुदेश दीदी, बीके मृत्युंजय, दैनिक जागरण के कार्यकारी संपादक विष्णु प्रकाश त्रिपाठी, बीके करुणा, बीके आत्मप्रकाश, बीके शांतनु, बीके निकुंज, बीके सुशांत, बीके सरला, बीके चंद्रकला, और डॉ. बीके रीना सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।
सम्मेलन की अध्यक्षता ब्रह्माकुमारीज के मीडिया प्रभाग प्रमुख बीके करुणा ने की।
कार्यक्रम के अंत में बीके शीलू बहन ने राजयोग अभ्यास कराते हुए सभी प्रतिभागियों को गहन शांति की अनुभूति कराई।
संवाद, समाधान और समरसता की प्रेरणा
यह सम्मेलन न केवल पत्रकारिता के सामाजिक उत्तरदायित्वों पर मंथन का अवसर बना, बल्कि भारत की प्राचीन संवाद परंपरा को फिर से जीवंत करने का संकल्प भी उभरा। आयोजकों के अनुसार, अगले तीन दिन तक मीडिया, आध्यात्म और राष्ट्र निर्माण से जुड़े कई विषयों पर सत्र आयोजित होंगे।
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