डॉ. मनमोहन सिंह को अर्थशास्त्र के लिए मरणोपरांत मिला पीवी नरसिम्हा राव स्मृति पुरस्कार
नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और प्रख्यात अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह को देश की अर्थव्यवस्था और राष्ट्र निर्माण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए मरणोपरांत पीवी नरसिम्हा राव स्मृति अर्थशास्त्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान हैदराबाद स्थित पीवी नरसिम्हा राव स्मृति संस्थान (PVNMF) की ओर से प्रदान किया गया।
संस्थान ने बुधवार को जारी एक बयान में बताया कि बीते सप्ताह राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित समारोह में डॉ. मनमोहन सिंह की पत्नी गुरशरण कौर ने यह पुरस्कार ग्रहण किया। पुरस्कार का वितरण पूर्व योजना आयोग के उपाध्यक्ष और सेंटर फॉर सोशल एंड इकोनॉमिक प्रोग्रेस के विशिष्ट फेलो मोंटेक सिंह अहलुवालिया ने किया। इस अवसर पर पीवीएनएमएफ के अध्यक्ष के. रामचंद्र मूर्ति और महासचिव माधमचेट्टी अनिल कुमार भी मौजूद थे।
पीवी नरसिम्हा राव स्मृति संस्थान ने यह पुरस्कार अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान को मान्यता देने के लिए स्थापित किया है। डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान विशेष रूप से 1991 के आर्थिक सुधारों से जुड़ा है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी। तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और वित्त मंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की जोड़ी ने देश को आर्थिक उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण की राह पर आगे बढ़ाया।
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आर्थिक सुधारों के जरिए भारत ने न केवल विदेशी निवेश को आकर्षित किया, बल्कि उद्योग, व्यापार और वित्तीय क्षेत्र में भी नई ऊर्जा का संचार हुआ। यही कारण है कि डॉ. सिंह को आज भी भारतीय अर्थव्यवस्था के ‘आर्किटेक्ट ऑफ मॉडर्न इंडिया’ के रूप में याद किया जाता है।
यह पुरस्कार न केवल उनके योगदान को सम्मानित करता है, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी यह संदेश देता है कि दूरदर्शिता, साहसिक नीतिगत निर्णय और जनहित में किए गए सुधार राष्ट्र निर्माण की आधारशिला होते हैं।
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